संपादकीय: बांग्लादेश में गृह युद्ध के हालात

संपादकीय: बांग्लादेश में गृह युद्ध के हालात

Situation of civil war in Bangladesh

Situation of civil war in Bangladesh

Situation of civil war in Bangladesh: बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार का तख्ता पलट करके वहां की सत्ता पर कट्टरपंथी ताकतें काबिज हो गई हैं। अमेरिका के इशारे पर नोबल शांति पुरूस्कार विजेता मोहम्मद युनूस को बांग्लादेश का कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाया गया है लेकिन वे सत्ता का संचालन करने में विफल सिद्ध हो रहे है।

नतीजतन बांग्लादेश में लगातार कट्टरपंथी हिन्दुओं के साथ ही इसाईयों और बौद्धो को भी निशाना बना रहे हैं। बांग्लादेश में अराजकता का माहौल बना हुआ है। जिसकी वजह से वहां के उद्योग धंधे ठप पड़ गये हैं। यही वजह है कि अब बांग्लादेश में हो रही हिंसा के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूटने लगा है। मोहम्मद का यूनुस के खिलाफ भी आक्रोश बढ़ता जा रहा है। जिस छात्र संगठन ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंका था, उसी छात्र संगठन के एक गुट ने मोहम्मद यूनुस के खिलाफ भी हल्ला बोलना शुरू कर दिया है।

यही नहीं बलिक खालिदा जिया की पार्टी ने भी मोहम्मद यूनुस की सरकार से किनारा करना शुरू कर दिया है। मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार को खलिदा जिया की पार्टी ने इसी शर्त पर समर्थन दिया था कि वे बांग्लादेश में जल्द आम चुनाव कराएंगे। किन्तु अब खलिदा जिया को यह लगने लगा है कि मोहम्मद यूनुस चुनाव कराने के इच्छुक नहीं है और वे खुद सत्ता पर काबिज रहना चाहते हैं।

इधर पाकिस्तान जो बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का मददगार बना हुआ था अब वह खुद भी मुसीबतों से घिर गया है। अफगानिस्तान ने पाकिस्तान के खिलाफ जंग का आगाज कर दिया है। इसलिए पाकिस्तान बांग्लादेश की मदद नहीं कर पा रहा है। अमेरिका के नए राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को सपथ लेने जा रहे है। जिन्होंने पहले ही घोषणा कर रखी है कि बांग्लोदेश में हिन्दुओं के खिलाफ हो रही हिंसा को उनकी सरकार बंद कराएगी।

इस तरह मोहम्मद यूनुस के लिए चौतरफा संकट खड़ा हो गया है और बांग्लोदेश में गृह युद्ध के हालात पैदा हो गये हैं। भारत ने भी बांग्लोदश के हिन्दुओं को हिंसा से बचाने के लिए बांग्लादेश की सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है ऐसे में बांग्लादेश में स्थिति को संभालना मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के लिए बेहद कठिन काम सिद्ध हो रहा है।

इसके बावजूद मोहम्मद यूनुस की हेकडी कम नहीं हो रही है। उन्होंने अब नया फरमान जारी किया है कि बांग्लोदेश में हिन्दुओं को सरकारी नौकरी पर नहीं रखा जाएगा। गौरतबल है कि इसके पहले भी उन्होंने हिन्दुओं के खिलाफ कई फैसले लिए है जिसकी वजह से विश्व मंच पर बांग्लादेश की कड़ी आलोचना हो रही है।

कुल मिलाकर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार वहां के हिन्दुओं पर अत्याचार करके भारत को उकसा रही है। की वह बांग्लादेश के खिलाफ सैन्य कार्यवाही के लिए बाध्य हो और फिर वह इसे अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत के खिलाफ एक बड़ा मुद्दा बना सकेद्ध लेकिन भारत धैय और संय से काम ले रहा है।

एक भारत तो भारत ने भूखो मरते बांग्लादेश को रिसयाईती दरों पर चावल का निर्यात किया है और दूसरी ओर उसके खिलाफ अपने कूटनीतिक प्रयास तेज कर दिये हैं। बहरहाल अमेरिका के राष्ट्रपति पद पर डोनाल्ड टं्रप के काबिज होने के बाद बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के कार्यवाहक प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस की उलटी गिनती शुरू हो जाएगी।

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