New Variants of Corona : कोरोना पर राजनीति उचित नहींं

New Variants of Corona : कोरोना पर राजनीति उचित नहींं

New Variants of Corona: Politics on Corona is not appropriate

New Variants of Corona

New Variants of Corona : एक बार फिर चीनी वायरस कोरोना के नए वैरिएंट बीएफ-७ ने चीन के अलावा अमेरिका, बिटेन और जापान सहित दुनिया के आधा दर्जन देशों में कोहराम मचाना शुरू कर दिया है। चीन में तो खैर हालात बेहद खराब हो चुके है। अमेरिका जैसा देश भी कोरोना के इस नए वैरिएंट से थर्राया हुआ है और उसने मेडिकल इमरजेंसी घोषित कर दी है। गौरतलब है कि २०१९ में चीनी वायरस कोरोना ने चीन के बाद अमेरिका में ही सबसे ज्यादा तबाही मचाई थी। भारत में भी लाखों लोग इससे प्रभावित हुए थे लेकिन भारत ने समय रहते कोरोना का टीका बना लिया और दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीकरण अभियान चलाकर स्थिति पर काबू पा लिया था।

इस बार कोरोना के नए वैरिएंट बीएफ-७ से भारत (New Variants of Corona) को ज्यादा खतरा तो नहीं है क्योंकि यहां टीकाकरण अभियान सफल रहा है लेकिन कोरोना के इस नए वैरिएंट के बारे में अभी दावे के साथ कुछ नहीं कहा जा सकता कि यह कितना घातक होगा इसलिए भारत में भी सावधानी बरतने की सख्त जरूरत है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एहतियाती कदम उठाने शुरू भी कर दिए है क्यों कि भारत में भी बीएफ-७ ने दस्तक दे दी है लेकिन कोरोना को लेकर एक बार फिर राजनीति शुरू हो गई है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बारे में दिशा निर्देश जारी किए है। उन्होने राहुल गांधी से अनुरोध किया है कि वे भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कोरोना प्रोटोकाल का पालन सुनिश्चित करे या फिर भारत जोड़ो यात्रा फिलहाल स्थगित करें।

इस पर कांग्रेस नेताओं ने सवालिया निशान लगाना शुरू कर दिया है और आरोप लगाया है कि भारत जोड़ों यात्रा की सफलता से डरकर केन्द्र सरकार राहुल गांधी की यात्रा को रोकना चाहती है। इस तरह की राजनीति कतई उचित नहीं है। राजनीतिक कार्यक्रम हो या सामाजिक व धार्मिक कार्यक्रम इस पर कोई पाबंदी नहीं है लेकिन इसमें कोरोना के लिए जारी की गई गाईड लाईन का पालन सभी को करना चाहिए। पूर्व में कोरोना गाईड लाईन की अनदेखी करने का दुष्परिणाम हम भुगत चुके है। इसलिए यदि सरकार और देश के ख्यातिनाम चिकित्सा विशेषज्ञ दिशा निर्देश दे रहे है या कोई सलाह दे रहे है तो उसे गंभीरता से लेना चाहिए।

इस बारे में संसद ने सराहनीय कदम उठाया है। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सभी सांसदों के लिए मास्क अनिवार्य कर दिया गया है। इसी तरह हर भीड़भाड़ वाली जगह में मास्क अनिवार्य होना चाहिए। इस बारे में सरकार के निर्देश का इंतजार करने के बदले सभी लोगों को खुद ही जागरूकता का परिचय देना चाहिए और सतर्कता बरतनी चाहिए तभी हम कोरोना के इस नए वैरिएंट बीएफ-७ को भी हराने (New Variants of Corona) में सफल होंगे।

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