Terrorist Attack in Manipur : उग्रवादियों की गोलीबारी में छत्तीसगढ़ का बेटा शहीद, तीन बेटियों से छिना पिता का साया

Terrorist Attack in Manipur
Terrorist Attack in Manipur : मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में शुक्रवार शाम असम राइफल्स के काफिले पर उग्रवादियों ने घात लगाकर हमला कर दिया। इस (Terrorist Attack in Manipur) अचानक हुई गोलीबारी में एक वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। हमले में असम राइफल्स के एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर (जेसीओ) रंजीत कुमार कश्यप बलिदान हो गए। रंजीत छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के बालेंगा ग्राम उपयगुड़ापारा के रहने वाले थे। इस हमले में तीन अन्य जवान भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिनमें से एक की हालत नाजुक बताई जा रही है।
गांव में पसरा मातम
जवान रंजीत कुमार कश्यप की शहादत की खबर जैसे ही उनके गांव पहुंची, पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। बुजुर्ग मां-बाप अपने सहारे को खो चुके हैं और रंजीत की तीन मासूम बेटियों के सिर से हमेशा के लिए पिता का साया उठ गया। पूरे गांव में माहौल गमगीन है और हर कोई इस बलिदान पर गर्व के साथ-साथ शोक व्यक्त कर रहा है।
छुट्टी से लौटे थे कुछ ही दिन पहले
ग्रामीणों ने बताया कि रंजीत हाल ही में छुट्टी पर घर आए थे। एक महीने तक परिवार के साथ समय बिताने के बाद वे मात्र पांच दिन पहले ही ड्यूटी पर लौटे थे। उन्होंने साथियों से कहा था कि सेवा के केवल तीन साल शेष हैं और उसके बाद वे रिटायर होकर अपने मां-बाप का सहारा बनेंगे। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था और अब उनका परिवार असमय इस दुख का बोझ झेल रहा है।
बचपन से था देशसेवा का सपना
परिजनों ने बताया कि रंजीत बचपन से ही सेना में जाकर देश की रक्षा करना चाहते थे। इसी सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की और असम राइफल्स में भर्ती हुए। परिवार को उन पर गर्व था और उनके तीनों बेटियों के भविष्य की उम्मीदें उन्हीं से जुड़ी थीं। रंजीत की बहन की शादी भी एक बीएसएफ जवान से हुई है, जिससे परिवार का संबंध सेना और देशसेवा से गहराई से जुड़ा रहा।
उग्रवाद पर सख्त कार्रवाई की मांग
ग्रामीणों और स्थानीय लोगों ने सरकार से मांग की है कि इस तरह के (Terrorist Attack in Manipur) हमलों पर कठोर कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं और संवेदनशील इलाकों में जवानों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। शहीद रंजीत का बलिदान व्यर्थ न जाए, इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार को ठोस कदम उठाने होंगे। सोशल मीडिया से लेकर गांव-गांव तक लोग रंजीत कुमार कश्यप की शहादत को नमन कर रहे हैं। हर कोई इस बात को मान रहा है कि उनका बलिदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।