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New Finacial Year : आज से होने जा रहे ये बड़े बदलाव, जानें आम जनता पर क्या पड़ेगा असर, मिलेगी राहत या कटेगी जेब

नई दिल्ली, नवप्रदेश। आज यानी 1 अप्रैल से न्यू फाइनेंसियल इयर शुरू हो चुका है। नए फाइनेंसियल इयर की शरुआत के साथ-साथ नये नियमों ने भी दस्तक दे दी है। नियमों में हो रहे बदलाव का सीधा असर लोगों के जेब पड़ने वाला है। न्यू फाइनेंसियल इयर में नई टैक्स नीतियां लागू (New Finacial Year) होंगे।

आज से यानी 1 अप्रैल से देश में नई इनकम टैक्स स्लैब लागू हो गया है। सरकार ने आम बजट 2023 में नई स्लैब का ऐलान किया था, जिसमें स्लैब की संख्या को 6 से घटाकर 5 कर दिया गया था। सरकार ने यह भी कहा है कि नई टैक्स रिजीम डिफॉल्ट होगी। अगर किसी को पुरानी रिजीम चुननी है तो इसके लिए उसे फॉर्म भरना (New Finacial Year) होगा।

आज से इनकम टैक्स की नई स्लैब लागू हो गई है। आम लोगों के लिए अभी तक 5 लाख रुपये की सीमा तक का टैक्स छूट निर्धारित था। जो अब बढ़कर 7 लाख रुपये हो गई है। सरकार ने इसकी घोषणा अपने आम बजट में कर दी थी। हालांकि लोगों को यह सुविधा चयन करने की छूट (New Finacial Year) होगी।

नई टैक्स रिजीम में इनकम टैक्स एक्ट की धारा 87A के तहत टैक्स छूट को 12,500 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दिया गया है। हालांकि, नई रिजीम के तहत सात लाख रुपये तक की कमाई पर जीरो टैक्स लगेगा। इस श्रेणी के लोगों को 80c के तहत मिलने वाली छूट का लाभ नहीं मिल पाएगा।

सफर होगा महंगा

आज से आपका एक्सप्रेसवे पर सफर महंगा होने जा रहा है। एनच पर करीब 10 फीसदी टोल टैक्स में बढ़ोतरी किया गया है। मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर भी टोल की दर बढ़ाया गया है। एक्सप्रेसवे पर अब सफर करने के लिए 18 फीसदी अधिक टोल टैक्स चुकाना होगा। प्रत्येक वित्त वर्ष की शुरूआत में टोल टैक्स में बदलाव किया जाता है।

ज्वैलरी पर हॉलमार्किंग

सोना gold खरीदने के लिए आज से बड़ा बदलाव हो गया है। न्यू फाइनेंसियल इयर में आज से गोल्ड ज्वैलरी पर हॉलमार्किंग अनिवार्य किया गया है। सोने के सभी प्रोडक्ट पर 6 अंकों का अल्फान्यूमेरिक को अनिवार्य किया गया है। 4 अंकों के हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन वाली ज्वैलरी की बिक्री अब नहीं हो सकेगी।

ब्याज दरों में इजाफा

आज से छोटे सेविंग करने करने वाले निवेशकों को डिपॉजिट पर अधिक ब्याज मिलने लगेगा। सरकार ने अप्रैल-जून 2023 की तिमाही के लिए ब्याज दरों में इजाफा कर दिया है। छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में 70 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया है। वित्त मंत्रालय ने इसके लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। सीनियर सिटीजन स्कीम, मंथली इनकम स्कीम, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट, किसान विकास पत्र और सुकन्या समृद्धि योजना जैसी स्कीमों की ब्याज दरों में इजाफा किया गया है।

म्यूचुअल फंड्स में बदलाव

एक अप्रैल से डेट म्यूचुअल फंड्स mutual funds में बदलाव किये गये हैं। निवेशकों को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स के तहत आज से टैक्स लगने लगेगा। सरकार ने लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स को पूरी तरह खत्म कर दिया है। 36 महीने से पहले डेट म्यूचुअल फंड के रिडिम के बाद अगर कोई यूनिट्स की सेल करता है, तो होने वाले मुनाफे पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स लगता है। लेकिन 36 महीने से अधिक की होल्डिंग के बाद यूनिट्स बेचने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स लगता है।

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