Reply to Pakistan : पाकिस्तान को भारत का करारा जवाब

Reply to Pakistan : पाकिस्तान को भारत का करारा जवाब

Reply to Pakistan: India's befitting reply to Pakistan

Reply to Pakistan

Reply to Pakistan : पड़ौसी देश पाकिस्तान शुरू से अंतर्राष्ट्रीय मंचों का भारत के खिलाफ दूषप्रचार करने के लिए दुरूपयोग करता रहा है। एक बार फिर उसने संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के खिलाफ जमकर जहर उगला लेकिन भारतीय विदेश मंत्री एस. जय शंकर ने पाकिस्तान को करारा जवाब देकर उसकी बोलती बंद कर दी। संयुक्त राष्ट्र में अपने संबोधन के दौरान पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बार फिर वहीं घीसा पीठा बेसुरा कश्मीरी राग अलापा और भारत पर आरोप लगाया कि वह कश्मीरियों के साथ अत्याचार कर रहा है।

कश्मीर में अल्पसंख्यकों का उत्पीड़ किया जा रहा है। वहां बड़ी मात्रा (Reply to Pakistan) में भारतीय फौज की तैनाती कर दी गई है जो कश्मीरियों की आवाज को दबा रही है। शहबाज शरीफ ने कश्मीर समस्या के समाधान के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत की जरूरत पर जोर दिया। इसके जवाब में भारत के विदेश मंत्री ने शहबाज शरीफ को खरी-खरी सुना दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की कैसी दुर्दशा है यह किसी छिपा नहीं है, वहां जो थोड़ बहुत हिन्दु और सिख रह गए है उनके साथ घोर अन्याय किया जा रहा है। पाकिस्तान पहले अपने गिरेबान में झांक कर देखे उसके बाद ही दूसरों के मामलों में दखल दें। रही बात कश्मीर की तो वह भारत का अभिन्न हिस्सा है और आगे भी रहेगा।

इस बारे में पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की कोई बातचीत नहीं की जाएगी। भारतीय विदेश मंत्री एस जय शंकर ने पाकिस्तान को इस बात के लिए भी जमकर लताड़ लगाई की वह आतंकवादियों की सुरक्षित शरण स्थली बन गया है। भारत के खिलाफ आतंकवाद की आग को हवा देने का काम पाकिस्तान ही कर रहा है और दूसरी तरफ वह भारत के साथ बातचीत की भी पेशकश कर रहा है। ये दोनों बातें एक साथ नहीं हो सकती। इसके पूर्व पाकिस्तानी मंत्री बिलावल भूट्टों ने भी अमेरिका प्रवास के दौरान भारत के खिलाफ जमकर जहर उगला था। उसका भी भारत ने कड़ा प्रतिकार किया था, किन्तु हमारे देश में ही कुछ पाकिस्तान परस्त ऐसे नेता है।

जो पाकिस्तान की भाषा बोलते रहे हैं। इनमें से एक जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने संयुक्त राष्ट्र में शहबाज शरीफ के वक्तव्य का समर्थन किया है और कहा है कि कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के साथ बातचीत होनी ही चाहिए। महबूबा मुफ्ती इसके पहले भी कई बार पाकिस्तान की पैरोकारी करती रही है। डॉ. फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला इस प्रकार के विवादास्पद बयान देते रहे हैं। ये वो लोग है जो खाते तो हिन्दुस्तान का है लेकिन गाते पाकिस्तान का है।

ऐसे देशविरोधियों के कारण ही पड़ौसी देश पाकिस्तान (Reply to Pakistan) के हुकमरानों का हौसला बुंलद होता है और वे विश्व मंचों पर भारत के खिलाफ विषवमन करने का दुषशाहस करते है पाकिस्तान को तो भारत ने करारा जवाब दे दिया है लेकिन अब उसे महबूबा मुफ्ती जैसे लोगों का भी इलाज करना होगा। जो विवादास्पद बयानबाजी कर कश्मीर में अशांती फैलाने की हर संभव कोशिश करती रही है। ऐसे लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए और कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए।

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