Political Crisis in Pakistan : अविश्‍वास प्रस्‍ताव से पहले इमरान की राष्‍ट्रीय सुरक्षा समिति के साथ बैठक

Political Crisis in Pakistan : अविश्‍वास प्रस्‍ताव से पहले इमरान की राष्‍ट्रीय सुरक्षा समिति के साथ बैठक

Political Crisis in Pakistan: Before the no-confidence motion, Imran's meeting with the National Security Committee

Political Crisis in Pakistan

इस्‍लामाबाद। Political Crisis in Pakistan : विपक्ष के अविश्‍वास प्रस्‍ताव से जूझ रहे इमरान खान ने गुरुवार को राष्‍ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक बुलाई। पाकिस्‍तान में राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा के लिए सर्वोच्च मंच है। चूंकि एनएससी बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं इसलिए इमरान ने बैठक की अध्‍यक्षता की। बैठक में सेवा प्रमुख, प्रमुख मंत्रियों समेत दिग्‍गज अधिकारी शामिल हुए। बैठक प्रधानमंत्री के आवास पर हुई। 

इस बीच सियासी अटकलों का बाजार भी गर्म है। समाचार एजेंसी एएनआई ने जियो (Political Crisis in Pakistan)न्‍यूज के हवाले से बताया है कि इमरान खान ने विपक्ष के सामने एक अजीब शर्त रखी है। सूत्रों की मानें तो इमरान ने अविश्वास प्रस्ताव वापस लेने पर नेशनल एसेंबली को भंग करने की पेशकश की है। एक ‘महत्वपूर्ण शख्सियत’ ने विपक्ष के नेता शाहबाज शरीफ को इमरान का यह संदेश पहुंचाया है।

मालू‍म हो कि सत्‍ताधारी गठबंधन में शामिल एक अहम दल मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) ने भी इमरान का साथ छोड़ दिया है। एमक्यूएम-पी ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में मतदान का एलान किया है जिससे इमरान खान की सरकार अल्पमत में आ गई है। इमरान खान ने सरकार गिराने के पीछे विदेश साजिश बताया है। साथ ही इससे जुड़े एक पत्र के कुछ मजमून को अपने कैबिनेट के सहयोगियों से साझा किया है। इमरान ने रविवार को रैली में इस पत्र लहराते हुए कहा था कि विदेशी ताकतें उनकी सरकार गिराना चाहती हैं।

हालांकि इमरान खान ने इस पत्र को मीडिया से साझा नहीं किया है। उनका कहना है कि पत्र में परिणाम भुगतने की चेतावनी दी गई थी। वहीं इस्तीफे की अटकलों के बीच पाक के गृह मंत्री राशिद खान ने दावा किया है कि इमरान अंतिम गेंद तक खेलेंगे।

समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक इमरान खान (Political Crisis in Pakistan) विदेशी साजिश वाले पत्र और इसके असर को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा समिति और इसके नेताओं के साथ बैठक की योजना बना रहे हैं। सत्‍ता पक्ष का कहना है कि विपक्ष की सरकार गिराने की कोशिश विफल होगी। अविश्वास प्रस्ताव पर तीन अप्रैल को नेशनल एसेंबली में मतदान कराए जानें की संभावनाएं हैं।  

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