Drought Assessment : सरकार ने कलेक्टरों से मांगी अनियमित और खंड वर्षा की रिपोर्ट

Drought Assessment : सरकार ने कलेक्टरों से मांगी अनियमित और खंड वर्षा की रिपोर्ट

Drafted Assessment: Government asked for irregular and block rainfall reports from collectors

Drafted Assessment

रायपुर समेत 18 जिले की 44 तहसीलों में आधी बारिश, खरीफ के नुकसान की समीक्षा

रायपुर/नवप्रदेश। Drought Assessment : छत्तीसगढ़ इस समय सूखे की चपेट में है। सरकार ने किसानों को हो रहे नुकसान का आकलन करने की तैयारी शुरू कर दी है। सरकार ने अनियमित बारिश और खंड वर्षा से बने हालात की ताजा जानकारी कलेक्टरों से मांगी है।

इसके अलावा खरीफ फसलों को हुए नुकसान का भी आंकलन (Drought Assessment) करने को कहा गया है। प्रदेश में औसत वर्ष की नजरिए से कांकेर जिले के दुर्ग कोंदल चारामा तथा कांकेर तहसील में कम बारिश होने की जानकारी सामने आई है।

इसी तरह सरगुजा की दरिमा तहसील बस्तर के बकावंड और रायपुर जिले की आरंग तहसील में 50 फीसदी से कम बारिश हुई है। बताया गया कि प्रदेश के 18 जिलों की 44 तहसीलों में औसत से 51 से 75 प्रतिशत तक ही बारिश हुई है।

23 जिलों की 65 तहसीलों में औसतन 76 से 100 फीसदी वर्षा हुई है। विशेषज्ञों के मुताबिक इस साल वर्षा का आचरण अनियमित तथा खंड वर्षा का है। इसकी वजह से एक ही तहसील में कई स्थानों पर अच्छी वर्षा हुई है, तो कहीं खरीफ फसल के लिए पर्याप्त पानी नहीं बरसा है।

राहत आयुक्त और सचिव राजस्व डॉ. रीता शांडिल्य ने कलेक्टरों से कहा कि अनियमित वर्षा एवं खंड वर्षा के कारण यह सूचना मिल रही है कि खरीफ फसलों को नुकसान पहुंचा है। पांच खरीफ फसलों के संबंध में विभाग को रिपोर्ट भेजें।

93% रकबे की बुआई हुई पूरी

एक किसान के लिए अगस्त के महीने में भरपूर बारिश खेतों के लिए वरदान साबित होती है, लेकिन अगस्त के महीने में 42 फीसदी कम बारिश ने राज्य के किसानों की चिंता बढ़ा दी है। जबकि अभी 93 प्रतिशत रकबे में बुआई पूरी हो चुकी है। धान के पौधों की ऊंचाई भी बढ़ चुकी है। किसानों को तो अब पौधों में बीमारी, कीड़े-मकौड़ों से बचाव के लिए दवा छिड़काव का समय है। कृषि मौसम विभाग ने किसानों को खेतों में 50 मिमी तक पानी रखने के निर्देश दिए हैं। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में मानसून की गतिविधियां बढ़ गई हैं।

खंडवर्षा में बताना होगा

तहसील का नाम, 31 अगस्त तक तहसील में औसत वर्षा, 1 जून से 31 अगस्त तक वर्षा मिमी में, 31 तक की वर्षा का औसत वर्षा से प्रतिशत, कमी या वृद्धि तथा कोई टिप्पणी।

फसलों को नुकसान

तहसील का नाम, राजस्व ग्रामों की संख्या, खरीफ फसलों का क्षेत्रफल हेक्टेयर में, पांच मुख्य खरीफ फसलों के नाम तथा बोए गए रकबे के आधार पर, प्रभावित फसल का नाम व बोया गया रकबा तथा प्रभावित रकबा, प्रभावित खरीफ फसल का नाम व बोया गया रकबा तथा प्रभावित रकबा हेक्टेयर में, किस प्रकार की क्षति हुई है, उत्पादकता पर कितना प्रभाव पड़ेगा।

एक-दो अच्छी बारिश जरूरी : डॉ. जीके दास

अगले कुछ दिनों में प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। इससे खेतों को जरूरत का पानी उपलब्ध हो सकता है। कृषि मौसम विभाग के एचओडी डॉ. जीके दास ने कहा कि प्रदेश में फिलहाल सूखे (Drought Assessment) जैसे हालात नहीं हैं। एक-दो अच्छी बारिश की जरूरी है। आसमान साफ होने पर किसान निंदाई का काम कर सकते हैं। दवा इत्यादि का छिड़काव करें, जिससे बीमारियां फैलने की आशंका नहीं रहेगी।

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