बढ़ते सड़क हादसों ने महसूस करवाया…सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों को पाठ्यक्रम में पढ़ना है जरुरी
Road Safety : मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा कार्यों की वर्चुअल समीक्षा बैठक
रायपुर/नवप्रदेश। Road Safety : राज्य के स्कूलों में कक्षा एक से दसवीं तक के पाठ्यक्रम में सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों से जुड़ी शिक्षा अनिवार्य रूप से शामिल की जाएगी। स्कूली शिक्षा विभाग के तहत आने वाली पाठ्य पुस्तकों में यातायात शिक्षा सामग्री को शामिल किया जाए, छात्रों में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता के लिए सभी सामग्रियों को शामिल किया जाए।
दरअसल, लगातार हो रहे सड़क हादसों ने शासन और प्रशासन को ये सोचने पर मजबूर कर दिया। मुख्य सचिव अमिताभ जैन की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रालय महानदी भवन में वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान सड़क सुरक्षा की समीक्षा बैठक में इस आवश्यकता पर विशेष रूप से चर्चा हुई।
विद्यार्थियों के प्रोजेक्ट वर्क में शामिल सुरक्षा संबंधित मुद्दे
मुख्य सचिव ने कहा कि आज जिस रफ्तार से सड़क हादसों में लोगों की मौत हो रही है, उससे निश्चित है कि आज भी आम लोगों में जागरूकता की भारी कमी है। इसके लिए स्कूल स्तर से ही प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा, इसके लिए स्कूलों में छोटे-छोटे प्रयास करने होंगे। छात्रों में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरुकता बढ़ाने के कार्यक्रम पर जोर देना होगा। उन्होंने कहा कि, विद्यालयों में कौन बनेगा सड़क सुरक्षा चैम्पियन जैसे कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किया जा रहा है। विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा से संबंधित प्रोजेक्ट वर्क भी दिए जा रहे है।
अब तक विद्यालयों में यातायात संबंधित नियमों पर आधारित 4578 क्विज का आयोजन किया जा चुका है और विजेता अपना सर्टिफिकेट ऑनलाइन प्राप्त कर रहें है। इस दौरान (Road Safety) स्कूल बस संचालन में मानक व्यवस्था स्थापित करने संबंधित कार्यवाही पर चर्चा हुई। मुख्य सचिव ने राज्य के सभी जिलों के कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को सड़क दुर्घटना के कारणों की समीक्षा और सुधारात्मक उपाय करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऐसे जंक्शन जहां दुर्घटना अधिक हो रहे है, जिलेवार सघन अध्ययन कर आवश्यक कार्यवाही करें।
जीपीएस से पूरे राज्य में वाहनों की निगरानी करेगी एजेंसी
अंतर्विभागीय लीड एजेंसी (सड़क सुरक्षा) के अध्यक्ष संजय शर्मा ने बताया कि वर्तमान समय में पूरे प्रदेश में वाहन में जीपीएस की मॉनिटरिंग के लिए अंतर्विभागीय लीड एजेंसी (सड़क सुरक्षा) को दिया गया है। बैठक में लोक निर्माण विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग, पीएमजीएसवाय के अंतर्गत पूर्व में चिन्हित ब्लैक स्पॉट का सुधार, नए ब्लैक स्पॉट की पहचान एवं सुधार हेतु नियत प्रोटोकॉल तथा सुधार कार्य की प्रगति, विभिन्न मार्गो पर सुरक्षा हेतु किए गए उपाय, प्रमुख नए मार्गों पर वाहन चालकों हेतु संस्थापित सुविधाएं, सड़क सुरक्षा की दृष्टि से रोड डिजाईन सुनिश्चित करने हेतु की गयी कार्यवाही, मुख्य सड़कों की सड़क सुरक्षा ऑडिट की विस्तृत जानकारी दी गई।
दुर्घटना रोकने के अन्य इन उपायों पर की चर्चा
बैठक में परिवहन विभाग के अंतर्गत नए मोटरयान अधिनियम के क्रियान्वयन की अद्यतन स्थिति, ओव्हरलोड वाहनों की कार्यवाही, सड़क सुरक्षा एवं दुर्घटना रोकने के अन्य उपाय पर चर्चा हुई। स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत राज्य में ट्रामा सेंटर की स्थिति, शासकीय एवं निजी एंबुलेंस की मैपिंग पर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। पुलिस विभाग के अंतर्गत वर्तमान सड़क सुरक्षा परिदृश्य एवं सड़क सुरक्षा कोष, यातायात नियमों के उल्लंघन पर प्रवर्तन कार्यवाही, यातायात नियमों के पालन हेतु जागरूकता अभियान की जानकारी दी गई।
पशु पीडि़त चौक-चौराहों को चिन्हांकित करें
इसी प्रकार नगरीय प्रशासन विभाग के अंतर्गत सड़कों पर वाहन चालकों को प्रभावित करने वाले (Road Safety) साइन-बोर्ड एवं होर्डिंग तथा जानवरों को हटाने के संबंध में भविष्य की कार्ययोजना के संबंध में जानकारी दी गई। बैठक में सुप्रीम कोर्ट ऑन रोड सेफ्टी के दिशा-निर्देशों का अनुपालन के संबंध में चर्चा हुई। अंतर्विभागीय लीड एजेंसी (सड़क सुरक्षा) को सुचारू संचालन के संबंध में विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए।
बैठक में सचिव लोक निर्माण सिद्धार्थ कोमल परदेशी, अपर परिवहन आयुक्त दीपांशु काबरा, एडिशनल डीजी टे्रफिक प्रदीप गुप्ता, परिवहन आयुक्त टोपेश्वर वर्मा, अंतर्विभागीय लीड एजेंसी (सड़क सुरक्षा) अध्यक्ष संजय शर्मा, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के महाप्रबंधक एस.चौधरी, जिले के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
अमिताभ जैन ने दिए ये निर्देश
- प्रदेश में आम नागरिकों को हेलमेट, सीटबेल्ट का उपयोग करने तथा सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने के लिए पुलिस उन्हें प्रेरित करें।
- ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम चौपाल के जरिए नागरिकों को सड़क दुर्घटना के बचाव के लिए जागरूक करें।
- सभी जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक से कहा कि जिलों में सड़क सुरक्षा के लिए जन जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम नियमित रूप से किया जाना चाहिए।
- प्रत्येक महीने में जिले स्तर पर सड़क सुरक्षा की समीक्षा बैठक होनी चाहिए।
- यातायात के नियमों के प्रति विद्यार्थियों एवं पालकों में अधिक जागरूकता लाने के लिए क्विज प्रतियोगिता जिला स्तर, संभाग स्तर, राज्य स्तर पर इसका आयोजन समय-समय पर होता रहना चाहिए और विजेता को पुरस्कृत किया जाना चाहिए।
- पशु पीडि़त सड़कों एवं चौक-चौराहों का चिन्हांकित कर जन सामान्य की सड़क सुरक्षा को विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
- सड़क सुरक्षा से संबंधित नियमों का दूसरे राज्यों से तुलनात्मक अध्ययन करने के भी निर्देश दिए, जहां सड़क दुर्घटना में कमी आयी है।