News of Schools : सिलेबस पूरा नहीं हुआ तो छुट्टियों में लगानी पड़ेगी क्लास
सारंगढ़-बिलाईगढ़/नवप्रदेश। News of Schools : कलेक्टर डॉ.फरिहा आलम सिद्दकी ने आज सारंगढ़ के स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। बैठक में कलेक्टर डॉ.सिद्दकी ने शिक्षा की गुणवत्ता को और अधिक बेहतर करने के लिए अनेक विषयों पर बात की।
उन्होंने हाल ही में जिले में स्कूलों की एक रिपोर्ट (News of Schools) बनवाई थी, उक्त रिपोर्ट के आधार पर उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि जिले के 108 स्कूलों में जिले के तीन ब्लॉक में से हर ब्लॉक के दो या तीन स्कूल ऐसे हैं जिनका रिजल्ट शत प्रतिशत है, लगभग 5-6 स्कूल ऐसे हैं जहां 90 प्रतिशत बच्चे पास होते हैं और इसके अलावा बहुत से स्कूल ऐसे हैं जहाँ का रिजल्ट 70 प्रतिशत से भी कम है। कुछ ऐसे भी स्कूल हैं जहाँ का रिजल्ट 30 प्रतिशत से भी कम है। सारंगढ़ ब्लॉक के 32 स्कूल में से 5 स्कूल ऐसे हैं जिनमें बच्चों का रिजल्ट 30 प्रतिशत से नीचे है जो कि बहुत ही निराशाजनक है।
कलेक्टर डॉ.सिद्दकी ने शिक्षा विभाग के सभी लोगों को कहा कि इसमें पुनर्विचार करने की आवश्यकता है, यह आज के समय में घोर चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि ऐसे स्कूलों में कोई माता-पिता अपने बच्चे को नहीं भेजना चाहेगा, यह संबंधित स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी है कि वह इसमें सुधार करे। जो संस्थान हमारा जीविकोपार्जन करती है वहां हम 30-40 प्रतिशत मात्र दे रहे हैं, हमें इसके लिए आत्मग्लानि होनी चाहिए।
समाज के जिस वर्ग के बच्चों के लिए आप काम करते हैं, वही हमारे समाज का आईना है, भविष्य के वे नीति नियंता हैं। आखिर हम उन बच्चों को क्या दे रहे हैं। आपके स्कूल का कोई भी छात्र परीक्षा में अच्छे परिणाम लाता है, तो यह शिक्षक के लिए एक गर्व का विषय होता है। आप सभी अपनी जिम्मेदारी अच्छे से निभाएं और एक शिक्षक का जो काम होता है शिक्षा देना, आप सिर्फ वही काम पूरी मेहनत और लगन से करें और सभी यह लक्ष्य रखें कि आपके स्कूल के बच्चों का परीक्षा परिणाम 90 प्रतिशत से अधिक रहे।
स्कूल के सभी बच्चों को अपने बच्चे की तरह जिम्मेदारी समझें, उन बच्चों में भी कुछ बच्चे ऐसे हो सकते हैं जिनकी पढऩे में कोई विशेष रूचि नहीं होती है लेकिन 90 प्रतिशत बच्चे ऐसे होते हैं जो पढऩा चाहते हैं, हमें उन सभी बच्चों की बेहतरी के लिए अपना काम पूरी जिम्मेदारी के साथ करना होगा। आगे उन्होंने कहा कि हम जिस समाज में रहते हैं वहाँ एक बच्चे के लिए एक बेहतर जीवनशैली के साथ आगे बढऩे का एक ही विकल्प है बेहतर शिक्षा।
अगर उसको बेहतर शिक्षा नहीं मिलेगी, तो वह न सेना में जा पाएगा, न ही खेलकूद में आगे बढ़ पाएगा, न ही कला संगीत सीख पाएगा, न ही व्यापार करने लायक रहेगा, न ही कोई और किसी तरह की पढ़ाई कर पाएगा। हम सभी अपने बच्चों के लिए यह चाहते हैं कि उन्हें बेहतर शिक्षा नसीब हो, यही भाव हमें अपने उन स्कूल के बच्चों के लिए भी रखना होगा जहाँ हम शिक्षा देते हैं तब कहीं जाकर स्कूल का और इस जिले के बच्चों के परीक्षा परिणाम में सुधार होगा।
कलेक्टर डॉ.सिद्दकी ने जिले का औसत प्रतिशत जो 55 प्रतिशत के आसपास है उस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि आने वाले तीन महीनों में आप अपने स्कूल का सिलेबस तय समय पर पूरा करेंगे और पढ़ाई पूरे अनुशासन के साथ करवाएंगे और इसका परिणाम आने वाले 10वीं और 12वीं बोर्ड के परीक्षा परिणाम में दिखना चाहिए। कलेक्टर डॉ. सिद्दकी ने कहा कि शिक्षा का क्षेत्र उनके लिए विशेष रूचि का क्षेत्र है और इसलिए वह स्वयं लगातार जिले की शिक्षा व्यवस्था को और अधिक बेहतर करने के लिए स्कूलों में जाकर सतत् मॉनिटरिंग करेंगी और बेहतरी के लिए जो भी अपने स्तर पर आवश्यक प्रयास होंगे उस पर कार्य करेंगी।
उक्त बैठक में अपर कलेक्टर निष्ठा पाण्डे तिवारी, जिला शिक्षा अधिकारी डेजी रानी जांगड़े, सहायक संचालक रामेश्वर प्रसाद जांगड़े एवं मुकेश कुर्रे, साथ ही जिले के समस्त प्राचार्य एवं शिक्षा विभाग के समस्त पदाधिकारीगण उपस्थित रहे।
कलेक्टर डॉ.फरिहा आलम सिद्दकी ने आज सारंगढ़ के कनकबीरा स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने क्लास में जाकर छात्रों से बात की और उनकी पढ़ाई के बारे में पूछा। साथ ही उक्त स्कूल के प्राचार्य से सभी विषयों के कोर्स पूरा होने की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी ली। कलेक्टर डॉ.सिद्दकी ने छात्रों को आश्वासन दिया कि जिन विषयों का पाठ्यक्रम तय समय में अगर पूरा नहीं हो पाता है, उसके लिए अवकाश के दिनों में अतिरिक्त कक्षाएं लगाई जाएंगी ताकि तय समय पर पाठ्यक्रम पूरा किया जा सके।
उन्होंने कहा कि कनकबीरा स्कूल का रिजल्ट जो कि अन्य स्कूलों की तुलना में अपेक्षाकृत कमजोर रहा है उसे और अधिक बेहतर करने को कहा। उन्होंने 12वीं के छात्रों को संबोधित करते हुए कि यह समय बहुत ही कीमती समय होता है, इस उम्र में हम बहुत तेजी से सीखते हैं और जो हम सीखते हैं वह हमारे साथ जीवन भर रहता है।
उन्होंने यह भी कहा बहुत से छात्र ऐसे होंगे जो ग्रामीण पृष्ठभूमि से ही होंगे, अधिकतर लोगों के अभिभावक कृषि कार्य से संबध्द होंगे, लेकिन आपको इन से आगे भी बढऩा है। अपने माता-पिता का नाम रोशन करना है। चुनौतियां रहती हैं, संसाधनों की कमी भी रहती है। लेकिन उपलब्ध संसाधनों में ही हमें अपना सर्वाेत्तम देने का प्रयास करना चाहिए।
छात्राओं को उन्होंने विशेष रूप (News of Schools) से संबोधित करते हुए कहा कि लड़कियों की ताकत पढ़ाई में ही है, सिर्फ चुल्हा-चौका तक सीमित नहीं रहना है, उससे आगे भी बढऩा है। कलेक्टर डॉ.सिद्दकी ने 12वीं कक्षा के छात्रों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि उनकी कक्षा के जो भी बच्चे 90 प्रतिशत से ऊपर लाएंगे, उन्हें वे स्वयं अपनी ओर से गिफ्ट देंगी। चलते-चलते उन्होंने इस बात का भी आश्वासन दिया कि अगली बार जब वह आएंगी, तो वह खुद बच्चों को पढ़ाएंगी।