Party change in Indian Politics : कांग्रेस युक्त होती भाजपा
Party change in Indian Politics : भारतीय राजनीति में आया राम गया राम की प्रथा बहुत पुरानी है। कपड़ों की तरह पार्टी बदलने वाले नेताओं की लंबी फहरिस्त है। आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर एक बार फिर दलबदलूओं ने पाला बदलना शुरू कर दिया है। कहते है न कि उगते सूरज को सभी नमस्कार करते है। लगातार दो बार केन्द्र की सत्ता में रही भाजपा की हैट्रिक लगने की संभावना को मद्देनजर रखकर अन्य विपक्षी पार्टियों के नेता भाजपा में जाने लगे है। इसमें सबसे आगे कांग्रेस है।
हाल ही में गोवा से कंाग्रेस के आठ विधायक भाजपा में (Party change in Indian Politics) आ गए है। मध्यप्रदेश में भी कुछ कांग्रेसी नेता पार्टी छोड़कर भाजपा शरणम् गच्छामी होने वाले है। पार्टी से नाराज ऐसे नेताओं को मनाने की जगह कांग्रेस नेता और मध्यप्रदेश के पूर्वमुख्यमंत्री कमलनाथ ने बयान दिया है कि जो भी कांग्रेसी पार्टी छोड़कर भाजपा में जाना चाहता है चला जाएं, मै उनके लिए कार की व्यवस्था कर दूंगा। ये वहीं कमलनाथ है जिनकी सरकार कांग्रेसी विधायको की बगावत के कारण ही गिरी थी। ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में कांग्रेसी विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।
नतीजतन कमलनाथ की सरकार धाराशाई हो गई थी। इसके बावजूद उन्होने कोई सबक नहीं सीखा है और इस तरह के बयान दे रहे है। कांग्रेस के नेताओं का भाजपा में जिस तरह स्वागत हो रहा है उसे देखते हुए कांग्रेस के और कई असंतुष्ट नेता भाजपा का दामन थामने का मंसूबा बना चुके है। जो भाजपा कांग्रेस मुक्त भारत बनाने का दावा करती आ रही थी वह अब खुद कंाग्रेस युक्त भाजपा बनती जा रही है। यही वजह है कि कांग्रेसी नेताओं ने भाजपा पर निशाना साधना शुरू कर दिया है कि वह कंाग्रेस को तोडऩे का काम कर रही है।
उनके इस आरोप में कितनी सच्चाई है यह तो (Party change in Indian Politics) नहीं कहा जा सकता लेकिन सच तो यह है कि कांग्रेस छोडऩे वाले अधिकांश नेता भाजपा में ही जा रहे है। बहरहाल कांग्रेस को इस बात का चिंतन करना चाहिए कि आखिर कांग्रेस के वरिष्ठ और युवा नेता पार्टी से किनारा कर भाजपा में ही क्यों शामिल हो रहे है।