Prison Escape Case : जेल से फरार हत्या के आरोपित ने प्रहरी पर लगाए गंभीर आरोप, जांच के आदेश

Prison Escape Case

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Prison Escape Case : हत्या के मामले में सजा काट रहा एक बंदी (Prison Escape Case) इलाज के दौरान अस्पताल से फरार हो गया, लेकिन कुछ ही दिनों बाद उसने बिलासपुर कलेक्टर के सामने आत्मसमर्पण (Prison Escape Case) कर सभी को चौंका दिया। फरारी से पहले उसने जेल कर्मचारियों पर रिश्वत और प्रताड़ना के गंभीर आरोप (Prison Escape Case) लगाए। अब इन आरोपों की जांच डीआईजी जेल एसएस तिग्गा करेंगे। वहीं, अंबिकापुर पुलिस ने आरोपित को फिर से गिरफ्तार कर जेल में दाखिल कर दिया है।

मल्हार निवासी मुकेश कांत (Prison Escape Case) को हत्या के अपराध में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। वह वर्ष 2020 में पैरोल पर छूटा था लेकिन तीन साल तक जेल वापस नहीं लौटा। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर दोबारा जेल भेजा। जेल प्रशासन के अनुसार, बिलासपुर जेल में रहते हुए उसने कई बार कैदियों से झगड़े और रंगदारी (Prison Escape Case) के मामले में दोषी पाया गया था। इसी कारण उसे जनवरी 2024 में अंबिकापुर जेल स्थानांतरित किया गया।

अस्पताल से भागा, फिर खुद किया आत्मसमर्पण

चार अक्टूबर को तबीयत बिगड़ने पर उसे पुलिस गार्ड की निगरानी में अंबिकापुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन छह अक्टूबर की सुबह वह गार्ड को चकमा देकर भाग निकला। पुलिस की कई टीमों ने उसकी तलाश शुरू की, तभी सात अक्टूबर को मुकेश कांत बिलासपुर कलेक्टर कार्यालय (Prison Escape Case) पहुंचा और आत्मसमर्पण कर दिया। अगले दिन जब अंबिकापुर पुलिस उसे गिरफ्तार करने पहुंची, तो उसने बताया कि उसने कथित रूप से सैनिटाइजर और दर्द निवारक गोलियां खा लीं, जिसके बाद उसे सिम्स अस्पताल, बिलासपुर में भर्ती कराया गया।

अंबिकापुर जेल स्टाफ पर लगाए आरोप

मुकेश की पत्नी ने मीडिया के सामने बयान देते हुए कहा कि अंबिकापुर जेल के कर्मचारियों (Prison Escape Case) ने उससे पैसे की मांग की और उसके पति के साथ मारपीट की। इन आरोपों की जांच डीआईजी जेल एसएस तिग्गा को सौंपी गई है। इस बीच, फरारी की घटना में आरक्षक मदन पैकरा को लापरवाही के लिए निलंबित कर दिया गया है। जेल प्रशासन का कहना है कि बंदी बार-बार बिलासपुर जेल में ही रहने की इच्छा जताता था क्योंकि उसका परिवार कोनी क्षेत्र में रहता है।

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