Rajasthan Eligibility Test : राजस्थान में साकार हुआ अतिथि देवो भव: |

Rajasthan Eligibility Test : राजस्थान में साकार हुआ अतिथि देवो भव:

Rajasthan Eligibility Test: Atithi Devo Bhava realized in Rajasthan:

Rajasthan Eligibility Test

रमेश सर्राफ। Rajasthan Eligibility Test : राजस्थान में हाल ही में संपन्न हुई राजस्थान पात्रता परीक्षा शिक्षक के लिए (रीट) का सफलतापूर्वक आयोजन संपन्न हुआ है। यह राजस्थान की अब तक की सबसे बड़ी परीक्षा थी। तीन साल बाद सम्पन्न इस परीक्षा के लिए 26 लाख से अधिक फार्म भरे गए थे। कुल 16 लाख से अधिक लोगों को इस परीक्षा में शामिल होना था। 13 लाख से अधिक परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान को इसके लिए नोडल एजेंसी बनाया गया था।

कोरोना के कारण यह परीक्षा एक साल से टाली जा रही थी। पिछले दिनो आयोजित हुयी बहुत सी परीक्षाओं के पेपर लीक होने के कारण राजस्थान सरकार के समक्ष रीट की परीक्षा को संपन्न करवाना एक बहुत बड़ा चुनौतीपूर्ण कार्य था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रीट परीक्षा के आयोजन को एक चुनौती के रूप में लेते हुए युद्ध स्तर पर इसकी तैयारियां करवाई। स्वयं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व मुख्य सचिव निरंजन आर्य रीट परीक्षा की तैयारियों की सीधे मॉनिटरिंग कर रहे थे।

सरकार को परीक्षाओं में नकल करने की बड़ी शिकायतें मिल रही थी। इसको देखते हुए परीक्षा देने वालों के सेंटर स्वयं के जिलों से दूर अन्यत्र जिलों में किए गए थे। जिस कारण परीक्षार्थियों को आने जाने में बड़ी परेशानी महसूस हो रही थी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संवेदनशीलता का परिचय देते हुए परीक्षार्थियों की सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए उनके समाधान की दिशा में त्वरित कार्यवाही की। एक और राजस्थान परिवहन निगम की सभी बसें परीक्षार्थियों के लिए मुफ्त चलाने की घोषणा कर दी।

उसके साथ ही राज्य सरकार ने गजट नोटिफिकेशन जारी कर सभी लोक परिवहन व अन्य निजी बसों का अधिग्रहण कर उनको भी बिना किराया चुकाई परीक्षार्थियों को उनके परीक्षा केंद्रों पर लाने ले जाने के लिए नि:शुल्क कर दिया। निजी बसों का पूरा भुगतान राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। इतना ही नहीं दूसरे जिलों से आने वाले परीक्षार्थियों के लिए नि:शुल्क रहने व खाने की व्यवस्था भी सरकारी स्तर पर की गई।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर सभी जिलों के जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया गया कि जिले के बाहर से आने वाले जो भी परीक्षार्थी है उनको किसी भी तरह की असुविधा का सामना नहीं करना पड़े। इसकी सीधी जिम्मेवारी जिला कलेक्टरों की होगी। सभी परीक्षार्थियों को नि:शुल्क रहने व भोजन तथा परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने की समुचित व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा की जाएगी। परीक्षा के दिन प्रशासन द्धारा ऐसा किया भी गया। प्रदेश के सभी जिलों में लगातार तीन दिन तक जिला कलेक्टर अपने सभी मातहत अधिकारियों के साथ पूरी मुस्तैदी से रीट परीक्षा को सफल बनाने में जुटे रहे।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दृढ़ फैसले का ही परिणाम है कि प्रदेश में पहली बार संपन्न हुई इतनी बड़ी परीक्षा बिना किसी व्यवधान के शांतिपूर्वक संपन्न हुई तथा परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। रीट परीक्षा के दौरान राजस्थान के लोगों ने सभी परीक्षार्थियों की तन मन धन से सेवा की। जहां कहीं भी बड़े शहरों, कस्बों, गांवों में रीट के परीक्षा केंद्र थे। वहां बाहर से आने वाले परीक्षार्थियों के लिए रहने व खाने की व्यवस्थाओं में लोगों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया।

जिस समय कोरोना महामारी आई थी उस दौरान प्रदेश के सभी लोग एक दूसरे की सेवा करने में जुट गए थे उससे भी बढ़कर नजारा रीट परीक्षा के आयोजन के दौरान देखने को मिला। इस दौरान सरकारी विभाग पूरी मुस्तैदी से कार्य कर रहे थे। उसके साथ ही सभी गैर सरकारी संगठन, सामाजिक संगठन, समाज सेवी, भामाशाह व दानदाताओं ने बढ़-चढ़कर अपनी तरफ से परीक्षार्थियों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए हर तरह से सहायता उपलब्ध करवाई। बहुत से स्थानों पर तो जनप्रतिनिधियों ने भी सकारात्मक भूमिका निभाई।

रीट की परीक्षा में राजस्थान (Rajasthan Eligibility Test) के अलावा पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, गुजरात सहित देश के अन्य कई प्रदेशों के परीक्षार्थी भी परीक्षा देने आए हुए थे। जिन को वास्तविक रूप में तो राजस्थान की भौगोलिक स्थिति का भी ज्ञान नहीं था। मगर अपने परीक्षा केंद्रों वाले स्थानों पर पहुंचने के बाद उन्हें बिल्कुल भी इस बात की कमी महसूस नहीं हुई कि वह किसी दूसरे प्रांत में परीक्षा देने आए हुए हैं। जहां-जहां भी परीक्षा केंद्र स्थापित किए गए वहां के लोगों ने पूरे समर्पण भाव से परीक्षार्थियों की सेवा को अपना कर्तव्य समझकर काम किया।

जिस का ही परिणाम है कि आज राजस्थान में इतनी बड़ी परीक्षा बड़े आराम से संपन्न हो गई। रीट परीक्षा के सकुशल संपन्न होने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी सभी प्रदेशवासियों, राज्य सरकार के सभी कर्मचारियों का आभार प्रकट किया है। हालांकि इस परीक्षा के आयोजन के दौरान जयपुर जिले के चाकसू के पास एक बड़ी सड़क दुर्घटना भी हो गई थी।

जिसमें बांरा जिले से सीकर जिले में परीक्षा देने जा रहे 6 परीक्षार्थियों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। लेकिन इसके अलावा और कहीं बड़ी दुर्घटना नहीं हुई। रीट परीक्षा में किसी तरह की परेशानी नहीं हो इसके लिए प्रदेश के सभी व्यापारियों ने भी उस दिन स्वेच्छा से अपने व्यापारिक प्रतिष्ठानों को बंद रखा ताकि परीक्षा देने आने वालों के वाहन बेरोकटोक चल सके व रास्ते में कहीं जाम की स्थिति का सामना नहीं करना पड़े।

इतनी बड़ी परीक्षा (Rajasthan Eligibility Test) का आयोजन संपन्न होने पर हर प्रदेशवासी खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है। सरकार को भी मनोबल काफी बढ़ा है। जिससे भविष्य में राजस्थान सरकार इससे भी बड़ी परीक्षा का आयोजन करवा सकती है। रीट की परीक्षा जहां परीक्षार्थियों के लिए एक परीक्षा थी वही प्रदेश वासियों के लिए भी एक बड़ी परीक्षा की घड़ी थी। जिसमें सभी प्रदेशवासी पास हो गयें हैं। रीट की परीक्षा के संपन्न होने पर हम पूरे गर्व के साथ कह सकते हैं कि एक बार फिर आवो नी पधारो म्हारे देश।

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