संपादकीय: छत्तीसगढ़ के मुकुट में सात नए मोर पंख

Seven new peacock feathers in Chhattisgarh's crown
Editorial: त्तीसगढ़ ने स्वच्छता के मामले में एक और स्वर्णिम उपलब्धि हासिल कर अपने मुकुट में सात नए मोर पंख जोड़ लिये हैं। स्वच्छता सर्वेक्षण में छत्तीसगढ़ के सात शहरों ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्वच्छता की चमक बिखेर कर राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कृत होने का गौरव प्राप्त किया है। छत्तीसगढ़ की नगरपंचायत बिल्हा ने बीस हजार से कम जनसंख्या वाले शहरों की सूची में देश के सबसे ज्यादा साफ सुथरे शहर का गौरव प्राप्त किया है।
उसे देश भर में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। इसी तरह 10 लाख तक की आबादी वाले शहरों में बिलासपुर को दूसरा स्थान तथा 50 हजार तक की आबादी वाले शहरों में कुम्हारी को तीसरा स्थान मिला है। राजधानी रायपुर सहित अन्य चार शहरों को भी पुरस्कृत किया गया है। निश्चित रूप से यह छत्तीसगढ़ के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धि है। इसके लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय तथा उपमुख्यमंत्री और नगरीय प्रशासन मंत्री अरूण साव ने संबंधित नगरीय निकायों के अधिकारियों, कर्मचारियों, सफाई कर्मियों और वहां के नागरिकों को बधाई दी है।
जिनके समवेत प्रयासों से स्वच्छता के मामले में पहली बार छत्तीसगढ़ के सात नगरीय निकायों को राष्ट्रीय स्तरों पर पुरस्कार मिला है। छत्तीसगढ़ को मिली यह स्वर्णीम उपलब्धि सफाई के प्रति छत्तीसगढ़ के नागरिकों में बढ़ती जागरूकता का भी परिचायक है। खासतौर पर जब से छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी है तब से प्रदेश के नगरीय निकायों में विकास की बयार बहने लगी है और साथ ही साफ-सफाई की व्यवस्था को भी सुचारू रूप देने के लिए कारगर कदम उठाये जा रहे हैं। उसी का सुपरिणाम है कि स्वच्छता के मामले में छत्तीसगढ़ की सात नगरीय निकायों ने राष्ट्रीय स्तर पर अपना परचम लहराने में कामयाबी हासिल की है।