Mehbooba Mufti : महबूबा मुफ्ती की पाक परस्ती
Mehbooba Mufti : जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक बार फिर पाक परस्त होने का सबूत दिया है। उन्होने कहा है कि भारत की न्यायपालिका से पाकिस्तान की न्यायपालिका बेहतर है। पाकिस्तान में एक व्यक्ति की लिंचिंग हुई तो छह लोगों को फांसी की सजा दे दी गई लेकिन भारत में लिंचिंग के मामलों में कड़ी सजा नहीें मिलती उल्टे लिंचिंग के आरोपियों का स्वागत किया जाता है।
उन्होने यासीन (Mehbooba Mufti) मलिक को उम्र कैद की सजा दिए जाने पर भी आपत्तिजनक बयान दिया और यह कहा है कि उम्र कैद की सजा मसले का हल नहीं है। उन्होने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह अल्पसंख्यकों के साथा अन्याय कर रही है। यह वहीं महबूबा मुफ्ती है जो पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिन्दुओं और सीखों पर होने वाले अत्याचार पर अपनी जुबान खोलने की जहमत नहीं उठाती। महबूबा मुफ्ती की पाक परस्ती कोई नई बात नहीं है।
इसके पूर्व भी वे पाकिस्तान की भाषा बोलती रही है। जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ सेना द्वारा चलाए जा रहे आपरेशन आलआउट का भी उन्होने विरोध किया था। उनका कहना था कि सेना निर्दोष लोगों को मारती है। यही बात पाकिस्तानी हुक्मरान भी करते है। पत्थरबाजों की भी महबूबा मुफ्ती सबसे बड़ी पैरोकार बनी थी। केन्द्र सरकार ने जब जम्मू कश्मीर से ३७० खत्म करने का ऐलान किया तो पाकिस्तान से ज्यादा विरोध तो महबूबा मुफ्ती ने किया था।
उन्होने यहां तक दावा किया था कि यदि ३७० हटा तो कश्मीर में खून की नदियां बह जाएंगी और कोई तिरंगा उठाने वाला ही नहीं मिलेगा लेकिन ३७० खत्म हो गया और वहां किसी ने चू चपड़ तक नहीं की और आज कश्मीर के कोने कोने में पूरी आन बान और शान के साथ तिरंगा लहरा रहा है। यही बात महबूबा मुफ्ती को रास नहीं आ रही है क्योंकि अब उनकी राजनीतिक दुकानदारी बंद होने जा रही है।
यही वजह है कि वे भारत के खिलाफ जहर (Mehbooba Mufti) उगलती रहती है और पाकिस्तान की शान में कसीदे पढ़ती रहती है। समझ में नहीं आता कि इस तरह की भड़काऊ बयानबाजी करने वाली मजबूबा मुफ्ती के खिलाफ केन्द्र सरकार कड़ी कार्यवाही करने से आखिर क्यों हिचकिचा रही है।