काम कर रहे अफसर का कर दिया तबादला,  अंचल के ग्रामीणों को बिजली व्यवस्था सुधरने की जगी थी आस

काम कर रहे अफसर का कर दिया तबादला,  अंचल के ग्रामीणों को बिजली व्यवस्था सुधरने की जगी थी आस

नवप्रदेश संवाददाता
मुंगेली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश में नई नई टेक्नालॉजी लाने प्रयासरत है। प्रतिदिन नित नये क्षेत्र में विद्युतीकरण विद्युत विभाग तमाम संसाधनों के बावजूद लचर संचालन के चलते नागरिक आज भी निर्बाध बिजली के लिए जूझ रहे है। गांव देहात से भी लचर है जिला मुख्यालय की व्यवस्था एक जिम्मेदार अधिकारी के प्रयासों से सुधार की गुजाइंश बनी थी तो उसका भी स्थानांतरण कर दिया गया।
ज्ञातव्य है कि मुंगेली जिले में विद्युतीकरण की स्थिति काफी अच्छी है गांव गांव में बिजली के तार व खम्मे लगे दिखाई पड़ते है। जनसंख्या वृद्धि व नित नये विकास, नई तकनीक व तमाम भौतिक सुख सुविधाएं विद्युत आधारित होने के कारण बिजली की खपत बढ़ा रहा है। खपत बढऩे से सजग जनप्रतिनिधियों ने विद्युत संसधान मसलन 132 केव्ही, 220 के.व्ही, विभिन्न स्थानों पर सब स्टेशन आदि लाने में कोई कमी नहीं की कमी है तो सिर्फ विभाग के अधिकारियों द्वारा व्यवस्थित संचालन की।
ट्रांसफार्मर के सभी ग्रीप, केबल आदि खतरनाक ढंग से बक्से से बाहर लटक रहे है। इस तरह की छोटी छोटी समस्याओं के लिए सोचना उसे समय पूर्व ठीक करना कुशल व जिम्मेदार अधिकारियों का काम है। परंतु तमाम अव्यवस्था और बार बार बिजली गुल होना। हमारे क्षेत्र के विद्युत अधिकारियों की कार्य कुशलता का बयां स्वंय ही कर देते है। इसके बावजूद नागरिकों को बिजली की समस्या झेलनी पड़ रही है। खासकर रामगढ़ फीडर से जुड़े, बड़ा बाजार, स्टेट बैंक रोड और पाठक पारा में समस्या गंभीर है। किसी भी वक्त बिजली बंद होती है। शिकायत करने के बाद कर्मचारी फाल्ट ढ़ूंढने में 2-3 घंट तो कभी रात रात भर समय लेते है भीषण गर्मी में पेयजल स्तर नीचे चले जाने के चलते पेयजल व्यवस्था पूरी तरह विद्युत पर आधारित है। इसके बावजूद प्रात: 6 से 7 बजे तो शाम को 3-5 बजे के बीच निश्चित तौर विद्युत अवरोध होता है जिसके कारण पानी और बिजली दोनों की समस्या नागरिकों को परेशान करती है।
इस संबंध में गृहिणी पाठक पारा निवासी श्रीमती नंदनी ने बताया कि भारी गर्मी में बिजली की समस्या सबसे बड़ी है। बिजली की कमी से गर्मी के कारण जहां पेयजल की समस्या है वहीं नहाने तथा गर्मी से बचने कूलर आदि के लिए भी पानी की आवश्यकता ज्यादा पड़ती है किसी भी समय अचानक बिजली बंद हो जाती है चाहे वह दिन हो रात हो। सूरज वीडियों एवं इलेक्ट्रिकल्स के संचालक सूरज तिवारी ने बताया कि बिजली के असमय गुल होने से हमारा व्यवसाय काफी प्रभावित हुआ है। इनवर्टर भी जल्दी जवाब दे देता है। भीषण गर्मी व पेयजल की किल्लत अलग है।
गांव देहात से भी लचर है जिला मुख्यालय
संसाधनों की कोई कमी नहीं होने के बावजूद जिला मुख्यालय अथवा क्षेत्र के नागरिकों को निर्बाध बिजली नहीं मिल पा रही है। जगह जगह 40-50 वर्ष पुराने कंडक्टर तार लगे हुए है। जगह जगह जोड़ व झुलते तार के चलते थोड़ा भी हवा चली की कहीं न कहीं तार टूट जाता है या झुलते तार गिरते खम्भों के कारण आपस में चिपक कर विद्युत अवरोध उत्पन्न करते है। मानसून कुछ दिन में पहुंच सकता है। पर तार पर लहकने वाले पेड़ों की डालियां नहीं काटी गई है। झूलते तारों को आपस में ना चिपकने के लिए किया गया व्यवस्था नगण्य है।
अफसर ने जैसे ही समस्याओं को ठीक करना प्रारंभ किया वैसे ही उनका स्थानांतरण
काफी बिगड़ी विद्युत व्यवस्था को दुरस्त करने की आस जगी थी जब एक सहायक ने मुंगेली का कार्यभार संभाला था। समस्या को समझने के बाद जैसे ही उन्होने समस्याओं को ठीक करना प्रारंभ किया ही था कि उनका स्थानांतरण कर दिया गया। नागरिक पुन: सब कुछ होते हुए भी विद्युत समस्या से जूझने विवश है। प्रतिदिन नगर में बिजली बंद होने का औसत निकालों तो ट्रिपिंग 20-30 बार होती होगी। ये अवधि कभी एक मिनट तो कभी 8-8 या 10-10 घंटे भी होती है। नगर को विभिन्न जोन में बांटा गया है ताकि किसी एक क्षेत्र में फाल्ट आने या किसी काम काज से बिजली बंद होने पर अन्य क्षेत्र में बिजली निर्बाध रहे।

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