केंद्र ने बढ़ाया धान का एमएसपी, 14 साल बाद बदली एमएसएमई की परिभाषा |

केंद्र ने बढ़ाया धान का एमएसपी, 14 साल बाद बदली एमएसएमई की परिभाषा

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  • केंद्रीय मंत्रिमंडल के अहम फैसले
  • खरीफ सीजन 2020-21 की 14 फसलों के लिए मिलेगा बढ़ा एमएसपी
  • केंद्र का दावा- उत्पादन लागत का 1.5 गुना एमएसपी किया तय
  • मध्यम इकाइयों की परिभाषा बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये का निवेश और 250 करोड़ रुपये का टर्नओवर किया गया

ई दिल्ली/नवप्रदेश। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (pm modi) की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल (modi cabinet) की सोमवार हुई बैठक में कोरोना महामारी के मद्देनजर कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए।

ये फैसले किसानों, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (msme) क्षेत्र और रेहड़ी विक्रेताओं के रूप में काम करने वाले लोगों के हित में लिए गए। इसके तहत धान (paddy) समेत 14 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (msp) बढ़ा दिया गया। बढ़ा हुआ एमएसपी आसन्न खरीफ सत्र की फसलों पर से मिलने लगेगा।

केंद्र ने धान (paddy) के एमएसपी (msp) को 53 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाकर इसे अब 1868 रुपए कर दिया है। वहीं दूसरी एमएसएमई को आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत की गई घोषणाओं का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया गया। एमएसएमई परिभाषा में बढ़ोतरी का संशोधन किया गया है। 14 साल बाद यह यह संशोधन हुआ है।

इस पैकेज के तहत एमएसएमई क्षेत्र के लिए न केवल पर्याप्त आवंटन किया गया है, बल्कि अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के उपायों के कार्यान्वयन में भी प्राथमिकता दी गई है। कई प्रमुख घोषणाओं से संबंधित कार्यान्वयन पहले ही शुरू किए जा चुके हैं। केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत अन्य घोषणाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए रोड मैप भी तैयार किया है।

ऐसे समझें कैबिनेट का हर फैसला

एमएसएमई की नई परिभाषा

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (pm modi) की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल (modi cabinet) की सोमवार हुई बैठक में एमएसएमई (msme) परिभाषा को और संशोधित करने का निर्णय लिया। पैकेज घोषणा में सूक्ष्म मेन्यूफैक्चरिंग और सेवा इकाई की परिभाषा को बढ़ाकर एक करोड़ रुपयों के निवेश तथा 5 करोड़ रुपयों का कारोबार कर दिया गया है। लघु इकाई की सीमा बढ़ा कर 10 करोड़ रुपये का निवेश तथा 50 करोड़ रुपये का टर्नओवर कर दिया गया है। इसी प्रकार एक मध्यम इकाई की निवेश सीमा को बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये तथा 100 करोड़ रुपये का कारोबार कर दिया गया है। गौरतलब है कि 2006 में एमएसएमई डेवलपमेंट एक्ट के अस्तित्व में आने के 14 साल बाद यह संशोधन किया गया है।

तनावग्रस्त एमएसएमई के लिए 20 हजार करोड़ का ऋण

यह एमएसएमई क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने और अधिक नौकरियां पैदा करने में मदद करेगा। तनावग्रस्त एमएसएमई को इक्विटी सहायता प्रदान करने के लिए अधीनस्थ ऋण के रूप में 20,000 करोड़ रुपये के प्रावधान किया गया है। इससे 2 लाख स्ट्रेस्ड एमएसएमई को फायदा होगा। एमएसएमई के लिए 50,000 करोड़ रुपये के इक्विटी निवेश के लिए प्रस्ताव को भी अनुमोदित कर दिया गया। यह एमएसएमई को ऋण-इक्विटी अनुपात के प्रबंधन और उनकी क्षमता वृद्धि में मदद करने के लिए एक ढांचा तैयार करेगा। यह उन्हें स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध होने का अवसर भी प्रदान करेगा।

रेहड़ी विक्रेताओं की मदद

आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने रेहड़ी विक्रेताओं को सस्ते ब्याज पर कर्ज प्रदान करने के लिए एक विशेष माइक्रो-क्रेडिट सुविधा योजना ‘पीएम स्व-निधिÓ- प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्म निर्भर निधि शुरू की है। यह योजना उन्हें फिर से काम शुरू करने और अपनी आजीविका कमाने में सक्षम बनाने के लिए एक लंबा रास्ता तय करेगी। विभिन्न क्षेत्रों संदर्भों में वेंडर, हॉकर, ठेले वाले, रेहड़ी वाले, ठेली फलवाले आदि सहित 50 लाख से अधिक लोगों को इस योजना से 10-10 हजार तक का कर्ज मिलने की संभावना है।

इन वस्तुओं को शामिल किया रेहड़ी वालों के व्यवसाय में

रेहड़ी वालों के द्वारा आपूर्ति की जाने वाली वस्तुओं में सब्जियां, फल, रेडी-टू-ईट स्ट्रीट फूड, चाय, पकौड़े, ब्रेड, अंडे, वस्त्र, परिधान, जूते, कारीगर उत्पाद, किताबें/स्टेशनरी आदि शामिल हैं। सेवाओं में नाई की दुकानें, मोची, पान की दूकानें व कपड़े धोने की दूकानें शामिल हैं। वे लोग कोविड-19 संकट के मद्देनजर जिन समस्याओं का सामना कर रहें है, उनके प्रति भारत सरकार संवेदनशील है। ऐसे समय मेंउन्हें अपने व्यापार को बढ़ावा देने के लिए सस्ती क्रेडिट प्रदान करना सुनिश्चित करने की तत्काल आवश्यकता है। शहरी स्थानीय निकाय इस योजना के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

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14 फसलों का एमएसपी 50 से 83 फीसदी तक बढ़ा


खरीफ सीजन 2020-21 के लिए सरकार ने उत्पादन की लागत का कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने का अपना वादा निभाया है। कृषि लागत और मूल्य आयोग की सिफारिश के आधार पर खरीफ सीजन 2020-21 के लिए 14 फसलों के न्यूनतम समर्थन दामों की घोषणा की गई है। इन 14 फसलों के लिए लागत पर वापसी 50फीसदी से 83फीसदी तक होगी।

कृषि ऋण पुनर्भुगतान की अवधि बढ़ी

भारत सरकार ने बैंकों द्वारा कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए दिये गए 3 लाख रुपये तक के सभी अल्पकालिक ऋणों की पुनर्भुगतान तिथि को 31.08.2020 तक बढ़ाने का भी निर्णय लिया है। किसानों को ब्याज सबवेंशन और शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन का लाभ भी मिलेगा। ऐसे अल्पकालिक कृषि ऋण जिनका भुगतान 1 मार्च 2020 से 31 अगस्त, 2020 के बीच ड्यू है उन्हें बैंकों के 2फीसदी ब्याज सबवेंशन का और किसानों को 3 फीसदी शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन का लाभ लगातार मिलता रहेगा। इसका अर्थ हुआ कि 3 लाख रुपयों तक के कर्ज 4 फीसदी सालाना ब्याज दर पर उपलब्ध होंगे।

ब्याज निवारण योजना भी शुरू


किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से मिलने वाले ऋण सहित रियायती अल्पकालिक फसली ऋण प्रदान करने के लिए ब्याज निवारण योजना शुरू की गई है। पिछले कुछ हफ्तों में कई किसान अपने अल्पकालिक फसल ऋण बकाया के भुगतान के लिए बैंक शाखाओं तक पहुंचने में सक्षम नहीं हो सके हैं। इस कैबिनेट फैसले से करोड़ों किसानों को मदद मिलेगी।

गरीबों का ध्यान रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता


गरीबों और जरूरतमंदों का ध्यान रखना प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना पैकेज की घोषणा में इस संवेदनशीलता की झलक देखने को मिलती है। सरकार की ओर से जो कदम उठाए गए उनमें 80 करोड़ लोगों को खाद्य सुरक्षा का लाभ सुनिश्चित करना, 20 करोड़ महिलाओं के बैंक खातों में नकदी का हस्तांतरण करना, वरिष्ठजन, गरीब विधवाओं और गरीब नि:शक्तजन के खातों में पैसा डालना तथापी एम किसान के तहत करोड़ों किसानों को वित्तीय सहायता मुहैया कराना शामिल है।

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