कमार जनजाति के पुश्तैनी व्यवसाय को नहीं मिला शासकीय बाजार,लोकसभा उठ चुका है मामला

कमार जनजाति के पुश्तैनी व्यवसाय को नहीं मिला शासकीय बाजार,लोकसभा उठ चुका है मामला

The ancestral business of Kamar tribe did not get the government market, the matter has been raised in the Lok Sabha

Kamar Tribe

गरियाबंद/नवप्रदेश। Kamar Tribe : वर्षों से अत्यंत पिछड़ी कमार जनजाति के लोग बांस बर्तन का व्यवसाय करते आ रहे हैं, लेकिन व्यवसाय के लिए उचित बाजार उपलब्ध नहीं होने के कारण इन्हें ओने-पौने दाम में अपना उत्पाद बेचना पड़ रहा। मांग तो ये वर्षों से कर रहे हैं कि शासकीय बाजार उपलब्ध हो, लेकिन अभी तक शासन-प्रशासन ने सही तरीके से इस पर ध्यान दिया, जिसके चलते आज भी बांस बर्तन के व्यवसाय के लिए बाजार का अभाव है।

इस मामले को हाल में महासमुंद सांसद चुन्नीलाल साहू ने संसद में उठाया। सांसद को इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत इस मुद्दे को लोकसभा के पटल में रखा। उन्होंने महासमुंद और गरियाबंद जिले में निवासरत अत्यंत पिछड़ी कमार जनजाति के लोगों के जीवनशैली और इनके पुश्तैनी बांस बर्तन के व्यवसाय पर फोकस किया। सांसद की पहल के बाद इस मामले में कार्रवाई होनी शुरू हुई है।

केन्द्रीय जनजातीय (Kamar Tribe) कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने इस मामले को संज्ञान में लिया है। केन्द्रीय मंत्री ने सांसद से पत्राचार कर इस मामले में राज्य क्रियान्वयन एजेंसी के माध्यम से बांस के विकास के लिए नए वीडीवीके प्रस्ताव मांगने की जानकारी दी है।

छत्तीसगढ़ में महासमुंद लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले महासमुंद, धमतरी और गरियाबंद जिले के वनांचल क्षेत्र में बड़ी संख्या में पिछड़ी कमार जनजाति के लोग निवास करते हैं। इनकी संख्या करीब 20 हजार से अधिक है। गरियाबंद जिले में गरियाबंद, छुरा, मैनपुर, तथा महामसुंद जिले में महामसमुंद और बागबाहरा ब्लॉक के अलावा धमतरी जिले में नगरी और मगरलोड में भी कमार जनजाति के परिवार निवासरत हैं। इनके समुचित विकास के लिए कमार विकास अभिकरण का भी गठन किया गया है।

केंद्र सरकार विकास कार्यों (Kamar Tribe) के लिए फंड मुहैया कराती है। आज भी वनांचल में रहने वाले कमार जनजाति के लोगों के बेहतर विकास और उन्हें समाज के मुख्य धारा जुड़े इसके लिए इनके रोजगार और आय के साधन को मजबूत करने की जरूरत है। इसे देखते हुए सांसद ने लोकसभा में मुद्दा उठाया है। उन्होंने सरकार से बांस उत्पादों के विनिर्माण और इनके उत्पादों के लिए बाजार उपलब्ध कराने की मांग की।

सांसद ने बताया कि केन्द्रीय जनजाति मंत्री अर्जुन मुंडा ने पत्राचार कर बताया कि सरकार द्वारा वीडीवीकेसी समूह को बांस को अपनी आजीविका गतिविधि में शामिल करने की सलाह दी जाएगी। इसके साथ ही ट्राइफेड राज्य क्रियान्वयन एजेंसी, सीजीएमएफ पी संघ से महासमुंद और गरियाबंद की कमार अनुसुचित जनजाति द्वारा विशेष रूप से बांस के विकास के लिए नए वीडीवीके प्रस्वाव मंगाने की भी जानकारी दी।

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