Parliament Budget Session : संसद में सुचारू काम काज : शुभ संकेत
Parliament Budget Session : संसद के बजट सत्र में आम बजट पारित होने के बाद से सुचारू रूप से काम काज हो रहा है और राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच सार्थतक वार्ता हो रही है। निश्चित रूप से यह एक शुभ संकेत है। इसके पूर्व संसद के पिछले कई सत्र के दौरान हंगामा ज्यादा हुआ है। जिसकी वजह से संसद का काम काज बाधित होता रहा है।
इस बार भी पूर्व के कटू अनूभवों को देखते हुए यह आशंका व्यक्त की जा रही थी कि बजट सत्र भी कहीं हंगामों की भेंट न चढ़ जाए किन्तु अभी तक तो ऐसा कुछ नहीं हुआ है। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लंबा वक्तव्य दिया जिसमें पहली बार ऐसा लगा कि उन्होंने पूरी तैयारी करके अपने विचार व्यक्त किए है। यह अलग बात है कि उनके विचारों से कौन कितना सहमत है। इसके अलावा भी विपक्षी दलों के माननीय सदस्यों ने बजट पर महत्वपूर्ण सुझाव दिए और किसानों की समस्याओं को प्रमुखता के साथ सदन में उठाया अब इसका जवाब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देंगे।
जाहिर है उनका वक्तव्य भी सुनने के लायक रहेगा। सदन (Parliament Budget Session) में इस तरह सुचारू काम काज होता देख देश की जनता को सुखद अनुभूति हो रही है। उम्मीद की जानी चाहिए कि संसद के बजट सत्र में आगे भी इसी तरह की सार्थक चर्चा और बहस देखने को मिलेगी। साथ ही कुछ महत्वपूर्ण विधेयक भी पारित हो सकते है। आठ फरवरी को भाजपा ने अपने सभी सांसदों को अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने की नोटिस जारी किया है। इसके बाद से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि आठ फरवरी को संसद में कुछ बड़ा होने वाला है।
अब यह कौन सा बड़ा फैसला है जो सरकार लेने जा रही है इस बारे में पक्के तौर पर खुद भाजपा सांसदों को भी कुछ पता नहीं है। कयास लगाए जा रहे है कि सरकार आठ फरवरी को राज्यसभा में समान नागरिक संहिता विधेयक प्रस्तुत कर सकती है। दरअसल समान नागरिक संहिता विधेयक को लेकर सत्ता पक्ष वचन बद्ध है। जबकि विपक्ष इसका प्रबल विरोध करता रहा है। हो सकता है सरकार आठ फरवरी को समान नागरिक संहिता विधेयक पेश करें और इसे राज्यसभा में पारित कराने की कोशिश करें।
इसी वजह से राज्यसभा (Parliament Budget Session) के भाजपा सांसदों को विहत जारी की है ताकि सदन में संख्या बल कम ना होने पाए। पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों के मद्देनजर यह विधेयक राजनीतिक कारणों से भाजपा के लिए लाभप्रद सिद्ध हो सकता है क्योंकि लंबे समय से समान नागरिक संहिता लागू करने की मांग उठती रही है और इस बारे में इलाहबाद हाईकोर्ट ने भी अपने एक फैसले में टिप्पणी की थी कि सरकार को जल्द से जल्द समान नागरिक संहिता विधेयक पारित कराना चाहिए। बहरहाल यह सिर्फ अटकले है। हो सकता है सरकार कोई और बड़ा निर्णय लें।