Raipur RTO & Traffic Police : एक बाइक पर बेख़ौफ़ घूमते पांच युवाओं की वीडियो वायरल…ट्रैफिक पुलिस बेखबर
रायपुर/नवप्रदेश। Raipur RTO & Traffic Police : पेंशनबाड़ा इलाके में एक बाइक पर पांच युवक बेख़ौफ़ सवार होकर घूमते दिखे। एक बाइक में पांच सवारी घूमने वालों का वीडियो वायरल होने के बाद भी राजधानी रायपुर की जिला पुलिस और ट्रैफिक पुलिस इनसे बेखबर दिखी।
बता दें कि जगह जगह कैमरे भी लगे हैं। रांग साइड और यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के घर पुलिस फाइन का नोटिस भेज रही है। RTO और ट्रैफिक पुलिस की उदासीनता के चलते बाहरी गाड़ियां खतरा बनी हुई हैं।
चौक-चौराहों में भी ट्रैफिक स्टाफ जुर्माना वसूलते देखा जा सकता है। ऐसे में बेधड़क और बेख़ौफ़ एक स्प्लेंडर बाइक में 5 युवाओं को देखकर सभी उनसे बचकर अपनी गाड़ियां उनके पास से निकालते दिखे। क्योंकि ओव्हरलोड बाइक में सवार पांच युवकों में चलाने वाला बाइक की पेट्रोल टंकी पर बैठकर बड़े ही मुश्किल से गाड़ी चला रहा था।
पांचों युवकों के चेहरे में ऑनलाइन घर में नोटिस आने और जुर्माना राशि पटाने का इसलिए भी कोई खौफ नहीं दिख रहा था क्योंकि बाइक राजस्थान पासिंग थी।
लोकल गाड़ियों, चालकों पर सख्ती
बाहरी राज्यों की गाड़ियां राजधानी रायपुर समेत छत्तीसगढ़ के सभी बड़े जिलों में सरपट दौड़ रही हैं। इन पर कार्रवाई करने की बजाये यातायात पुलिस लोकल गाड़ियों और चालकों पर ही करवाई करती दिखती हैं। जबकि खुद की जान के साथ-साथ दूसरों की जान भी बाहरी राज्यों की गाड़ियां बड़ा खतरा हैं।
एड्रेस इंडेक्स करने का है नियम
परिवहन विभाग के नियमों के मुताबिक छत्तीसगढ़ की सड़कों में दौड़ रहीं गाड़ियों का एड्रेस इंडेक्स करवाना आवश्यक है। स्थानीय परिवहन कार्यालय में बाहरी राज्यों की गाड़ियां अगर रायपुर या छत्तीसगढ़ के किसी भी स्थान पर संचालित किया जा रहा है तो इसकी विधिवत सूचना स्थानीय पता समेत दर्ज करवाने और उसका नॉमिनल सरचार्ज भी देना जरुरी है। यह भी बताना होता है कि कितने दिन वो यहां बाहरी राज्यों की गाड़ियों के साथ चलेंगे।
आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस उदासीन
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में ही बाहरी राज्यों की नंबर प्लेट लगी छोटी, बड़ी, कमर्शियल और मालवाहक समेत हेवी मोटर गाड़ियों की संख्या का कोई हिसाब नहीं है। वैसे तो ये अपडेट करने और रखने का पहला जिम्मा संभागीय और क्षेत्रीय परिवहन विभाग का होता है। फिर ट्रैफिक नियम तोड़ने वाली इन गाड़ियों पर मौके में कार्रवाई का अधिकार ट्रैफिक पुलिस का होता है। आमतौर पर बाहरी नंबर की गाड़ियां ही प्रदेश में वारदात कर बड़े ही आसानी से बच निकलती हैं।
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