Little Vedika : हाय रे किस्मत! 16 करोड़ की इंजेक्शन लगी…दुआएं भी की पर टूटी वेदिका की सांसों की डोर |

Little Vedika : हाय रे किस्मत! 16 करोड़ की इंजेक्शन लगी…दुआएं भी की पर टूटी वेदिका की सांसों की डोर

Little Vedika : Hi Ray Kismat! 16 crores was injected… prayed too but the strings of Vedika's breath broke

Little Vedika

पुणे/नवप्रदेश। Little Vedika : हाय रे किस्मत! जिस वेदिका के लिए लोगों की मदद से एक-दो नहीं बल्कि 16 करोड़ रूपये जुटाकर विदेश से इंजेक्शन मंगवाया था, लाखों लोगों की दुआएं उस नन्हीं बच्ची पर थी, पलभर में सब खत्म हो गया। नन्हीं वेदिका आज इस दुनिया से रूखसत हो गई। नि:संदेह ये घटना उस माता-पिता के लिए बेहद मर्मांहत करने वाली है, जिन्होंने विगत एक साल से लगातार कभी हॉस्पिटल तो कभी मदद के लिए द्वार-द्वार भटकी है।

इस दुखद खबर से पूरा देश सदमे में है, क्योंकि वेदिका (Little Vedika) वह चेहरा थी जिसे आज पूरा देश जानता है। उनके निधन की खबर ने सभी का दिल दुखा दिया है।

आपको ज्ञात हो कि 11 महीने की वेदिका शिंदे स्पाइनल मस्कुलर एट्रीफी (एसएमए टाइप ई-1) से जुझ रही थी। वेदिका के परिवार वालों को फरवरी के अंत में इस बीमारी का पता चला था। उसके बाद वेदिका का इलाज पुणे के दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में शुरू किया।

Little Vedika : Hi Ray Kismat! 16 crores was injected… prayed too but the strings of Vedika's breath broke

इंजेक्शन देने के बाद हालत में हो रहा था सुधार : पिता सौरभ शिन्दो

डेढ़ महीने पहले ही वेदिका (Little Vedika) को इलाज के लिए जरूरी 16 करोड़ रुपये का इंजेक्शन दिया गया था, लेकिन इससे भी वेदिका की जान नहीं बच सकी। वेदिका की मौत रविवार रात को हुई। वेदिका के पिता सौरभ शिंदे ने कहा कि इंजेक्शन देने के बाद उसकी हालत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा था, लेकिन रविवार (1 अगस्त) को उसका ऑक्सीजन लेवल अचानक गिर गया और उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगी थी, तभी उसे पास के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन इस दौरान ही उसकी मौत हो गई।

देशभर से जुटाए 16 करोड़

मासूम वेदिका के इलाज के लिए देशभर से 16 करोड़ रुपयों की आर्थिक मदद जुटाई गई थी. वेदिका का इलाज करवाने के लिए अमेरिका से 16 करोड़ रुपये की इंजेक्शन मंगवाया गया था. इस दौरान केंद्र सरकार ने इस इंजेक्शन के आयात शुल्क को माफ कर दिया था, लेकिन अनहोनी को कोई टाल नहीं सका। पूरे देश की आर्थिक मदद से उसे 15 जून को 16 करोड़ का इंजेक्शन लगाया गया और 16 जून को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इसके बाद वेदिका की हालत में काफी सुधार हो रहा था।

मांसपेशियां थीं कमजोर : डॉक्टर अष्पाक बांगी

इस बीमारी को लेकर डॉक्टर अष्पाक बांगी ने बताया कि इस बीमारी से पीडि़त होने की वजह से वेदिका (Little Vedika) की मसल काफी कमजोर हो चुकी थी, जिसके चलते उसे सांस लेने में परेशानी होने लगी। उसे इलाज के लिए अस्पताल में दाखिल करवाया गया, लेकिन दुर्भाग्य से उसकी मौत हो गई। वेदिका के इस तरह से जाने के बाद उसकी मदद करने वाले कई सारे लोग और उसके परिवार वाले काफी सदमे में है।

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