तुर्की ने सिर्फ दोस्ती के नाते भारत के खिलाफ पाकिस्तान की मदद नहीं की; असली इरादा यह है…

तुर्की ने सिर्फ दोस्ती के नाते भारत के खिलाफ पाकिस्तान की मदद नहीं की; असली इरादा यह है…

Turkey did not help Pakistan against India just out of friendship; the real intention is this…

Turkey did not help Pakistan against India

-तुर्की ने हमेशा पाकिस्तान का समर्थन किया है। चाहे वह कूटनीतिक कार्रवाई हो या सैन्य…

नई दिल्ली। Turkey did not help Pakistan against India: पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया। इसमें दुनिया के दो देश आतंकवादियों को पालने वाले पाकिस्तान के साथ खड़े हो गए। मुस्लिम बहुल तुर्की ने पाकिस्तान को सैनिक और युद्ध सामग्री उपलब्ध कराकर उसकी मदद की। जब तुर्की में विनाशकारी भूकंप आया तो भारत ने तुरंत मानवीय सहायता भेजी। भारत की मदद के बाद तुर्की ने संकट के समय साथ खड़े रहने के लिए भारत का आभार भी जताया था, लेकिन भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान तुर्की अपनी इस दयालुता को भूल गया।

तुर्की ने हमेशा पाकिस्तान का समर्थन किया है। चाहे वह कूटनीतिक कार्रवाई हो या सैन्य…लेकिन यह सिर्फ दोस्ती नहीं है, पाकिस्तान की मदद करने के पीछे तुर्की का असली मकसद कुछ और है। हाल के वर्षों में तुर्की अपने रक्षा उद्योग को मजबूत कर रहा है। तुर्की विश्व के अग्रणी हथियार निर्यातकों में से एक बनना चाहता है। तुर्की एक हथियार निर्यातक देश बनना चाहता है। पाकिस्तान, जिसकी सैन्य और रक्षा पर वह निर्भर है, तुर्की का ग्राहक है। तुर्की ने पाकिस्तान के साथ कई रक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। जिसमें युद्धपोत, टी-129 हमलावर हेलीकॉप्टर और विभिन्न ड्रोन शामिल हैं। इस समझौते से तुर्की को रक्षा उद्योग में अरबों डॉलर का राजस्व प्राप्त होगा।

तुर्की रक्षा उत्पादन का तेजी से विस्तार कर रहा

तुर्की पाकिस्तान का समर्थन सिर्फ मित्रता के कारण ही नहीं बल्कि कूटनीतिक निवेश के लिए भी करता है। वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान का समर्थन करके तुर्की (Turkey did not help Pakistan against India) न केवल एक मित्र के रूप में अपनी छवि बना रहा है, बल्कि अपने हथियार बाजार का भी विस्तार कर रहा है। पाकिस्तान के साथ मजबूती से खड़े होने से तुर्की की रक्षा उद्योग कंपनियों के लिए नए कारोबारी अवसर उपलब्ध होंगे। तुर्की के इरादे केवल पाकिस्तान तक ही सीमित नहीं हैं। वे अपने हथियार पूरी दुनिया में बेचना चाहते हैं। तुर्की मध्य पूर्व, अफ्रीका और एशिया में अपने रक्षा उत्पादन का तेजी से विस्तार कर रहा है। तुर्की पाकिस्तान जैसे देशों की मदद और समर्थन करके इस बाजार पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।

तुर्की 11वां सबसे बड़ा हथियार निर्यातक

तुर्की ने हथियारों के उत्पादन और बिक्री में बड़ी सफलता हासिल की है। तुर्की अब विश्व का 11वां सबसे बड़ा हथियार निर्यातक बन गया है। आंकड़ों के अनुसार, 2014-2018 की तुलना में 2019-2023 के बीच तुर्की का हथियार निर्यात व्यापार दोगुना हो गया है। मालदीव ने तुर्की से टीबी2 ड्रोन भी खरीदे हैं। वर्तमान में अग्रणी हथियार निर्यातक देशों में संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस, रूस, इटली, दक्षिण कोरिया, चीन, जर्मनी, ब्रिटेन, स्पेन और इजरायल शामिल हैं। इन शीर्ष देशों के बाद तुर्की 11वें स्थान पर है। तुर्की ने अपने हथियारों का सर्वाधिक 15 प्रतिशत निर्यात संयुक्त अरब अमीरात को किया है।

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