water conservation: सीएम बघेल के 20 साल पहले किए काम को केंद्रीय टीम ने...

water conservation: सीएम बघेल के 20 साल पहले किए काम को केंद्रीय टीम ने…

water conservation, cm baghel work of water recharging, central team, navpradesh,

water conservation

  • जल संवर्धन का बड़ा काम गजरा नाले में 2001 में पीएचई मंत्री रहते किया था सीएम बघेल ने
  • इसी की सफलता पर तैयार हुई नरवा की पृष्ठभूमि
  •  केंद्र सरकार के जलशक्ति मंत्रालय के टास्क फोर्स के सदस्यों ने गजरा वाटरशेड देख कहा
  • देश में अब लोग वाटर रिचार्ज की समस्या को समझ रहे हैं, कमाल की बात है पाटन में मुख्यमंत्री बघेल इसे 20 साल पहले ही कर चुके थे।
दुर्ग/नवप्रदेश। जल संवर्धन (water conservation) मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (cm baghel work of water recharging) के 20 साल पहले किए काम  को केंद्रीय टीम (central team) ने सराहा है।
water conservation, cm baghel work of water recharging, central team, navpradesh,
water conservation

गजरा वाटर शेड देखकर केंद्रीय टीम ने कहा कि पूरे देश में जल संवर्धन (water conservation) के लिए अब लोग वाटर रिचार्ज (water recharge ) की गंभीरता को समझ रहे हैं।

Navpradesh Exclusive: राज्य में 153 करोड़ रुपए से होगा जल एवं मृदा संरक्षण

यह कमाल की बात है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (cm baghel work of water recharging)  ने 20 बरस पहले पीएचई मंत्री रहते हुए आसन्न संकट की गंभीरता को समझा और गजरा वाटर शेड के रूप में भू-जल संवर्धन (water conservation) की सुंदर योजना लाई। जिसके मॉडल पर उन्होंने पूरे प्रदेश में ग्राउंड वाटर रिचार्ज के लिए नरवा योजना लाई।

CM Bhupesh Baghel ने किसानों से कहा-अफवाहों से दूर रहे, किसान न करें…

उल्लेखनीय है कि देश में पानी की एक-एक बूंद को सहेजने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने जलशक्ति मंत्रालय का गठन किया है। इसके अंतर्गत गठित टास्क फोर्स (central team) देश भर में जल संरक्षण के सबसे अच्छे प्रयोगों को परख रही है ताकि इनसे मिले फीडबैक के आधार पर जल संरक्षण के उपयोगी कार्यक्रम संचालित किए जा सकें। इसी उद्देश्य से छत्तीसगढ़ पहुंचे टास्क फोर्स ने गजरा वाटरशेड देखा।

20 वर्ष बाद भी उपयोगी बना है वाटर शेड

उस समय पीएचई मंत्री रहे  भूपेश बघेल ने वाटर रिचार्ज के उद्देश्य से इसका निर्माण कराया था। अपने निर्माण के 20 बरस बीतने के बाद भी गजरा वाटरशेड क्षेत्र के लोगों के लिए उपयोगी बना हुआ है। इसके बनने के बाद भूमिगत जल का स्तर तेजी से बढ़ा और आसपास जलसंकट तो दूर हुआ ही, खेती के लिए भी बोर में पर्याप्त पानी आ गया। टास्क फोर्स के सदस्यों ने इसकी प्रशंसा की।

पीएचई मंत्री रहते बघेल ने की थी कड़ी मेहनत : हिंगोरानी

टास्क फोर्स के सदस्य रहे पूर्व चीफ इंजीनियर हिंगोरानी ने बताया कि इसके प्रोजेक्ट के निर्माण के वक्त वे भी इसी विभाग में थे। अभी मुख्यमंत्री और उस समय पीएचई मंत्री रहे बघेल ने इस प्रोजेक्ट के लिए कड़ी मेहनत की थी और तकनीकी बिंदुओं सहित सभी बिन्दुओं पर मार्गदर्शन प्रदान किया था। यह इतना सार्थक काम रहा कि अब तक ग्रामीणों के लिए उपयोगी बना हुआ है।

250 वर्ग किमी में फैले 46 गांवों में बढ़ा भू-जल स्तर

हिंगोरानी ने बताया कि आज से 20 साल पहले भूपेश बघेल ने दूरदर्शिता का परिचय देते हुए जिस स्ट्रक्चर का निर्माण करवाया, उससे 250 वर्ग किमी में फैले 46 गांवों में भूमिगत जल स्तर में कमाल का उछाल आया है। इस दौरान जिला पंचायत सीईओ कुंदन कुमार ने विस्तार से जिले में चल रहे नरवा, गरवा, घुरूवा, बाड़ी के अंतर्गत नरवा कंपोनेट की जानकारी दी।

ये फर्क पड़ा गजरा वाटरशेड से

  • गजरा वाटरशेड मूलतः भूजलसंवर्धन का प्रोजेक्ट था।
  • 20 बरस पहले पाटन क्षेत्र के कुछ गांवों में वाटर लेवल गर्मियों में 40 मीटर तक नीचे चला जाता था।
  •  भू-जल संवर्धन के लिए गजरा वाटरशेड लाने का निर्णय किया गया।
  • इसके लिए एक्शन प्लान तैयार करने बघेल खुद इंजीनियरों के साथ बैठे और साइट का गहन अवलोकन भी किया।
  • 101 प्रकार के डिजाइन तैयार किए गए जिसमें मेसनरी स्टाप डेम, परकोलेशन डेम, बोल्डर चेक डेम, सिल्ट ट्रेप, डिसिल्ट आफ पोंड आदि शामिल हैं।
  • सारे स्ट्रक्चर डेढ़ से दो मीटर तक थे, इसका उद्देश्य था कि पानी नीचे जाए।

किसानों ने टीम को बताई प्राेजेक्ट की अहमियत

आज जब टास्क फोर्स गजरा वाटरशेड के पास अमेरी पहुंचा। वहां कुछ किसान मौजूद थे, उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के बनने से पेयजल संकट और सिंचाई का संकट पूरी तरह से समाप्त हो गया।  हिंगोरानी ने बताया कि ग्राउंड वाटर रिचार्ज होने से बड़े क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है। पीएचई के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर समीर शर्मा ने बताया कि पहले जो पानी चालीस मीटर तक नीचे चला जाता था, अब गर्मियों में भी 15 मीटर तक मिल जाता है। फिलहाल प्रोजेक्ट के गांवों में पानी छह मीटर से नौ मीटर तक उपलब्ध है।

जलप्रदाय योजनाओं की तारीफ भी की

सबको पेयजल उपलब्ध कराने की दिशा में केंद्र सरकार की योजना जल जीवन मिशन आई है। टास्क फोर्स आज ग्राम तर्रा पहुंची, यहां इन्होंने गांव में नलजल योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी ली। टास्क फोर्स के सदस्यों ने कहा कि गांव के 227 परिवारों को मिनीमाता योजना के अंतर्गत शुद्ध जल दिया जा रहा है यह काबिलेतारीफ है। उन्होंने सरपंच से इसके करारोपण संबंधी एवं संचालन संबंधी अन्य जानकारी भी ली। उन्होंने कहा कि पेयजल उपलब्ध कराने की दिशा में आपके द्वारा किये गए कार्य सराहनीय हैं।

पाहंदा में देखा माॅडल गौठान, कहा- ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने अच्छा कार्य

टास्क फोर्स के सदस्य सबसे पहले पाहंदा पहुंचे। यहां उन्होंने माडल गौठान देखा। जिला पंचायत सीईओ कुंदन कुमार ने विस्तार से नरवा, गरवा, घुरूवा, बाड़ी योजना की जानकारी दी तथा यहां हो रहे नवाचारों के बारे में बताया। टास्क फोर्स के सदस्य यहां काम कर रहीं स्वसहायता समूह की महिलाओं से भी मिले। उन्होंने कहा कि इस तरह के नवाचारों से ग्रामीण विकास को तेज गति से बढ़ाया जा सकता है।

JOIN OUR WHATS APP GROUP

डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *