मुंबई का वो आतंकी हमला, 26/11 के भयावह पल…..
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26-11 Attack
मुंबई। 26/11 Attack : एक हफ्ते से भी कम समय में, देश 26/11 के मुंबई आतंकी हमलों की 13वीं बरसी मनाएगा। ये तस्वीरें उन हमलों की भयावहता को याद करती हैं जिनमें 166 लोगों की जान चली गई थी और सैकड़ों अन्य घायल हुए थे।
तस्वीरें हमलों के कई स्थानों – ताज महल पैलेस एंड होटल, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (सीएसटी), ट्राइडेंट नरीमन पॉइंट, लियोपोल्ड कैफे, नरीमन हाउस और कामा अस्पताल को दर्शाती हैं।
इनमें एनएसजी कमांडो की बहादुरी (26/11 Attack) से चिह्न्ति किया गया, जिन्होंने ताज से 300, ट्राइडेंट से 250 और नरीमन हाउस से 60 लोगों (12 अलग-अलग परिवारों के सदस्य) को बचाया। इसके अलावा अनुकरणीय साहस दिखाते हुए मुंबई पुलिस के सहायक उप-निरीक्षक तुकाराम ओंबले जैसे लोग थे, जिन्होंने बिना हथियार होते हुए भी एक आतंकवादी को जिंदा पकड़ लिया। वो था आतंकी अजमल कसाब।
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राष्ट्र ने संयुक्त पुलिस आयुक्त हेमंत करकरे, मुंबई के आतंकवाद विरोधी दस्ते के प्रमुख, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अशोक कामटे, वरिष्ठ निरीक्षक विजय सालस्कर, वरिष्ठ निरीक्षक शशांक शिंदे और एनएसजी कमांडो, मेजर संदीप उन्नीकृष्णन और हवलदार गजेंद्र सिंह बिष्ट की शहादत पर भी शोक व्यक्त किया। सीएसटी में रेलवे के तीन अधिकारी भी शहीद हो गए थे। इस तरह 18 जाबांज को हमने खोया था।
गौरतलब है कि 26 नवंबर 2008 में देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पर एक आतंकवादी हमला हुआ था, जिसने भारत समेत पूरी दुनिया को सोचने पर मजबूर कर दिया था। 26/11 Attack को आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने मुंबई को बम धमाकों और गोलीबारी से दहला दिया था। एक तरह से करीब साठ घंटे तक मुंबई बंधक बन चुकी थी।
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26/11 हमले में दस हमलावरों में बस एक अजमल कसाब ही जिंदा पकड़ा जा सका था। चार साल की मशक्क्त के बाद अजमल फांसी तक पहुंचा। अजमल कसाब को 21 नवंबर, 2012 को पुणे के यरवडा जेल में सुबह साढ़े सात बजे फांसी दे दी गई।