प्रदेश में 4 सालों में 47 लाख पौधे के वृक्षारोपण से 40 नदियों का तट हुआ हरा-भरा

प्रदेश में 4 सालों में 47 लाख पौधे के वृक्षारोपण से 40 नदियों का तट हुआ हरा-भरा

River Bank Plantation: Plantation of 47 lakh saplings in the state in 4 years has made the banks of 40 rivers green.

river bank plantation

नदी तट के 4 हजार से अधिक हेक्टेयर रकबा हरीतिमा से आच्छादित

रायपुर। River Bank Plantation: छत्तीसगढ़ में विगत 4 वर्षों के दौरान ‘नदी तट वृक्षारोपण’ कार्यक्रम के तहत 40 विभिन्न नदियों के तट पर 46 लाख 76 हजार 729 पौधों का रोपण किया गया है। इसके रोपण से नदी तट के 4 हजार 321 हेक्टेयर रकबा हरीतिमा से आच्छादित और फल-फूल के पौधों से सुरभित हो रहे हैं, जो विशेष आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में विभाग द्वारा नदी तट रोपण का कार्य किया गया। इनका रोपण कैम्पा तथा विभागीय मद सहित नदी तट वृक्षारोपण कार्यक्रम के तहत किया गया है।

नदी तट रोपण कार्यक्रम के तहत विगत 04 वर्षों के दौरान शामिल नदियों में शिवनाथ, इन्द्रावती, फुलकदेई, केंदई, लीलागर नदी, महानदी, हसदेव, आगर, रेड नदी, मेघानाला, झींका नदी, केलो नदी, मोरन, सोंढूर, ईब नदी, पैरी नदी, तान्दुला, नारंगी, बांकी नदी, गलफुला, हसदो नदी, नेउर नदी, केवई, खटम्बर, भैसुन, चूंदी, भवई नदी, बनास नदी, रांपा नदी तथा भुलू नदी, महान नदी आदि शामिल हैं।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री व्ही. श्रीनिवास राव ने बताया कि इनमें वर्ष 2019 के दौरान नदी तट वृक्षारोपण कार्यक्रम के अंतर्गत 831 हेक्टेयर रकबा में 9 लाख 14 हजार पौधों का रोपण किया गया। इसी तरह वर्ष 2020 के दौरान 845 हेक्टेयर रकबा में 8 लाख 77 हजार पौधों, वर्ष 2021 के दौरान 01 हजार 647 हेक्टेयर रकबा में 17 लाख 87 हजार पौधों और वर्ष 2022 के दौरान 999 हेक्टेयर रकबा में 11 लाख पौधों का रोपण किया गया है।

प्रदेश में नदी तट वृक्षारोपण कार्य से 9 लाख 63 हजार मानव दिवस रोजगार का सृजन हुआ है। साथ ही नदी तट कार्यक्रम अंतर्गत कृषि कार्य तथा सब्जी उत्पादन जैसे कार्यों से निकटवर्ती 372 ग्रामों के लोग सीधे-सीधे लाभान्वित हुए हैं। नदी तट वृक्षारोपण के फलस्वरूप एक ओर जहां स्थानीय ग्रामीणों को वृक्षारोपण कार्यों से रोजगार की प्राप्ति हुई है।

वहीं दूसरी ओर नदी तट के समीपस्थ किसानों को भूमि कटाव की कमी से कृषि कार्य में सुविधा तथा उत्पादन में वृद्धि का भी लाभ प्राप्त हो रहा है। इसके तहत फलदार पौधों के वृक्षारोपण से ग्रामीणों की आय में बढ़ोत्तरी भी हो रही है। इसके अलावा स्थानीय ग्रामीणों अंतर्वतीय फसल तथा नदी किनारे सब्जी उत्पादन का कार्य भी कुशलतापूर्वक कर रहे हैं।

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