Shiksha Karmi : पति तो मर जाएगा ...तो मैं पहले ही सारे कोर्स कर लूं ? |

Shiksha Karmi : पति तो मर जाएगा …तो मैं पहले ही सारे कोर्स कर लूं ?

Shiksha Karmee: Husband will die... so I should do all the courses already?

Shiksha Karmee

रायपुर/नवप्रदेश। Shiksha Karmi : पंचायत शिक्षकों की मृत्यु के बाद भूपेश सरकार ने अपने परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति का वादा किया था, लेकिन ढाई साल बाद भी मृतक परिवार के सदस्यों को अभी तक नौकरी नहीं मिली है। सरकार अब टीजर एजिबिलिटी टेस्ट, डीईडी के बिना अनुकंपा नियुक्ति देने के नियम का हवाला दे रही है। क्या हमें पहले से मालूम था कि हमारे पति मर जाएंगे, तो मैं मरने से पहले ही सारे कोर्स कर लूं।

जी हां, यह दर्द उन पंचायत शिक्षाकर्मियों की विधवाओं का है जो लंबे समय से अनुकंपा नियुक्ति पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

Shiksha Karmee: Husband will die... so I should do all the courses already?

आर्थिक संकट से जूझ रही शिक्षकों की विधवाएं

आर्थिक तंगी से जूझ रहीं शिक्षकों की विधवाएं (Shiksha Karmi) नौकरी पाने वे आज भी दर-ब-दर ठोकर खा रहे है। हांलाकि इस दौरान मंगलवार को सभी महिलाएं सफेद साड़ी पहने बारिश में भीगते हुए विधानसभा घेराव करने पहुंची थी, लेकिन बीचे रास्ते पुलिस ने उन्हें रोक दिया।

शिक्षक अनुकम्पा संघ की अध्यक्ष माधुरी मृगे ने बताया कि चुनाव के समय कांग्रेस के बड़े नेताओं ने कहा था कि सरकार बनने के बाद नियमों को शिथिल करेंगे। आपको नौकरी मिलेगी, लेकिन वादा भूल चुके हैं।

उन्होंने कहा कि सभी परिवार कोरोना काल में आर्थिक तंगी (Shiksha Karmi) से गुजर रहे है। कोई भी कोर्स करने के लिए रूपए की आवश्यकता है। अब परिवार में पैसे नहीं कि हम कोर्स कैसे करें। हम चाहते हैं कि जिसकी जैसी योग्यता है उसे वैसा रोजगार सरकार दे दे।

मांगे पूरी नहीं होने पर 29 को करेंगे उग्र आंदोलन

आर्थिक तंगी से जूझ रहीं शिक्षकों (Shiksha Karmi) की विधवाएं बूढ़ातालाब धरना स्थल पर बैठे है। जब ये महिलाएं विधानसभा जाने की जिद कर रही थीं, तो अफसरों ने धरना स्थल से आगे जाने नहीं दिया। काफी देर तक इनके बीच बहस होती रही। महिलाओं की जिद को देखकर एसडीएम ने उन्हें समझाया, कि ज्ञापन उन्हें दें, लेकिन कोई भी प्रदर्शनकारी उन्हें ज्ञापन देने का राजी नहीं था।

सभी ने कहा कि पिछले दिनों भी ज्ञापन दिया था, मगर हुआ कुछ नहीं। जैसे-तैसे महिलाएं ज्ञापन देने को राजी हुईं और कहा कि 29 तारीख तक यदि हमारी मांगे नहीं मानी गईं तो हम और उग्र आंदोलन करेंगे।

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