Waste Disposal : सेग्रिगेशन शेड ने बदली ग्राम गम्हरिया की सूरत…

Waste Disposal : सेग्रिगेशन शेड ने बदली ग्राम गम्हरिया की सूरत…

Waste Disposal: Segregation shed changed the face of village Gamharia…

Waste Disposal

कचरे का निस्तारण कर महिलाओं ने कमाए 63 हजार रूपए

रायपुर/नवप्रदेश। Waste Disposal : मनरेगा और स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अभिसरण से बने सेग्रिगेशन शेड ने जशपुर जिले के गम्हरिया गांव की सूरत बदल दी है। वहां की ‘स्वच्छता दीदियां’ कचरे का निस्तारण कर गांव की सड़कों, गलियों और चौक-चौराहों को स्वच्छ रखने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। खुले में शौचमुक्त गांव बनने के बाद अब गम्हरिया प्लास्टिक एवं कूड़ा-करकट मुक्त ग्राम पंचायत भी बन गया है। सड़कों, गलियों और चौक-चौराहों पर फेंके जाने वाले कचरे को वहां की सूरज स्वसहायता समूह की महिलाओं ने अतिरिक्त कमाई का जरिया बनाया है। पिछले एक साल में इस समूह ने कचरे के निस्तारण और यूजर चार्ज से 63 हजार रूपए कमाए हैं।

Waste Disposal: Segregation shed changed the face of village Gamharia…
‘Swachhta Didi’ separating the collected waste

अब बुलाते है ‘स्वच्छता दीदी’

कचरा संकलन तथा उसे अलग-अलग कर निस्तारित (Waste Disposal) करने का काम इन महिलाओं के लिए सहज-सरल नहीं था। शुरूआत में जब वे रिक्शा लेकर कचरा संकलन के लिए घर-घर जाती थीं, तो लोग उन्हें ऐसे देखते थे जैसे वे कोई खराब काम कर रही हों। लोगों की हिकारत भरी नजरों के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और ग्राम पंचायत के सहयोग से इस काम को जारी रखा। इनके काम से गांव लगातार साफ-सुथरा होते गया, तो लोगों का नजरिया भी बदलने लगा। अब गांववाले इन्हें सम्मान के साथ ‘स्वच्छता दीदी’ कहकर पुकारते हैं।

घर-घर जाकर एकत्र किया कचरा

गम्हरिया की सूरज स्वसहायता समूह की महिलाएं सफाई मित्र (Waste Disposal) के रूप में घर-घर जाकर कचरा संकलित करती हैं। सेग्रिगेशन शेड यानि ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन केन्द्र में वे संकलित कचरा में से उनकी प्रकृति के हिसाब से उन्हें अलग-अलग करती हैं। कूड़े-कचरे के रूप में प्राप्त पॉलीथिन, खाद्य सामग्रियों के पैकिंग रैपर, प्लास्टिक के सामान, लोहे का कबाड़ एवं कांच जैसे ठोस अपशिष्टों को अलग-अलग करने के बाद बेच दिया जाता है।

कचरे बेचकर कमाए 28 हजार

समूह की सचिव सुनीता कुजूर बताती हैं कि पंचायत द्वारा निर्मित सेग्रिगेशन शेड (Waste Disposal) (कचरा संग्रहण केंद्र) में समूह की 12 महिलाएं जुलाई-2020 से कार्य कर रही हैं। शेड में एकत्रित ठोस कचरे की बिक्री से समूह को अब तक 28 हजार रूपए की कमाई हुई है। समूह द्वारा डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के लिए हर घर से प्रति माह दस रूपए और दुकानदारों से प्रति दुकान हर महीने 20 रूपए का यूजर चार्ज (स्वच्छता शुल्क) लिया जाता है। बीते एक साल में समूह के पास 35 हजार रूपए का यूजर चार्ज इकट्ठा हुआ है।

क्या है सेग्रिगेशन शेड?

गम्हरिया के सरपंच विलियम कुजूर बताते हैं कि ग्राम पंचायत के प्रस्ताव (Waste Disposal) पर ग्रामसभा के अनुमोदन के बाद मनरेगा से 2 लाख 69 हजार रूपए और स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) से एक लाख 85 हजार रूपए के अभिसरण से कुल 4 लाख 54 हजार रूपए की लागत से सेग्रिगेशन शेड (ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन केन्द्र) बनाया गया है। इस काम में गांव के 6 परिवारों के 11 श्रमिकों को 74 मानव दिवस का सीधा रोजगार प्राप्त हुआ था। इसके लिए उन्हें 13 हजार रूपए से अधिक का मजदूरी भुगतान किया गया। मनरेगा अभिसरण से निर्मित इस परिसम्पत्ति से गांव में स्वच्छता अभियान को नई दिशा मिली है। साथ ही गांव की 12 महिलाओं को कमाई का अतिरिक्त साधन भी मिला है।

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