Ram Mandir Flag Ceremony : राममंदिर के शिखर पर 25 नवंबर को पीएम मोदी करेंगे भव्य ध्वजारोहण
भव्य राममंदिर के मुख्य शिखर पर फहराई जाने वाली धर्म ध्वजा (Ram Mandir Flag Ceremony) बुधवार को मंदिर परिसर पहुंच गई। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने इसे विधिवत ग्रहण किया। ध्वजा के आगमन के साथ ही 21 नवंबर से शुरू होने वाले विशेष वैदिक अनुष्ठानों की तैयारियाँ तेज हो गई हैं।
ध्वजारोहण से जुड़े सभी मंत्रोच्चार और अनुष्ठान यज्ञ मंडप से संपन्न होंगे। राममंदिर के साथ-साथ परिसर में स्थित अन्य देवी–देवताओं के मंदिरों में भी निर्धारित विधियों के अनुसार ध्वज पूजन किया जाएगा। अनुष्ठान कराने वाले 50 से अधिक वैदिक आचार्य अयोध्या पहुँच चुके हैं। काशी, इंदौर और दिल्ली से आए इन विद्वानों ने बुधवार शाम ध्वजा पूजन के क्रम पर विस्तृत चर्चा की। पूजन विधि का मार्गदर्शन कारसेवकपुरम के आचार्य इंद्रदेव द्वारा किया जा रहा है।
(Ram Mandir Flag Ceremony) 22 मीटर लंबी, 11 मीटर चौड़ी
अहमदाबाद में विशेष रूप से तैयार की गई मुख्य ध्वजा 22 मीटर लंबी और 11 मीटर चौड़ी है। इस पर वाल्मीकि रामायण में वर्णित कोविदार का पवित्र चिह्न अंकित है। ध्वजा पूर्णतः भगवा रंग की है। परिसर स्थित शिव, गणेश, हनुमान, सूर्यदेव, देवी भगवती और देवी अन्नपूर्णा मंदिरों के लिए बनाई गई ध्वजाएं भी पहुंच चुकी हैं। पूजन के बाद इन्हीं ध्वजाओं को संबंधित मंदिरों के शिखरों पर फहराया जाएगा। मुख्य धर्म ध्वजा की वैदिक पूजा नित्य होगी, और इसी पूजित ध्वजा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को मंदिर के मुख्य शिखर पर फहराएंगे।
अनुष्ठान से पहले आज निकलेगी भव्य कलश यात्रा
धर्म ध्वजा आरोहण के पूर्व परंपरा के अनुसार गुरुवार को कलश यात्रा निकाली जाएगी। यह यात्रा अमृत काल और सर्वार्थ सिद्धि योग में दोपहर ढाई बजे तक चलेगी। यात्रा में लगभग 620 महिलाएं शामिल होंगी, जिनमें 551 महिलाएं पीत वस्त्र धारण कर सरयू जल से भरे कलश लेकर रामजन्मभूमि पहुंचेंगी। कलश यात्रा से पहले सरयू के कच्चा घाट पर विशेष पूजन होगा। मुख्य यजमान ट्रस्ट सदस्य डॉ. अनिल मिश्र सपत्नीक होंगे।
अतिथियों के स्वागत को लेकर विशेष व्यवस्था
कार्यक्रम में आने वाले अतिथियों को पार्किंग से मंदिर परिसर तक गोल्फ कार्ट की मुफ्त सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। हर प्रांत के अतिथियों को अलग पहचान देने के लिए विशेष कलर कोड तय किया गया है। 40 ई-बसों की व्यवस्था की जा रही है, जिनसे मेहमान सीधे ध्वजारोहण स्थल तक पहुंचेंगे।
