Rajiv Gandhi हत्याकांड के दोषी पेरारिवलन को 31 साल बाद रिहा करने का आदेश

Rajiv Gandhi हत्याकांड के दोषी पेरारिवलन को 31 साल बाद रिहा करने का आदेश

Rajiv Gandhi assassination convict Perarivalan ordered to be released after 31 years

Rajiv Gandhi

नई दिल्ली। Rajiv Gandhi : पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोषियों में से एक एजी पेरारिवलन को सुप्रीम कोर्ट ने रिहा करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे पेरारिवलन की समय पूर्व रिहाई की मांग करने वाली याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा हुआ था।

अन्य 6 दोषियों की भी जागी उम्मीद

कोर्ट का फैसला आने के बाद नलिनी श्रीहरन, मरुगन, एक श्रीलंकाई नागरिक सहित मामले में अन्य 6 दोषियों की रिहाई की उम्मीद भी जग जाएगी। इसके पहले की सुनवाई में केंद्र सरकार ने राजीव गांधी हत्याकांड में 30 साल से ज्यादा कारावास की सजा काट चुके एजी पेरारिवलन की दया याचिका राष्ट्रपति को भेजने के तमिलनाडु के राज्यपाल के फैसले का बचाव किया था।

कोर्ट में अतिरिक्त सालिसिटर जनरल (एएसजी) केएम नटराज ने जस्टिस एल. नागेश्वर राव, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ को बताया कि केंद्रीय कानून के तहत दोषी ठहराए गए व्यक्ति की सजा में छूट, माफी और दया याचिका के संबंध में याचिका पर केवल राष्ट्रपति ही फैसला कर सकते हैं।

इसके पहले की सुनवाई में केंद्र सरकार ने राजीव गांधी हत्याकांड (Rajiv Gandhi) में 30 साल से ज्यादा कारावास की सजा काट चुके एजी पेरारिवलन की दया याचिका राष्ट्रपति को भेजने के तमिलनाडु के राज्यपाल के फैसले का बचाव किया था। कोर्ट में अतिरिक्त सालिसिटर जनरल (एएसजी) केएम नटराज ने जस्टिस एल. नागेश्वर राव, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ को बताया कि केंद्रीय कानून के तहत दोषी ठहराए गए व्यक्ति की सजा में छूट, माफी और दया याचिका के संबंध में याचिका पर केवल राष्ट्रपति ही फैसला कर सकते हैं।

सात लोगों को ठहराया गया था दोषी

बता दें कि राजीव गांधी हत्याकांड मामले में सात लोगों को दोषी ठहराया गया था। सभी दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई थी, लेकिन साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे आजीवन कारावास में बदल दिया था। इसके बाद कोई राहत न मिलने के बाद ही दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

जयललिता ने की थी रिहाई की सिफारिश

2016 और 2018 में जे. जयललिता और ए. के. पलानीसामी की सरकार ने दोषियों की रिहाई की सिफारिश की थी। मगर बाद के राज्यपालों ने इसका पालन नहीं किया और अंत में इसे राष्ट्रपति के पास भेज दिया। लंबे समय तक दया याचिका पर फैसला नहीं होने की वजह से दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।

21 मई 1991 को हुई थी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या

21 मई 1991 को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) की तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में हत्‍या हुई थी और 11 जून 1991 को पेरारिवलन को गिरफ्तार किया गया था। पेरारिवलन घटना के समय 19 साल का था और वह पिछले 31 सालों से जेल में बंद है।

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