पुणे पोर्श एक्सीडेंट केस अपडेट: बिल्डर बेटे का ड्राइविंग डेटा, डैशकैम रिकॉर्डिंग जुटाई गई, तेज रफ्तार, रैश ड्राइविंग का होगा खुलासा…

पुणे पोर्श एक्सीडेंट केस अपडेट: बिल्डर बेटे का ड्राइविंग डेटा, डैशकैम रिकॉर्डिंग जुटाई गई, तेज रफ्तार, रैश ड्राइविंग का होगा खुलासा…

Pune Porsche Accident Case Update: Builder son's driving data, dash cam recording collected, speeding, rash driving will be revealed…

Pune Porsche Accident Case Update

-पोर्श की टीम आरटीओ के साथ मिलकर कार की जांच कर रही

पुणे। Pune Porsche Accident Case Update: पोर्शे दुनिया भर में मशहूर लग्जरी कार कंपनी है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से बिल्डर विशाल अग्रवाल का लाडला बेटा प्रताप पुणे ही नहीं बल्कि पूरे देश में बदनाम हो गया है। एक बिल्डर के शराबी बेटे द्वारा तेज गति से गाड़ी चलाते हुए दो लोगों को कुचल दिया था। इस हादसे के बाद पोर्शे कार शहर में चर्चा का विषय बनी हुई है। पोर्शे की टीम हादसे की जांच के लिए पुणे पहुंची है और कार में दर्ज जानकारी जब्त कर ली है।

पोर्श की टीम आरटीओ के साथ मिलकर कार का निरीक्षण कर रही है। कार का ऐसा निरीक्षण मशहूर बिजनेसमैन साइरस मिस्त्री की आकस्मिक मौत के बाद मर्सिडीज (Pune Porsche Accident Case Update) कंपनी ने किया था। इसमें हादसे के वक्त कार की स्पीड, कितनी बार कार चलाई गई, हार्ड ब्रेकिंग, सीट बेल्ट लगी थी या नहीं समेत कई चीजें जुटाई गईं। इन लग्जरी कंपनियों की कारें एक चिप से लैस होती हैं। इसमें ये डेटा सेव होता है। अब इस तरह की तकनीक का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक स्कूटर में भी किया जा रहा है।

पोर्शे तकनीशियन कार का निरीक्षण कर रहे हैं। इसमें स्पीड, समय, कितनी बार कार को जोर से ब्रेक लगाया गया, कितनी बार कार को तेज गति से चलाया गया, इसका डेटा आरटीओ को दिया जाएगा। कार में इनबिल्ट डैशकैम भी है। उसकी रिकार्डिंग भी प्राप्त कर ली गई है। इस सारी जानकारी का इस्तेमाल बिल्डर बाला के खिलाफ मजबूत सबूत के लिए किया जाएगा।

बिल्डर विशाल अग्रवाल के वकीलों ने कोर्ट में दावा किया था कि पोर्शे कार (Pune Porsche Accident Case Update) में दिक्कत थी। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि कंपनी से इसकी शिकायत की गयी है। इसी पृष्ठभूमि में पोर्शे टीम पुणे आई है। इससे यह तय करने में मदद मिलेगी कि यह दावा सही है या गलत।

ब्लड सैंपल रिपोर्ट ही सबूत नहीं…

19 मई की रात करीब 2:30 बजे कल्याणीनगर इलाके में एक हादसा हुआ। इसके बाद कंस्ट्रक्शन कारोबारी विशाल अग्रवाल के नाबालिग बच्चे को हिरासत में ले लिया गया। हादसे के बाद सुबह करीब 9 बजे बच्चे को ससून अस्पताल ले जाया गया। सुबह करीब ग्यारह बजे खून के नमूने लिये गये। ससून अस्पताल में प्रारंभिक रक्त परीक्षण रिपोर्ट नकारात्मक आई।

पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार को इस रिपोर्ट पर संदेह हुआ और 19 मई को शाम 7 बजे के आसपास औंध के जिला अस्पताल में नाबालिग बच्चे से रक्त के नमूने लिए गए। ब्लड सैंपल की रिपोर्ट रविवार (26) को पुलिस को मिली। दोनों रिपोर्टों में बच्चे के रक्त में अल्कोहल नहीं पाया गया। इस मामले में दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है और खून का नमूना बदलने के आरोप में ससून के डॉक्टर को भी गिरफ्तार किया गया है।

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