Telangana Election : पिछले चुनाव में BJP को मिली थी केवल 1 सीट…इस बार क्या स्तिथि

Telangana Election : पिछले चुनाव में BJP को मिली थी केवल 1 सीट…इस बार क्या स्तिथि

Telangana Election: BJP got only 1 seat in the last election… what is the situation this time

Telangana Election

हैदराबाद/नवप्रदेश। Telangana Election : तेलंगाना में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी ने अपनी चुनावी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। राज्य में 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी केवल एक सीट ही जीत पाई थी। अब भगवा पार्टी की पूरी निगाह 2023 के चुनाव पर है। इसने राज्य के विधानसभा में बहुमत हासिल करने का मिशन बनाया है। बीजेपी को विश्वास है कि वह तेलंगाना में जीत दर्ज कर दक्षिण भारत में कर्नाटक के बाद अपना दूसरा कदम स्थापित करेगी।

बीजेपी की स्थिति और हुई मजबूत

भाजपा ने 2019 में राज्य के चार लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसके बाद दो विधानसभा उपचुनाव जीतकर और ग्रेटर हैदराबाद के नगरपालिका चुनावों में प्रभावशाली प्रदर्शन करके पार्टी ने अपनी स्थिति और मजबूत की। 2018 के विधानसभा चुनावों में, टीआरएस ने 88 सीटें जीतकर सत्ता बरकरार रखी थी।

टीआरएस की तीन सीटों पर बीजेपी ने मारी थी बाजी

2018 के चुनाव में बीजेपी का सिर्फ एक कैंडिडेट राज्य के सदन में पहुंच सका था। तब पार्टी केवल नौ निर्वाचन क्षेत्रों में दूसरे स्थान पर रही। अधिकांश सीटों पर इसके उम्मीदवारों की जमानत भी जब्त हो गई थी। हालांकि, कुछ महीने बाद हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने सबको चौंका दिया। पार्टी ने ना केवल सिकंदराबाद सीट को बरकरार रखा, बल्कि टीआरएस की तीन अन्य सीटों करीमनगर, निजामाबाद और आदिलाबाद सीटों पर भी जीत हासिल की।

भाजपा का मनोबल बढ़ा

पिछले विधानसभा उपचुनावों में हुजुराबाद व दुब्बक सीट पर जीत ने भी भाजपा का मनोबल बढ़ाया। हालांकि, पिछले साल नवंबर में मुनूगोड़े के उपचुनाव में जीत की हैट्रिक लगाने की भाजपा की उम्मीदों को तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने धराशायी कर दिया। तब कांग्रेस विधायक कोमातीरेड्डी राज गोपाल रेड्डी के पार्टी से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के कारण उपचुनाव कराना पड़ा था।

गृह मंत्री अमित शाह ने राजगोपाल रेड्डी के लिए मुनूगोड़े का दौरा किया था और लोगों से उन्हें चुनने का आग्रह किया था। शाह ने ये भी भविष्यवाणी की थी कि राजगोपाल की जीत के एक महीने के भीतर राज्य में टीआरएस सरकार गिर जाएगी। तब टीआरएस ने बीजेपी उम्मीदवार को 10 हजार से अधिक वोटों से हराया था।

नगर पालिका में बढ़ी संख्या

भाजपा ने पिछले चुनावों में 150 सदस्यीय नगरपालिका निकाय में अपनी संख्या में चार से 48 तक इजाफा किया। इस जीत के बाद, भगवा पार्टी को आने वाले चुनावों में अपने लिए एक मौका दिखाई देने लगा है। यही कारण है कि पार्टी यहां अपनी पूरी ऊर्जा झोंक रही है। पिछले कुछ महीनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, जेपी नड्डा और कई केंद्रीय मंत्रियों के दौरों से पता चलता है कि पार्टी तेलंगाना को कितना महत्व दे रही है।

राज्य पर भाजपा (Telangana Election) का ध्यान इसलिए भी है क्योंकि मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। देश भर में विस्तार के लिए वे अपनी पार्टी टीआरएस को बीआरएस(भारत राष्ट्र समिति) में बदल रहे हैं। बीआरएस प्रमुख राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा विरोधी दलों को एक मंच पर लाने की पहल कर रहे हैं। वहीं, भगवा पार्टी उनके घरेलू मैदान पर ही उन्हें मात देने का हर संभव प्रयास करेगी।

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