Salary Increase : दिल्ली के विधायकों के वेतन में वृद्धि

Salary Increase : दिल्ली के विधायकों के वेतन में वृद्धि

Salary Increase: Salary hike of Delhi MLAs

Salary Increase

Salary Increase : नई दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपना वेतन भी बढ़ा लिया है। साथ ही सभी विधायकों के वेतन में भी दो गुनी वृद्धि कर दी है। गौरतलब है कि नई दिल्ली के मुख्यमंत्री का वेतन पहले ही देश के अन्य बढ़े राज्यों के मुख्यमंत्रियों के वेतन से ज्यादा है। इसके बाद भी उन्होंने अपना वेतन बढ़ा लिया है। नई दिल्ली के विधायकों के वेतन में वृद्धि का सीधा असर सरकारी खजाने पर पड़ेगा। किन्तु उसकी अरविंद केजरीवाल को कोई चिंता ही नहीं है।

तभी तो खबरियां चैनलों पर अपना चौखटा चमकाने के लिए वे करोड़ों रुपए के विज्ञापन देते रहे हैं। अब उन्होंने विधायकों के वेतन बढ़ा दिए है। इसका दूसरा पहलू यह है कि विधायकों के वेतन बढ़ (Salary Increase) जाने से बाद में उन्हें जो पेंशन मिलेगी वह भी बढ़कर मिलेगी। कहने का मतलब यह कि सरकारी खजाने को लंबे समय तक छति पहुचती रहेंगी। एक तरफ तो अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के पूर्व विधायकों को एक से ज्यादा पेंशन दिए जाने के नियमों में बदलाव कर सभी को एक पेंशन देने का नियम बनाया था। वहीं दूसरी ओर उन्होंने अपने विधायकों के वेतन में भारी भरकम वृद्धि करके अपनी कथनी और करनी के अंतर को स्पष्ट कर दिया।

अरविंद केजरीवाल की तरह ही अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री भी समय-समय पर अपने राज्य के विधायकों के वेतन में वृद्धि करते रहते हैं। उनकी पेंशन राशि में भी बढ़त्तोरी करते रहते है और अन्य सुविधाएं भी माल-ए-मुफ्त दिल ए बेरम की तर्ज पर प्रदान करते रहते है। चूंकि ऐसी वेतन या पेंशन वृद्धि का लाभ सभी पार्टी के विधायकों को मिलता है। इसलिए इस मुद्दे पर वे दलगत भावना से उपर उठकर एक जूट हो जाते हैं। अब समय आ गया है कि इस बारे में भी केन्द्र सरकार कोई कारगर कदम उठाएं यह ठीक है कि राज्यों को अपने विधायकों और पूर्व विधायकों के वेतन व पेंशन में वृद्धि करने का अधिकार है लेकिन इसकी भी एक सीमा तय की जानी चाहिए।

वेतन वृद्धि तो फिर भी ठीक है लेकिन पेंशन में वृद्धि कतई अनुचीत है। कायदें से तो चाहे सांसद हो या विधायक इन सभी माननीयों के पेंशन पर तत्काल रोक लगनी चाहिए। सरकारी कर्मचारी जो तीस सालों तक सरकार की सेवा करते है उन्हें तो अब पेंशन की पात्रता से वंचित किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर पांच साल के लिए विधायक या सांसद बनने वाले नेताओं को आजीवन पेंशन दी जा रही है।

इस मामले में भी केन्द्र सरकार को गंभीरता पूर्वक विचार करना चाहिए और पूर्व विधायकों और सांसदों की पेंशन बंद कर देनी चाहिए। वर्तमान विधायकों व सांसदों के वेतन वृद्धि (Salary Increase) के लिए भी नियम तय किए जाने चाहिए। एक मुश्त दो गुनी या तीन गुनी करना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है। उम्मीद की जानी चाहिए कि इस बारे में केन्द्र सरकार जल्द ही कोई ठोस कदम उठाएगी।

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