Rescue Vaccination : कोवैक्सीन की भारी कमी के बीच 1.35 करोड़ टीके लगाए गए

Rescue Vaccination
रायपुर/नवप्रदेश। Rescue Vaccination :राज्य में कोरोना से बचाव के लिए फिलहाल दुनिया भर में सिर्फ दो वैक्सीन उपलब्ध हैं। एक है कोविशील्ड और दूसरा है कोवैक्सीन। जिसमें इस समय कोवैक्सीन की भारी कमी है। कोवैक्सीन की दूसरी खुराक के लिए टीकाकरण केंद्र से वापस जा रहे हैं, क्योंकि टीकों की कमी के कारण वे लगा नहीं पाए। कहा जा रहा है कि जून और जुलाई के महीनों में राज्य में कोवैक्सीन की आपूर्ति बहुत अच्छी थी, इसलिए लोगों ने उस समय पहली खुराक ली, लेकिन अब समय बीतने के बाद वे दूसरी खुराक नहीं लगा पा रहे हैं।
माना जा रहा है कि इस वजह से जून और जुलाई में कोवैक्सीन टीका (Rescue Vaccination) लगवा चुके 4 लाख से अधिक लाभार्थी निर्धारित तिथि के बाद भी टीकाकरण नहीं करा पाए। रायपुर शहर में पिछले तीन दिनों से किसी भी केंद्र में इस वैक्सीन की आपूर्ति नहीं हो रही है। हालांकि एक्सपर्ट का दावा है कि अगर पहला डोज लग गया और दूसरा वैक्सीन नहीं होने से लेट हो रहा है, तो इसमें ज्यादा दिक्कत नहीं है। क्योंकि दूसरे डोज के लिए न्यूनतम सीमा तो तय है, लेकिन इसके बाद इसे कभी भी लगवा सकते हैं।
सोमवार को आना था 30 हजार डोज पर नहीं आए
राजधानी के एक मात्र वीआईपी वैक्सीनेशन (Rescue Vaccination) बूथ नेहरु मेडिकल कॉलेज में भी कोवैक्सीन की सप्लाई नहीं की जा रही है, क्योंकि टीका ही नहीं है। मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार को करीब 30 हजार से अधिक टीके आने थे, लेकिन खेप नहीं आई। राजधानी में 20 हजार से अधिक लोगों की कोवैक्सीन की ड्यू डेट या तो आ गई, या एक-दो हफ्ते ऊपर हो गए है।
हालात ये हैं कि आम लोग को दूर, वीआईपी भी दूसरे डोज की राह देख रहे हैं। कोवैक्सीन (Rescue Vaccination) के लिए पहले डोज के बाद 28 से 42 दिन के अंदर दूसरा डोज लगाने की सीमा तय है। कोविशील्ड का दूसरा डोज 84 दिन बाद कभी भी लगवा सकते है। दूसरे डोज में देरी के मामले में कोविशील्ड में दिक्कत कम है, कोवैक्सीन में ज्यादा देरी हो रही है। प्रदेश में फिलहाल जिलों में 3 लाख वैक्सीन का जो स्टॉक है। उसमें कोविशील्ड ही ज्यादा है।
लेट भले हो पर दूसरा डोज जरूर लगवाएं :डॉ. विश्वनाथ भगत
राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. विश्वनाथ भगत का कहना है कि कोवैक्सीन की किल्लत को दूर करने के लिए लगातार कोशिश की जा रही है। दूसरे डोज में देरी इसी वैक्सीन में हो रही है। फिर भी जिनकी न्यूनतम ड्यू डेट यानी कोवैक्सीन के लिए 28 से 42 दिन और कोविशील्ड के लिए 84 दिन गुजर चुकी है, वो बाद में कभी भी दूसरा टीका लगवा सकते हैं।
देरी से कोई नुकसान नहीं है और दूसरे बूस्टर डोज (Rescue Vaccination) के लिए अधिकतम सीमा जैसा कोई नियम नहीं है। यानी तारीख गुजरने के बाद भी कभी जाकर दूसरा डोज लिया जा सकता है। हां, दूसरा डोज लगवाना जरूरी है, क्योंकि कोरोना से बेहतर प्रोटेक्शन इसी से मिलेगा। टीका लगवाने के बाद जरूरी सावधानियां बरती जाएंगी तो संक्रमण की चपेट में आने से बचा जा सकेगा।
प्रदेश में अब तक लगवाए जा चुके हैं 1.35 करोड़ टीके
- प्रदेश में 16 अगस्त तक कोरोना से बचाव के लिए 1 करोड़ 35 लाख 21 हजार 839 टीके लगाए गए हैं।
- प्रदेश के एक करोड़ छह लाख 60 हजार 116 लोगों को इसका पहला टीका और 28 लाख 61 हजार 723 को दोनों टीके लगाए जा चुके हैं।
- प्रदेश में 3 लाख नौ हजार 618 स्वास्थ्य कर्मियों, तीन लाख 17 हजार 629 फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोरोना से बचाव का पहला टीका लगाया जा चुका है।
- 45 वर्ष से अधिक के 53 लाख छह हजार 389 और 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के 47 लाख 26 हजार 480 नागरिकों को कोरोना से बचाव का पहला टीका लगाया जा चुका है।
- वहीं दो लाख 47 हजार 153 स्वास्थ्य कर्मियों, दो लाख 34 हजार 879 फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोरोना से बचाव का पहला टीका लगाया जा चुका है।
- 45 वर्ष से अधिक के 19 लाख 21 हजार 249 तथा 18 से 44 आयु वर्ग के चार लाख 58 हजार 442 लोगों को दोनों टीके लगाए जा चुके हैं।