Police Commissioner System Raipur : रायपुर में पुलिस कमिश्नरी लागू करने की उलटी गिनती शुरू, अगली कैबिनेट में होगा ऐतिहासिक फैसला

Police Commissioner System Raipur

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Police Commissioner System Raipur : राजधानी रायपुर में प्रस्तावित (Police Commissioner System Raipur) पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। गृह विभाग ने इसके लिए तीन संभावित विकल्प तैयार कर लिए हैं, जिन पर दीपावली के बाद होने वाली कैबिनेट बैठक में अंतिम फैसला लिया जाएगा।

अगर सब कुछ तय समय पर हुआ, तो 1 नवंबर से रायपुर में पुलिस कमिश्नरी प्रणाली लागू हो सकती है। सूत्रों के अनुसार, गृह विभाग ने पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू) से (Police Commissioner System Raipur) व्यवस्था को लेकर प्रतिवेदन मांगा था।

इस पर एडीजी प्रदीप गुप्ता की अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय समिति ने रिपोर्ट तैयार कर भेज दी है। समिति में आईपीएस अजय यादव, ओपी पाल, अभिषेक मीणा, संतोष सिंह और अमरेश मिश्रा सदस्य रहे।

प्रतिवेदन के आधार पर गृह विभाग ने कमिश्नर की नियुक्ति के लिए तीन विकल्प तैयार किए हैं। पहला विकल्प एडीजी रैंक, दूसरा आइजी और तीसरा डीआइजी स्तर के अधिकारी की पोस्टिंग का सुझाव है। इस पर फैसला होने के बाद संयुक्त पुलिस कमिश्नर और डिप्टी कमिश्नर के पदों की संख्या भी शीर्ष पद के स्तर के अनुसार तय की जाएगी।

प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, (Police Commissioner System Raipur) लागू होने के बाद कमिश्नर से लेकर थाना प्रभारी तक 60 से अधिक अफसरों की नई तैनाती होगी। गृह विभाग ने महाराष्ट्र, ओडिशा, कर्नाटक और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों की पुलिस कमिश्नरी प्रणाली का अध्ययन भी किया है। वर्तमान में देश के 167 शहरों में यह प्रणाली पहले से लागू है। रायपुर के बाद दुर्ग में भी अगले वर्ष पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने की योजना है, ताकि शहरी क्षेत्रों में कानून व्यवस्था को और अधिक मजबूत किया जा सके।

यह है प्रावधान

पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने के लिए विधानसभा में कानून पारित कराना होगा या राजपत्र में अध्यादेश जारी करना आवश्यक होगा। साथ ही मौजूदा पुलिस अधिनियम (पुलिस अधिनियम, 1861) में संशोधन या नया कानून बनाना पड़ेगा। इसके तहत पुलिस कमिश्नर को जिला मजिस्ट्रेट जैसी कार्यकारी शक्तियां मिलेंगी।

इससे कमिश्नर को कानून-व्यवस्था, अपराध नियंत्रण और शांति बनाए रखने के लिए तत्काल निर्णय लेने की शक्ति मिलेगी, जिससे प्रशासनिक प्रक्रिया अधिक प्रभावी और पारदर्शी हो जाएगी।