Pariksha Pe Charcha : पीएम मोदी की छात्रों को सलाह- हफ्ते में एक दिन डिजिटल फास्टिंग रखें
नई दिल्ली/नवप्रदेश। Pariksha Pe Charcha : पीएम नरेंद्र मोदी ने लाखों छात्रों के साथ शुक्रवार को ‘परीक्षा पे चर्चा’ की। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। परीक्षा पे चर्चा देश ही नहीं विदेश में भी लोकप्रिय हो रही है। दरअसल, इस बार 155 देशों के छात्रों ने अपने रजिस्ट्रेशन कराए हैं। हालांकि इनमें से ज्यादा भारतीय मूल के ही छात्र हैं। वहीं, पिछले साल के मुकाबले इस बार चर्चा के लिए दोगुने से ज्यादा छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों ने रजिस्ट्रेशन कराए हैं। पीएम से लाखों सवाल पूछे गए हैं, लेकिन समय की कमी के चलते वह कुछ ही सवालों का जवाब दे सके। इस दौरान पीएम मोदी की छात्रों को सलाह देते हुए बोले कि, हफ्ते में एक दिन डिजिटल फास्टिंग रखें।
PM मोदी ने कहा कि ‘परीक्षा पे चर्चा’ मेरी भी परीक्षा है और देश के कोटि-कोटि विद्यार्थी मेरी परीक्षा ले रहे हैं… मुझे ये परीक्षा देने में आनंद आता है। परिवारों को अपने बच्चों से उम्मीदें होना स्वाभाविक है, लेकिन अगर यह सिर्फ सामाजिक स्थिति बनाए रखने के लिए है, तो यह खतरनाक हो जाता है।
PM बोले- कभी भी दबावों के दबाव में न रहें
उन्होंने कहा कि सिर्फ परीक्षा के लिए नहीं वैसे भी जीवन में हमे समय के प्रबंधन के प्रति जागरूक रहना चाहिए। काम का ढेर इसलिए हो जाता है क्योंकि समय पर उसे नहीं किया। काम करने की कभी थकान नहीं होती, काम करने से संतोष होता है। काम ना करने से थकान होती है कि इतना काम बचा है।
PM मोदी ने कहा कि मेहनती बच्चों को चिंता रहती है कि मैं मेहनत करता हूं और कुछ लोग चोरी कर अपना काम कर लेते हैं। ये जो मूल्यों में बदलाव आया है ये सामज के लिए खतरनाक है। अब जिंगदी बदल चुकी है जगत बहुत बदल चुका है। आज हर कदम पर परीक्षा देनी पड़ती है। नकल से जिंदगी नहीं बन सकती है।
उन्होंने कहा कि हम राजनीति में कितने ही चुनाव क्यों न जीत लें लेकिन ऐसा दवाब पैदा किया जाता है कि हमें हारना नहीं है। चारों तरफ से दबाव बनाया जाता है। क्या हमें इन दबावों से दबना चाहिए? अगर आप अपनी एक्टिविटी पर फोकस रहते हैं तो आप ऐसे संकट से बाहर आ जाएंगे। कभी भी दबावों के दबाव में न रहें।
छात्रों को बताई स्मार्ट वर्क की बारिकियां
पीएम मोदी ने कहा कि ऐसे लोग हैं जो बहुत मेहनत करते हैं। कुछ लोगों के लिए कड़ी मेहनत उनके जीवन के शब्दकोश में मौजूद नहीं है। कुछ मुश्किल से स्मार्ट वर्क करते हैं और कुछ स्मार्ट तरीके से हार्ड वर्क करते हैं। हमें इन पहलुओं की बारीकियों को सीखना चाहिए और परिणाम के लिए उसी अनुसार काम करना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक बार आपने इस बात को स्वीकार कर लिया कि मेरी ये क्षमता है ये स्थिति है तो मुझे इसके अनुकूल चीजें खोजनी होगी। ज्यादातर लोग सामान्य होते हैं, असाधारण लोग बहुत कम होते हैं। सामान्य लोग असामान्य काम करते हैं और जब सामान्य लोग असामान्य काम करते हैं तब वे ऊंचाई पर जाते हैं।
PM मोदी ने कहा कि आज दुनिया में आर्थिक तुलनात्मक में भारत को एक आशा की किरण के रूप में देखा जा रहा है। 2-3 साल पहले हमारी सरकार के विषय में लिखा जाता था कि इनके पास कोई अर्थशास्त्री नहीं है सब सामान्य हैं, PM को अर्थशास्त्र के बारे में कुछ नहीं पता। जिस देश को सामान्य कहा जाता था वे आज चमक रहा है।