पश्चिम बंगाल का पूरा वोट गणित: चुनाव नतीजों से ममता यूं ही नहीं हैं लाल

पश्चिम बंगाल का पूरा वोट गणित: चुनाव नतीजों से ममता यूं ही नहीं हैं लाल

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए 42 में से 18 लोकसभा सीटों पर कब्जा किया, लेकिन कभी लेफ्ट और अब ममता के किले में उसकी यह जीत इससे भी कहीं बढ़कर है। चुनाव नतीजों के बाद विधानसभावार वोटों का विश्लेषण राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए परेशान करने वाले संकेत दे रहा है। बता दें कि राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को 42 में से मात्र 22 सीटों से ही संतोष करना पड़ा है।
विधानसभावार चुनावी आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मात्र 28 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त मिली थी, जबकि इस बार के चुनाव में 128 क्षेत्रों में ‘कमल खिला है। उधर, साल 2014 में 214 क्षेत्रों में बढ़त हासिल करने वाली टीएमसी अब केवल 158 क्षेत्रों में सिमटकर रह गई है।
पश्चिम बंगाल में कुल 294 विधानसभा सीटें हैं और राज्य में वर्ष 2021 में विधानसभा चुनाव होने हैं। वर्ष 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में टीएमसी को 211, लेफ्ट को 33, कांग्रेस को 44 और बीजेपी को मात्र 3 सीटें मिली थीं। वोट शेयर में भी बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया है। टीएमसी ने जहां 43.3 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया वहीं बीजेपी को 40.3 प्रतिशत वोट मिले। बीजेपी को कुल 2 करोड़ 30 लाख 28 हजार 343 वोट मिले जबकि टीएमसी को 2 करोड़ 47 लाख 56 हजार 985 मत मिले हैं।
परिणामों के बाद हाई अलर्ट मोड में ममता
पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन और बीजेपी के 129 विधानसभा क्षेत्रों में लीड करने के बाद अब राज्य की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी के अंदर के भीतरघात करने वालों की तलाश शुरू कर दी है। सीएम ममता अब हाई अलर्ट मोड में आ गई हैं। उन्होंने यहां तक कह दिया है कि अब वह पार्टी के काम पर ज्यादा ध्यान देंगी। राज्य में बीजेपी के बेहतर प्रदर्शन ने ममता को अंदर से हिला दिया है। टीएमसी के एक सूत्र ने बताया कि भगवा पार्टी राज्य की अन्य 60 सीटों पर मात्र 4 हजार वोटों से हारी है जो उनकी पार्टी के लिए और ज्यादा चिंता की बात है। ममता ने अपने वरिष्ठ नेताओं को ब्लॉक लेवल पर ऐसे नेताओं की पहचान करने के लिए कहा है जिन्होंने सीपीएम से बीजेपी और कुछ मामलों में टीएमसी से बीजेपी को वोट ट्रांसफर कराने में मदद की। टीएमसी के आंतरिक सर्वे में निकलकर सामने आया है कि टीएमसी को जंगलमहल और नॉर्थ बंगाल में ‘गरीब लोगों के वोट  नहीं मिले। इस इलाके में आदिवासी ज्यादा हैं।
बीजेपी का शानदार प्रदर्शन
इस तरह मात्र पांच साल के अंदर ‘ममता मय  पश्चिम बंगाल बहुत तेजी के साथ भगवा रंग में रंग गया। राज्य के चुनावी नतीजों पर अगर नजर डालें तो बीजेपी ने अपने शानदार प्रदर्शन से न केवल टीएमसी को बल्कि कांग्रेस और वाम दलों को भी करारा झटका दिया है। पिछले चुनाव में 28 क्षेत्रों में बढ़त हासिल करने वाली कांग्रेस इस बार के चुनाव में आठ पर आ गई। इस बार के लोकसभा चुनाव में वामदलों का खाता भी नहीं खुला। पश्चिम बंगाल में तीन साल बाद विधानसभा चुनाव है। ऐसे में ममता के सामने सबसे बड़ी चुनौती भगवा लहर को थामने की है।

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