Madhyapradesh Mission–2023 : शिव-राज मंत्रिमंडल में फेरबदल की तैयारी, इन मंत्रियों पर लटकी तलवार
भोपाल, नवप्रदेश/ शिवम यादव| मध्यप्रदेश में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में अभी एक साल का समय बचा है। इसके साथ ही बीजेपी चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। चुनावी साल में शिवराज भी अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल करते है। जिसे लेकर चर्चा तेज हो गई है।
प्रदेश में गुजरात चुनाव के बाद बदलाव होने की अटकलें लगाई जा रही (Madhyapradesh Mission–2023) है। इसमें कई नए चेहरों को मौका मिलने तो नॉन परफॉर्मिंग मंत्रियों के टिकट कटने की बात कहीं जा रही है। इसमें सिंधिया कोटे के मंत्री भी शामिल हैं।
शिवराज कैबिनेट में अधिकतम सदस्यों की संख्या 35 हो सकती है, लेकिन अभी मुख्यमंत्री को मिलाकर 31 सदस्य ही है। ऐसे में चुनाव से पहले जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण साधने के लिए चार मंत्रियों के पद भरने और मंत्रियों के विभाग में फेरबदल किया (Madhyapradesh Mission–2023) जाएगा। केंद्रीय नेतृत्व से भी बदलाव को लेकर अनुमति मिल गई है।
शिवराज कैबिनेट में अभी सिंधिया कोटे से 6 कैबिनेट और 3 राज्य मंत्री हैं। ऐसे में चर्चा है कि बीजेपी कोर कमेटी के पास कुछ मंत्रियों की शिकायतें भी पहुंची है। आगामी चुनाव को देखते हुए बीजेपी विपक्ष को किसी प्रकार को कोई मुद्दा नहीं देना (Madhyapradesh Mission–2023) चाहती।
वहीं, कुछ मंत्रियों की परफॉर्मेंस भी ठीक नहीं है। ऐसे में उनको हटा कर नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है। मौजूदा कैबिनेट के 6 मंत्रियों पर सत्ता और संगठन दोनों की नजर है। इसमें बुंदेलखंड के दो, मालवा-निमाड़ से एक, ग्वालियर संभाग के एक, मध्यभारत से एक और विंध्य से एक मंत्री शामिल हैं।
मंत्रिमंडल में दर्जनभर नए चेहरे होंगे शामिल
सूत्रों का कहना है कि शिवराज सिंह चौहान सरकार का तीसरा मंत्रिमंडल विस्तार व फेरबदल दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में होने जा रहा है। इसमें 10 से 12 नए चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल होंगे। वर्तमान में मुख्यमंत्री को मिलाकर कैबिनेट में 30 सदस्य हैं। चार पद रिक्त हैं।
इन चार पदों के साथ नॉन परफॉर्मेंस वाले मंत्रियों को बदला जा सकता है। हाल ही में हुई दो कोर कमेटियों में इस पर सहमति बन गई है, क्योंकि कुछ मंत्रियों की शिकायतें भी कोर कमेटी तक पहुंची हैं। बदले जाने वाले चेहरों की कसौटी पर सिंधिया कोटे के भी लोग शामिल हैं। उनके कोटे से 6 कैबिनेट और तीन राज्य मंत्री हैं।
मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल नवंबर माह में ही संभावित था, लेकिन अब इसे गुजरात चुनाव तक रोका गया है। गुजरात के नतीजे 8 दिसंबर को आ जाएंगे। इसके बाद मप्र में विधानसभा का शीतकालीन सत्र होगा। इसी के बाद बदलाव होगा। केंद्रीय भाजपा की तरफ से हरी झंडी मिल गई है।
माना जा रहा है कि इस विस्तार में मालवा के अलावा विंध्य और महाकौशल अंचल को खास तबज्जों दी जाएगी। इसकी वजह है इन तीनो ही अंचलों की कम यहभागिता होना। बुंदेलखंड अंचल से जहां इस समय एक साथ तीन मंत्री एक ही जिले से हैं तो वहीं ग्वालियर- चंबल अंचल की इस समय शिव कैबिनेट में भरमार बनी हुई है।
इस अंचल से ही सर्वाधिक मंत्री होने की वजह से क्षेत्रीय असमानता की स्थिति बनी हुई है। लगभग यही हाल निगम मंडलों में भी बनी हुई है।
दावेदारों की लंबी लाइन
शिवराज सिंह चुनावी साल में अपने मंत्रिमंडल में विस्तार करते है। अभी सरकार का फोकस आदिवासी वोटरों को साधने पर है। साथ ही मंत्रिमंडल में क्षेत्रीय असंतुलन को भी ठीक करना है।
ऐसे में सरकार जोबट में कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुई सुलोचना रावत और विंध्य-महाकौशल में क्षेत्रीय समीकरण साधने के लिए राजेंद्र शुक्ला, शरतेंदु तिवारी, संजय पाठक को मौका दे सकती है। इसके अलावा पूर्व मंत्रियों को भी शामिल कर उनकी नाराजगी दूर करने की रणनीति के अनुसार काम करेंगी।
क्षेत्रीय और जातीय जमावट
अबकी बार कैबिनेट विस्तार में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन को महत्व दिया जाएगा। वर्तमान समय में शिवराज कैबिनेट 30 में से इस समय 10 मंत्री क्षत्रिय हैं। इनमें महेंद्र सिंह सिसोदिया, गोविंद सिंह राजपूत, अरविंद सिंह भदौरिया, प्रद्युम्न सिंह तोमर, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, यशोधरा राजे सिंधिया, बृजेंद्र प्रताप सिंह, ऊषा ठाकुर, इंदर सिंह परमार और ओपीएस भदौरिया शामिल हैं।
मंत्रिमंडल में 25 प्रतिशत ओबीसी वर्ग के सदस्य हैं। कैबिनेट में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मिलाकर आठ सदस्य भूपेंद्र सिंह, कमल पटेल, मोहन यादव, भारत सिंह कुशवाह, रामकिशोर कांवरे, बृजेंद्र सिंह यादव और सुरेश धाकड़ हैं। वहीं मंत्रिमंडल में तीन एससी और चार एसटी मंत्री हैं।
एससी में जगदीश देवड़ा, तुलसी सिलावट और प्रभुराम चौधरी तथा एसटी में विजय शाह, बिसाहूलाल सिंह, मीना सिंह और प्रेम सिंह शामिल हैं। कैबिनेट विस्तार में मंत्री बनने के लिए जो नए दावेदार हैं उनमें एससी से भोपाल के विष्णु खत्री, गुना के जजपाल सिंह जज्जी और जतारा से हरीशंकर खटीक के नाम चर्चा मे हैं।
ब्राह्मण कोटे से रीवा से राजेंद्र शुक्ला व शरदेंदु तिवारी, कटनी से संजय सत्येंद्र पाठक और ओबीसी से मनोज चौधरी व महेंद्र हार्डिया, एसटी से सुलोचना रावत और अनारक्षित में चेतन कश्यप का नाम भी दावेदारों में शामिल बना हुआ हैं।