Uttarkashi Tunnel Rescue Mission : झारखंड के मजदूर भक्तू मुर्मू के इंतज़ार में पिता बासेत मुर्मू ने तोडा दम
भक्तू मुर्मू के रेस्क्यू से चंद घंटे पहले सदमे से पिता बासेत उर्फ बारसा मुर्मू का मंगलवार सुबह निधन हो गया
नवप्रदेश डेस्क। Uttarkashi Tunnel Rescue Mission : 17 दिनों से टनल में फंसे बेटे की हिफाज़त के लिए दिन-रात दुआ करने वाले पिता बासेत उर्फ बारसा मुर्मू की मजदूर बेटे भक्तू मुर्मू इंतज़ार में ऑंखें पथरा गई। बेटे को बचाने के लिए जब अंतिम रेस्क्यू चल रहा था उससे चंद घंटे पहले पिता ने सदमे में दम तोड़ दिया।
झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के बाहदा गांव के भक्तू मुर्मू (29) 17 दिनों से टनल में फंसे हुए थे। मंगलवार सुबह 8 बजे उनके 70 साल के पिता बासेत उर्फ बारसा मुर्मू की मौत हो गई। वो अपने बेटे के बाहर आने की खबर तक नहीं सुन सके।
टनल में फंसे बिहार-झारखंड के 20 मजदूरों को बाहर निकाल लिया गया है। झारखंड का एक परिवार बेटे के बाहर निकलने की खुशी भी नहीं मना पाया। बेटे के बाहर निकलने की खबर आने से पहले ही पिता की मौत हो गई।
17 दिनों से पिता इंतजार करते रहे कि उनका बेटा अब वापस आएगा। मंगलवार को सदमे से उनका निधन हो गया। ग्रामीणों के अनुसार, नाश्ता करने के बाद वो अपने दामाद ठाकरा हांसदा के साथ आंगन में खाट पर बैठे थे।
अचानक वह खाट से नीचे गिरे और वही उनकी मौत हो गई। उनके तीन बेटे हैं और तीनों ही निधन के वक्त उसके पास नहीं थे। भक्तू का बड़ा भाई रामराय चेन्नई में रहता है। दूसरा भाई मंगल मुर्मू दूसरे गांव में मजदूरी करने गया था।