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खबर जरा हटके: महाराष्ट्र के मंत्रियों को कक्ष क्रमांक 602 से परहेज, जानें वजह

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मुंबई/नवप्रदेश। महाराष्ट्र के मंत्रियों (maharashtra minister say no to room number 602) पर इन दिनों मानों अंधश्रद्धा (superstition) का भूत सवार हो गया है। ये बात इसलिए हो रही है क्योंकि मुंबई स्थित मंत्रालय का एक कार्यालय कक्ष ऐसा हो गया है, जिसे कोई भी मंत्री स्वीकार करना नहीं चाह रहा है।

दरअसल इस कमरे में जो भी मंत्री बैठा वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका। यही मंत्रियों (minister) के  इस कमरे को अस्वीकार करने के पीछे की वजह या यूं कहे कि अंधश्रद्धा (superstition) बताई जा रही है। महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार 30 दिसंबर हो चुका है।

और अब मंत्रियों maharashtra minister say no to room number (602) को कार्यालय अलॉट करने का काम चल रहा है। लेकिन मंत्रालय की छठी मंजिल पर बने 602 नंबर के कार्यालय में कोई भी मंत्री नहीं जाना चाह रहा है। हालांकि मंत्रियों की ओर से इसके पीछे का कारण नहीं बताया जा रहा है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र (maharashtra) वो राज्य है, जहां अंधश्रद्धा निर्मूलन कानून बन चुका है।

तीन हजार वर्गफीट में फैला है कार्यालय कक्ष

मंत्रालय की छठी मंजिल पर बने इस तीन हजार वर्गफीट के कमरे को अब तक किसी को भी नहीं दिया गया है। इस कार्यालय में एक कॉन्फ्रेंस रूम, कार्यालयीन कर्मचारियों के लिए हॉल व दो बड़ी कैबिन हैं। इसके पहले इस कार्यालय को महाराष्ट्र की सत्ता का केंद्र माना जाता था। पहले इस कार्यालय में मुख्यमंत्री, सबसे वरिष्ठ मंत्री व मुख्य सचिव बैठा करते थे। लेकिन अब इस कार्यालय में बैठने को कोई भी तैयार नहीं है।

खडसे को देना पड़ा इस्तीफा

वर्ष 2014 में भाजपा की सत्ता के दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता व तत्काली मंत्री एकनाथ खडसे को 602 नंबर का यह कार्यालय दिया गया था। लेेकनि अपने कार्यकाल के महज दो वर्षों में ही वे एक घोटाले में फंस गए और उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। खडसे इस कार्यालय से कृषि, राजस्व व अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का कामकाज देखते थे।

फुंडकर की हुई मौत

इसके बाद नए कृषिमंत्री पांडुरंग फुंडकर को ये कार्यालय दिया गया। दो साल में ही फुंडकर की हृदयाघात से मौत हो गई। इसके बाद जून 2019 तक यह कार्यालय किसी को भी नहीं दिया गया। 2019 में भाजपा के अनिल बोंडे को कृषि मंत्रालय के साथ ही उन्हें यह कार्यालय भी दिया गया। लेकिन इस वर्ष हुए विधानसभा चुनाव में वे हार गए और भाजपा भी सत्ता में काबिज नहीं हो सकी। इसके बाद से महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी के कोई भी मंत्री को यह कार्यालय नहीं दिया गया।

अब अजित पवार की भी ना

उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके अजित पवार ने भी इस कार्यालय में काम किया है। लेकिन अब उन्होंने भी यहां बैठने से इनकार कर दिया है। हालांकि सामान्य प्रशासन विभाग का कहना है कि यह सिर्फ अफवाह है। किसी न किसी मंत्री को यह कार्यालय जरूर अलॉट किया जाएगा।

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