मोदी, शाह और सिंधिया को बर्खास्त की मांग वाली याचिका पर जज ने क्या कहा ?
-दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को PM नरेंद्र मोदी को लोकसभा से बर्खास्त करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की
नई दिल्ली। Petition demanding dismissal of Modi, Shah and Scindia: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई बहस का जवाब दिया। इससे पहले भारी हंगामे के कारण लोकसभा को अनिश्चितकाल के लिए निलंबित कर दिया गया था। नई सरकार यानी मोदी सरकार 3.0 के शपथ ग्रहण और मंत्रियों को अपनी जिम्मेदारी संभाले अभी कुछ ही दिन हुए हैं।
हालांकि, कांग्रेस, टीएमसी, राजद और सपा समेत कई पार्टियां सरकार के अस्तित्व से इनकार कर रही हैं और आरोप लगा रही हैं कि मोदी सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है। इसके अलावा एक याचिकाकर्ता ने तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोकसभा से बर्खास्त करने के लिए सीधे कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा दिया।
पीएम मोदी को बर्खास्त करने की मांग वाली याचिका खारिज
दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोकसभा से बर्खास्त (petition demanding dismissal of Modi, Shah and Scindia) करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। फिलहाल इस याचिका में लगाए गए आरोप बेबुनियाद बताए है। साथ ही कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि हम इस मामले में एकल पीठ के फैसले से सहमत हैं।
याचिकाकर्ता को इलाज की जरूरत
अहम बात यह है कि एकल पीठ पहले ही याचिका खारिज कर चुकी है। हाई कोर्ट की ताजा पीठ ने कहा कि इस मामले में याचिकाकर्ता को निश्चित रूप से चिकित्सा उपचार की जरूरत है। साथ ही संबंधित पुलिस स्टेशन के प्रभारी उप-विभागीय मजिस्ट्रेट और जिला मजिस्ट्रेट को चिकित्सा स्वास्थ्य अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार उनकी निगरानी करने का भी निर्देश दिया गया है।
क्या है आरोप? –
कैप्टन दीपक कुमार की याचिका में आरोप लगाया गया कि मोदी और उनके सहयोगियों ने राष्ट्रीय सुरक्षा को अस्थिर करने के लिए 2018 में एयर इंडिया के विमान को दुर्घटनाग्रस्त करने की साजिश रची, जिसमें वह पायलट थे।
मोदी, शाह और सिंधिया को बर्खास्त करें
कोर्ट के समक्ष दलील देते हुए कैप्टन दीपक कुमार ने आरोप लगाया कि मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं और उन्हें लोकसभा से निष्कासित किया जाना चाहिए।