Sadan Garmaaya : रविंद्र चौबे को क्यों कहना पड़ा- स्कूल से क्या दिक्कत है आप लोगों को?

Sadan Garmaaya : रविंद्र चौबे को क्यों कहना पड़ा- स्कूल से क्या दिक्कत है आप लोगों को?

Sadan Garamaaya: Why did Ravindra Choubey have to say – What is the problem with the school, you people?

Ajay Chandrakar

रायपुर/नवप्रदेश। Sadan Garamaaya : विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन शराब पर सेस और स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल पर जमकर वाद-विवाद हुआ। BJP विधायक अजय चंद्राकर ने सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि विशेष कोरोना शुल्क से मिली राशि स्वास्थ्य विभाग को हस्तांतरित क्यूं नहीं दिया गया? जिसके जवाब में मंत्री मो. अकबर ने कहा कि राशि की जब जरूरत होगी तब दे दिया जाएगा।

इसके बाद चंद्राकर ने एक और सवाल किया जिसमें उन्होंने पूछा कि स्वामी आत्मनंद अंग्रेजी स्कूल (Sadan Garamaaya) के लिए 36 करोड़ रूपए कहां से दिए गए?
इस पर मंत्री मो. अकबर का जवाब दिया कि स्कूल की राशि है, जिसे स्कूल को दिए गये है।

तब अजय चंद्राकर ने कहा- सदन में दो उत्तर आ रहे हैं। मंत्री ने कहा कि पूरी राशि जमा है और अब कह रहे हैं स्कूल के लिए राशि दी गई। चंद्राकर ने पूछा- कोरोना के लिए जब राशि ली जा रही है तो क्या उसे दूसरे मदों में खर्च किया जा सकता है?

तब मो. अकबर ने कहा- विशेष आबकारी शुल्क मद से स्कूल को राशि दी गई।

बीजेपी विधायक (Sadan Garamaaya) बृजमोहन अग्रवाल ने पूछा, कोरोना को लेकर की गई विशेष शुल्क को दूसरे मद में खर्च नहीं किया जा सकता? यदि किया गया तो किस नियम से? बीजेपी सदस्यों ने सरकार पर सदन में गलत जानकारी देने का आरोप लगाया। ये दुर्भभाग्यपूर्ण है।

कितना लिया गया है सेस

अजय चंद्राकर ने कहा- कोरोना के लिए यदि देशी-मदिरा में सेस लिया गया है तो उसका खर्च तय मद में ही होगा।
चंद्राकर ने की मांग- सदन की कमेटी बनाकर इस मामले की जांच कराई जाए।
देशी मदिरा बोतल, अद्धी व पाव पर प्रति नगर 10 रुपए की दर से विशेष आबकारी शुल्क (अधोसंचरना उन्नयन) लिया गया है। वित्तीय वर्ष 2020-21वर्ष 30 जून तक कुल 320. 61 करोड़ की राशि जमा है. वहीं विशेष कोरोना शुल्क, विदेशी मदिरा (स्प्रिट/माल्ट) के फुटकर विक्रय दर पर 10 प्रतिशत की दर से शुल्क लिया गया, जो कुल 245.24 करोड़ हुई है।

राजपत्र की कॉपी रखी सदन के पटल पर

मंत्री मो.अकबर ने सदन में कहा- मैं पूरी जि़म्मेदारी से कह रहा हूं दूसरे मदों में राशि (Sadan Garamaaya) खर्च नहीं हुई। अजय चंद्राकर ने राजपत्र की कॉपी सदन के पटल पर रखी।
संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने कहा, स्वामी आत्मानंद स्कूल से क्या दिक्कत है आप लोगों को? राशि कहीं से भी आए खर्च तो अच्छे काम के लिए ही हो रहा है।
मंत्री की टिप्पणी पर विपक्षी सदस्यों ने जमकर हंगामा किया, सत्तापक्ष के जवाब से असंतुष्ट बीजेपी विधायकों ने फिर वाक्आउट किया।

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