Thief Style : चोरों ने रुपए-गहने नहीं दस्तावेज चुराया, 60 हजार में बेचकर की मुर्गा पार्टी

Thief Style : चोरों ने रुपए-गहने नहीं दस्तावेज चुराया, 60 हजार में बेचकर की मुर्गा पार्टी

Thief Style: Thief stole documents, not money or ornaments, sold rooster party for 60 thousand

Thief Style

दुर्ग/नवप्रदेश। Thief Style : अभी तक चोर रूपये, गहने या इसी तरह का कीमती सामान चुराते थे, लेकिन पहली बार चोरों ने दफ्तर के पुराने दस्तावेज चुरा लिए और फिर उसे बेचकर मुर्गा- भात की पार्टी की। चोरी करने का ये जुदा अंदाज छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से देखने को मिला है।

यह मामला वन मंडल कार्यालय दुर्ग का है जहां के गोदाम से चोरी की वारदात को अंजाम दिया गया है। चोरों ने एक दिन में यह चोरी नहीं की बल्कि, धीरे-धीरे कर वन मंडल कार्यालय से 21 क्विंटल दस्तावेज चोरी कर लिए। जब एक दिन गोदाम अधिकारियों के सामने खोला गया तो मामले का खुलासा हुआ। वन विभाग की ओर से मामले की लिखित शिकायत पुलिस से की गई, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर चोरी के आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

चाेरी के बाद मुर्गा-दारू पार्टी

पुलिस (Thief Style) ने जीतू देवार, करण देवार, अर्जुन नेवाल, गोलू देवराज को पकड़ा और उनकी निशानदेही पर मिनाक्षी नगर दुर्ग निवासी कबाड़ी सुभाषचंद अग्रवाल, रावणभाठा सुपेला निवासी कबाड़ी शम्भु निगम एवं दुर्ग गयानगर निवासी कबाड़ी देवानंद सोनी को भी गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वे दस्तावेजों को रद्दी में बेचने के बाद मिले पैसों से मुर्गा और दारू पार्टी की थी।

मूल्यवान दस्तावेज को बेचा रद्दी के भाव

वन मंडल के गोदाम में रखे 40 वर्षों के रिकार्ड को 20 दिन के दरम्यान में चोरों ने पार किए थे। रिकार्ड ढूढ़े जाने पर गोदाम का ताला टूटा देखा गया। इसके बाद जांच में 21 क्विंटल से ज्यादा बहुमूल्य शासकीय दस्तावेज की चोरी का पता चला। पुलिस की जांच में पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि बहुमूल्य दस्तावेजों को उन्होंने रद्दी के भाव में 60000 रुपयों में कबाड़ी वाले को बेचा था। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर दस्तावेजों को बरामद कर लिया है। पुलिस ने मामले में 2 चौकिदार, 3 रद्दी खरीददार सहित कुल 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। मामले में एक आरोपी फरार है। पुलिस ने बीते सोमवार को मामले का खुलासा किया।

40 वर्ष पुराना अभिलेख मिले गायब

दुर्ग सीएसपी जितेंद्र यादव ने बताया कि बीते 9 अप्रैल को वन विभाग दुर्ग की संलग्नाधिकारी मोना महेश्वरी ने थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि वनमंडल कार्यालय पांच बिल्डिग के समीप पुराने शासकीय भवन में शासकीय अभिलेख दस्तावेज (लगभग 40 वर्ष पुराना) वर्ष 2012 से बोरी, रेक, पेटी, अलमारी में रखा गया था। 15 मार्च को स्थापना शाखा प्रभारी द्वारा उक्त भवन से आवश्यकता अनुसार पुराने अभिलेख ढूढंने गये, उस वक्त समस्त शाखाओं के अभिलेख भवन में उपलब्ध थे, लेकिन 8 अप्रैल को दस्तावेज गायब मिले।

9 अप्रैल को चौकी पदमनाभपुर में जाकर अज्ञात आरोपी (Thief Style) के खिलाफ प्रथम सूचना पत्र दर्ज कराई गई। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। जांच के दौरान पदमनाभपुर चौकी में पदस्थ आरक्षक किशोर सोनी को मुखबिर से सूचना मिली की देवारपारा के जीतू देवार एवं उसे साथी बोरियों में भराकर कुछ दस्तावेज अपने घर में छुपाकर रखे हैं।

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