Ummeed ki Kiran : बंगाल की खाड़ी में बन रहा साइक्लोनिक सर्कुलेशन... |

Ummeed ki Kiran : बंगाल की खाड़ी में बन रहा साइक्लोनिक सर्कुलेशन…

Ummeed ki Kiran: Cyclonic circulation is being formed in the Bay of Bengal...

Ummeed ki Kiran

बस्तर संभाग में भी जमकर गिर सकता है पानी

रायपुर/नवप्रदेश। Ummeed ki Kiran : प्रदेश की जनता इन दिनों बारिश की कमी का सामना कर रही है, ऐसे में मौसम विभाग का पूर्वानुमान छत्तीसगढ़ के किसानों में उम्मीद की किरण जगा रहा है।

मौसम विज्ञानियों का अनुमान है कि अगले कुछ दिनों में यह मौसम बदलेगा। बताया गया कि पांच सितंबर को बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बन रहा है। इसके प्रभाव से प्रदेश में राहत के बादल बरसेंगे।

रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी एचपी चंद्रा ने बताया, साइक्लोनिक सर्कुलेशन प्रबल होकर उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ेगा। इसकी वजह से 6 और 7 सितंबर को प्रदेश में अच्छी बरसात (Ummeed ki Kiran) की संभावना बन रही है। इसका दायरा भी बड़ा होगा और बरसात की मात्रा भी अधिक हो सकती है। एचपी चंद्रा का कहना है, इस सिस्टम से दक्षिण छत्तीसगढ़ यानी बस्तर संभाग का बड़ा हिस्सा प्रभावित होगा।

मौसम विभाग के मुताबिक मानसून (Ummeed ki Kiran) द्रोणिका अभी नलिया, उदयपुर, गोंडा, गोंदिया, गोपालपुर और उसके बाद पूर्व की ओर पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी तक स्थित है। एक चक्रीय चक्रवाती घेरा पश्चिम-मध्य और उससे लगे दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी, दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश, उत्तर तटीय तमिलनाडु के ऊपर 1.5 किमी से 3.1 किमी ऊंचाई तक स्थित है। इसके प्रभाव से कल प्रदेश के कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। कुछ स्थानों पर गरज चमक के साथ छींटे पडऩे की संभावना भी जताई जा रही है।

15 प्रतिशत कम बरसा है पानी

मौसम विभाग के मुताबिक एक जून से आज सुबह 8.30 बजे तक प्रदेश भर में कुल 805.6 मिमी बरसात हुई है। इसी समय में प्रदेश की औसत सामान्य बरसात 951.6 मिमी रही है। यह सामान्य से 15 प्रतिशत कम है। प्रदेश के 12 जिलों में बेहद कम बरसात है। 50 से अधिक तहसीलों पर पूरी तरह सूखे का संकट मंडरा रहा है। कई जगह खरीफ की फसल सूखने लगी है।

रायपुर जिले की आरंग तहसील में 50 प्रतिशत भी बरसात नहीं है। पूरे रायपुर जिले में सामान्य से 30 प्रतिशत कम बरसात हुई है। प्रदेश का केवल एक जिला सुकमा ही ऐसा है, जहां सामान्य से 42 प्रतिशत अधिक पानी बरसा है।

मौसम विभाग के मुताबिक सितम्बर तक मानसून (Ummeed ki Kiran) का असर कम होने लगता है। इस महीने में सामान्य तौर पर कुल 9 से 10 दिन ही बरसात होती रही है। सामान्य तौर पर औसतन 200 मिमी पानी बरसता है।

पिछले वर्ष यानी सितम्बर 2020 में केवल 92.3 मिमी पानी बरसा था। पिछले 10 वर्षों के दौरान सितम्बर में सबसे अधिक बरसात 2019 में हुई। उस वर्ष 492.8 मिमी बरसात दर्ज हुई थी। 2016 में 393.7 और 2011 में 354.2 मिमी बरसात का रिकॉर्ड है।

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