Navratri Guideline : आद्यशक्ति देगी कोरोना के साये में दर्शन...

Navratri Guideline : आद्यशक्ति देगी कोरोना के साये में दर्शन…

Navratri Guideline: Aadyashakti will give darshan in the shadow of Corona...

Navratri Guideline

दूसरे शहर के लोग नहीं कर सकेंगे बम्लेश्वरी की पदयात्रा, वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट अनिवार्य

रायपुर/नवप्रदेश। Navratri Guideline : कोरोना काल में हर त्योहार पर असर पड़ा है। पिछले साल नवरात्रि पर्व नहीं मनाया गया था। नियमानुसार ही मूर्ति की स्थापना कर लोगों को प्रसन्न होना था। इस साल कोरोना की घटती रफ्तार से नवरात्रि पर्व का उत्साह तो नजर आ रहा है, लेकिन शासन के कड़े नियम और कोरोना के साये में आदिशक्ति बैठेगी।

इस नवरात्र में रतनपुर स्थित मां महामाया देवी के दर्शन हो सकेंगे। मंदिर कमेटी के फैसले में यह मंशा जाहिर किया है, हालांकि इसके लिए कड़ाई से कोविड नियमों का पालन करना होगा। खासकर मंदिर दर्शन करने वाले लोगों को वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट दिखाना अनिवार्य होगा। वहीं राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी के दर्शन के लिए दूसरे शहर के लोग पैदल यात्रा नहीं कर सकेंगे। नवरात्र को लेकर गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (जीपीएम) और कोरिया जिले के लिए भी गाइडलाइन जारी की गई है। जिसके तहत इन दोनों ही जिलों में इस बार माता का भंडारा आयोजित नहीं किया जाएगा, और यह लगभग प्रत्येक जिले में लागू है।

मां महामाया मंदिर दर्शन के लिए मंदिर ट्रस्ट (Navratri Guideline) के अध्यक्ष आशीष सिंह ठाकुर और मैनेजिंग ट्रस्टी सुनील सोनथलिया ने आदेश जारी किया है। इस आदेश में कहा गया है कि दर्शन के लिए वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट दिखाना अनिवार्य होगा। यदि किसी भक्त के पास सर्टिफिकेट नहीं है तो वे कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट भी दिखा सकते हैं।

 Navratri Guideline: Aadyashakti will give darshan in the shadow of Corona...
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सीमित समय के लिए ही किया जा सकता है दर्शन

आदेश के अनुसार श्रद्धालुओं इस बार माता के दर्शन तो कर सकेंगे, लेकिन वह सीमित समय के लिए होगा। श्रद्धालु मंदिर में माला, प्रसाद, फूल आदि निर्धारित स्थान में जमा कर काउंटर से प्रसाद प्राप्त कर सकेंगे। नवरात्र में सुबह 7 बजे से रात 10 बजे तक मां महामाया के दर्शन होंगे। सप्तमी के दिन भी रात 10 बजे तक ही दर्शन हो सकेंगे। यहां भी मंदिर समिति ने भक्तों से पदयात्रा नहीं करने की अपील की है। वहीं भंडारा, जगराता जैसे कार्यक्रम भी मंदिर में आयोजित नहीं किए जाएंंगे।

रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य

मां बम्लेश्वरी के लिए पदयात्रा करने वालों के लिए दुर्ग प्रशासन ने एक आदेश जारी किया है। इसमें बताया गया है कि इस बार दूसरे शहर से आने वाले भक्तों के लिए पैदल यात्रा पर प्रतिबंध रहेगा। दुर्ग होकर जाने वाले श्रद्धालु वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट, 72 घंटे पहले कराई गई कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट के साथ ही डोंगरगढ़ की ओर वाहन से ही प्रस्थान कर सकेंगे। इसके लिए ऐप से रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा।

मां दंतेश्वरी के भी होंगे दर्शन

दंतेवाड़ा स्थित मां दंतेश्वरी के दर्शन (Navratri Guideline) की भी अनुमति मंदिर कमेटी ने दी है। इसके पहले मंदिर कमेटी ने दर्शन की अनुमित नहीं दी थी। यह दूसरा साल और चौथा नवरात्र था, जिसमें भक्तों के लिए आराध्य देवी मां दंतेश्वरी मंदिर के पट बंद रहने वाले थे। लेकिन, भक्तों की आस्था का ख्याल रख कमेटी ने दूसरी बैठक रख सर्व सहमति से पूरे 9 दिनों तक मंदिर खोलने का निर्णय लिया है। कलेक्टर दीपक सोनी ने बताया कि कोरोना के कारण इस बार नवरात्र पर्व पर मंदिर में भक्तों के प्रवेश पर रोक लगाई गई थी। भक्तों को माता के लाइव दर्शन करवाए जाते। अब नवरात्र पर श्रद्धालु मंदिर पहुंच माता के दर्शन कर सकेंगे। मगर मीना बाजार, सांस्कृति

रायपुर समेत दूसरे जिलों के गाइडलाइन में ये प्रतिबंध

  • मां बम्लेश्वरी मंदिर में परंपरागत रूप से माता की पूजा-अर्चना नहीं की जाएगी, केवल दर्शन की अनुमति होगी।
  • मां बम्लेश्वरी मंदिर के 10 किमी पहले मुरमुंदा, चिचोला और अन्य डोंगरगढ़ आने वाले रास्तों में चेक प्वाइंट बनाए जाएंगे।
  • सभी दर्शनार्थियों को कोविड जांच रिपोर्ट लाना अनिवार्य होगा।
  • टीके के दोनों डोज लगवाएं हैं, उनको सर्टिफिकेट जांच के बाद ही प्रवेश की अनुमति होगी।
  • मां बम्लेश्वरी मंदिर दर्शन के लिए ऐप तैयार किया जाएगा, जिसमें रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा।
  • रेल यात्रियों को रेलवे स्टेशन से कोविड-19 जांच के बाद ही आने की अनुमति होगी
  • मूर्ति की अधिकतम ऊंचाई 8 फीट होगी।
  • प्लास्टर ऑफ पेरिस से मूर्तियों पर प्रतिबंधित।
  • पंडाल का आकार 15 बाय 15 फीट से अधिक नहीं होना चाहिए।
  • पंडाल के सामने कम से कम 500 वर्ग फीट की जगह खुली हुई होनी चाहिए।
  • पंडाल की वजह से गली या सड़क का यातायात प्रभावित न हो।
  • मंदिरों में तय जगहों पर ज्योत जलेगी।
  • ज्योत दर्शन के लिए आम लोगों को एंट्री नहीं दी जाएगी।
  • पंडाल के सामने दर्शकों के बैठने के लिए कोई अलग से इंतजाम नहीं होगा।
  • एक समय में पंडाल के सामने 50 से अधिक व्यक्ति जमा नहीं हो सकेंगे।
  • मूर्ति दर्शन, पूजा के लिए शामिल होने वाले लोगों को बिना मास्क एंट्री नहीं मिलेगी।
  • मूर्ति स्थापित करने वाले लोगों या समिति को सैनिटाइजर, स्कैनिंग, ऑक्सीमीटर, हैंड वॉश, क्यू मैनेजमेंट का इंतजाम करना होगा।
  • विसर्जन के समय किसी भी प्रकार का भोज भंडारा नहीं होगा।
  • मां दंतेश्वरी के दर्शन करने प्रदेश से ही नहीं, दूसरे राज्य से भी लोग पहुंचते हैं।
  • मां दंतेश्वरी के दर्शन करने प्रदेश से ही नहीं, दूसरे राज्य से भी लोग पहुंचते हैं।

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