Raipur Lawyer Murder Case : किरायेदार वकील निकला कातिल…30 लाख हड़पने के बाद क्लाइंट की हत्या…शव को सीमेंट में भर ट्रॉली में फेंका…दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तारी…

रायपुर, 25 जून| Raipur Lawyer Murder Case : छत्तीसगढ़ की राजधानी में एक दिल दहला देने वाली वारदात का खुलासा हुआ है। वकालत की आड़ में चल रहे धोखाधड़ी और हत्या के षड्यंत्र ने पुलिस और शहर को हिलाकर रख दिया। पेशे से वकील अंकित उपाध्याय ने अपने ही क्लाइंट किशोर पैकरा की 30 लाख रुपये हड़पने के बाद हत्या कर दी, और शव को ट्रॉली बैग में सीमेंट से भरकर सुनसान इलाके में फेंक दिया।
मास्टरमाइंड वकील और पत्नी, 2 और साथी गिरफ्तार
डी.डी. नगर थाना क्षेत्र के इन्द्रप्रस्थ कॉलोनी में इस खौफनाक साजिश को अंजाम दिया गया। इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड आरोपी अंकित उपाध्याय और उसकी पत्नी शिवानी शर्मा (Raipur Lawyer Murder Case)निकले। उनके साथ हत्या में सहयोग करने वाले विनय यदु और सूर्यकांत यदु को भी गिरफ्तार किया गया है।
दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तारी
घटना के बाद दोनों मुख्य आरोपी फरार हो गए थे और दिल्ली भागने की फिराक में थे। लेकिन पुलिस की सतर्कता से दिल्ली एयरपोर्ट पर फ्लाइट से उतरते ही दोनों को हिरासत में ले लिया (Raipur Lawyer Murder Case)गया। इस कार्रवाई में रायपुर क्राइम ब्रांच, साइबर यूनिट और डी.डी. नगर पुलिस की अहम भूमिका रही।
घटना की मुख्य बातें
आरोपी वकील ने मृतक किशोर से 30 लाख रुपये लिए, जमीन बेचकर रकम हड़प ली
जब मृतक ने दबाव बनाया, तो हत्या की साजिश रची
किराये का फ्लैट लिया, ट्रॉली और टिन पेटी खरीदी गई
गला घोंटकर और चाकू मारकर हत्या की (Raipur Lawyer Murder Case)गई
शव को सीमेंट में भरकर ट्रॉली बैग और टिन पेटी में डालकर सुनसान जगह फेंका
आरोपियों ने सीसीटीवी से बचने के लिए चेहरे स्कार्फ से ढंके
आरोपियों के खिलाफ दर्ज अपराध
धारा 103(1), 238क, 61(2), 3(5) बी.एन.एस. के तहत अपराध क्रमांक 255/25 में मामला दर्ज किया गया है।
जब तक गुनहगार नहीं पकड़े जाते, पुलिस ने नहीं ली राहत
पुलिस की पांच टीमें गठित कर पूछताछ, फॉरेंसिक जांच, सीसीटीवी फुटेज, बैंक ट्रांजेक्शन और कॉल डिटेल के जरिए अपराधियों की पहचान और गिरफ्तारी की गई। दिल्ली एयरपोर्ट पर आईजी रायपुर श्री अमरेश मिश्रा और एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह की सतर्क निगरानी में टीम ने गिरफ्तारी को अंजाम दिया।
फॉरेंसिक जांच ने खोले राज
शव सीमेंट से ढका था और बदबू से पहचान हुआ। घटना स्थल पर फॉरेंसिक विशेषज्ञ डॉ. भास्कर बनर्जी, अजय साहू (फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट) और पुलिस अधिकारियों की टीम ने हर साक्ष्य को वैज्ञानिक पद्धति से दर्ज किया।