SDG India Index 4.0 तथा मल्टी डायमेंशनल पॉवर्टी इंडेक्स विषय पर कार्यशाला |

SDG India Index 4.0 तथा मल्टी डायमेंशनल पॉवर्टी इंडेक्स विषय पर कार्यशाला

Workshop on SDG India Index 4.0 and Multi Dimensional Poverty Index

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रायपुर/नवप्रदेश। SDG India Index 4.0 : छत्तीसगढ़ राज्य योजना आयोग और नीति आयोग, नई दिल्ली ने आगामी एसडीजी इंडिया इंडेक्स 4.0 और बहुआयामी गरीबी सूचकांक पर चर्चा करने के लिए बुधवार को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। एसडीजी का आयोजन हर साल नीति आयोग नई दिल्ली द्वारा किया जाता है। सूचकांक जारी किया जाता है, जिसमें राज्यों को लक्ष्य के लिए प्रत्येक एसडीजी रैंकिंग दी जाती है। अब तक नीति आयोग इस संबंध में तीन इंडेक्स जारी कर चुका है।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए उपाध्यक्ष, राज्य योजना आयोग, अजय सिंह ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा सतत् विकास को सुनिश्चित करने के लिए 17 एसडीजी लक्ष्य निर्धारित किये गये है और इनके उद्देश्यों की पूर्ति हेतु देश तथा राज्य प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य स्तर पर इन लक्ष्यों के अंतर्गत प्राप्त प्रगति के मूल्यांकन हेतु राज्य योजना आयोग द्वारा ’’एस.डी.जी. स्टेट इंडिकेटर फ्रेमवर्क’’ एवं ’’एस.डी.जी. बेसलाईन एवं प्रोग्रेस रिपोर्ट’’ तैयार की गई है, जिसे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा 12 जुलाई 2021 को जारी किया गया है।

यह रिपोर्ट विभागों को उनकी प्रगति की नियमित समीक्षा करने, प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान करने और साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण को प्रोत्साहित करने हेतु बेहद उपयोगी है। एस.डी.जी. के राज्य में सतत विकास लक्ष्य अंतर्गत प्रगति के अनुश्रवण व अनुशीलन के लिए तीन समितियों का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय एसडीजी संचालन समिति, मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय एसडीजी क्रियान्वयन एवं निगरानी समिति तथा जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय एसडीजी क्रियान्वयन एवं निगरानी समिति गठित की गई है।

सतत् विकास लक्ष्य (एस.डी.जी.) प्राप्ति हेतु डेशबोर्ड से की जायेगी जिलो की रैंकिंग

डेशबोर्ड से की जायेगी जिलो की रैंकिंग

श्री सिंह ने कहा कि सतत् विकास लक्ष्य (SDG India Index 4.0) के जिला स्तर तक स्थानीयकरण एवं सतत् प्रभावी मॉनिटरिंग की सुनिश्चितता हेतु राज्य योजना आयोग ने सभी संबंधित विभागों और जिलों के अधिकारियों के परामर्श से 82 संभावित संकेतकों की पहचान करते हुए छत्तीसगढ़ एसडीजी जिला संकेतक फ्रेमवर्क (सीजी-डीआईएफ) विकसित किया है। उक्त डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क के आधार पर जिले सतत् विकास लक्ष्यो की प्रगति जिला स्तर पर भी नियमिति अनुश्रवण एवं अनुशीलन सुनिश्चित कर सकेंगे। श्री सिंह ने मल्टी डाइमेंशनल पोवर्टी इंडेक्स के बारे में जानकारी देते हुये बताया कि इसमें गरीबी के पैमाने को शिक्षा, स्वास्थ्य एवं जीवन स्तर के आधार पर आंका गया है जबकि पूर्व में इसे आर्थिक आधार पर आंका जाता था।

नीति आयोग की रिपोर्ट में राज्य की रैंकिंग में सुधार की संभावना पर मंथन

कार्यशाला में छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने कहा कि राज्य सरकार मांग आधारित अर्थव्यवस्था की दिशा में फोकस कर रही है। विभिन्न योजनाओं एवं गतिविधियों के माध्यम से उपभोक्ता की आय बढ़ाकर बाजार की मांग में उत्तरोत्तर वृद्धि किये जाने का ध्येय है, जिससे राज्य की जी.डी.पी. अपेक्षानुसार बढ़ सके। उन्होंने कहा कि राज्य योजना आयोग द्वारा विगत वर्षो में की गई पहलों ने राज्य और जिला स्तर पर ठोस प्रभावी निगरानी ढांचा तैयार किया है जो निश्चित रूप से एसडीजी लक्ष्य हासिल करने में मदद करेगा। मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार के विकास एजेंडा एसडीजी के साथ जुड़े हुए हैं और इसके अधिक प्रभावी कार्यान्वयन के लिए रोडमैप बनाने, एसडीजी के स्थानीयकरण को मजबूत करने और गरीबी उन्मूलन के लिए विचार मंथन हेतु आज की सभा एक महत्वपूर्ण पहल है।

रोडमैप और गरीबी उन्मूलन पर हुआ विचार

कार्यशाला (SDG India Index 4.0) में नीति आयोग एसडीजी की एडवाइजर संयुक्ता समाद्दार ने अपने प्रस्तुतीकरण में एसडीजी स्थानीयकरण के महत्व एवं उपयोगिता के संबंध में जानकारी दी। प्रत्येक वर्ष जारी किये जाने वाले एसडीजी इंडिया इंडेक्स के औचित्य के बारे में जानकारी देते हुये इन्होंने बताया कि उपरोक्त फ्रेमवर्क एस.डी.जी. लक्ष्यों की समयबद्ध प्राप्ति हेतु आवश्यक तथा अनुश्रवण व अनुशीलन के लिये अत्यंत उपयोगी है। उन्होंने कहा कि इन इंडिकेटर्स की नियमित मॉनिटरिंग से राज्य की रैंकिंग में उत्तरोत्तर सुधार संभव हो सकेगा। उन्होंने ये भी जानकारी दी कि इंडेक्स में शामिल इंडिकेटरवार प्रदत्त डाटा से यह जानना अत्यंत आसान होता है कि किन क्षेत्रों में राज्य उल्लेखनीय उपलब्धि अर्जित कर रहा है तथा किन क्षेत्रों में सुधार की संभावना है।

कार्यशाला में मौजूद जॉब जकारिया, चीफ, यूनिसेफ, छत्तीसगढ़ द्वारा अपने समापन भाषण में राज्य योजना आयोग द्वारा एस.डी.जी. क्षेत्र में किये गये कार्य की सराहना की। उन्होने कहा कि एसडीजी हासिल करने के लिए गरीबी को उसके सभी रूपों और आयामों में मिटाना अनिवार्य है।

राज्य योजना आयोग भवन, नवा रायपुर में आयोजित इस कार्यशाला में अनूप कुमार श्रीवास्तव, सदस्य सचिव, राज्य योजना आयोग, डॉ. नीतू गौरडिया, संयुक्त संचालक, राज्य योजना आयोग, नीति आयोग, नई दिल्ली के पदाधिकारी, छत्तीसगढ़ एस.डी.जी. से संबंधित सभी विभागो के भारसाधक सचिव, विभागाध्यक्ष,यूनिसेफ के अधिकारी मेहबूब रहमान एवं रेबुल अंसारी एवं राज्य योजना आयोग के अधिकारी मुक्तेश्वर सिंह उपस्थित थे।

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