Land Capture : देवपुरी में सतनामी समाज की जमीन पर कब्जा...

Land Capture : देवपुरी में सतनामी समाज की जमीन पर कब्जा…

Land Capture : Captured land of Satnami society in Devpuri...

Land Capture

समाज ने कब्जा नहीं हटाए जाने की स्थिति में आंदोलन की दी चेतावनी

रायपुर/नवप्रदेश। Land Capture : राजधानी रायपुर के देवपुरी इलाके में सतनामी समाज की जमीन पर रंजीत सैनी और गुरमीत सैनी के द्वारा कब्जा किए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मामले में कई स्तरों पर शिकायत के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने से प्रशासन की भूमिका को लेकर सवाल उठ रहे हैं। सतनामी समाज ने कब्जा नहीं हटाए जाने की स्थिति में आंदोलन की चेतावनी दी है।

चंद रोज पहले सतनामी समाज के चैतराम टोडर ने धर्मगुरू बालदास, मंत्री रुद्रगुरू, शिव डहरिया एवं मुख्य सचिव को शिकायत भेजकर जानकारी दी हैं कि देवपुरी जिला रायपुर के पटवारी हल्का नंबर 73 के खसरा नंबर 206 / एक-रकबा 7.057 हेक्टयर भूमि और खसरा नंबर 206 / दो-0.425 हेक्टयर भूमि सतनामी समाज के चैतराम, गैतराम, पवन बाई पिता मनोहर, बाबा वल्द गोपाल, सातो बाई, प्रेमदास वल्द गोपाल, प्रेमीन, केशर पिता गोपाल के नाम पर दर्ज है। लेकिन इस जमीन पर रंजीत सैनी और गुरमीत सैनी ने कब्जा करके हास्पीटल, आश्रम, सामुदायिक भवन, लंगर हाल और गुरूद्दारे का निर्माण (Land Capture) कर लिया है।

जांच में भी निकला कि कब्जा कर किया गया निर्माण

इस मामले में एक शिकायतकर्ता संजय अग्रवाल ने भी कलेक्टर को शिकायत की थीं। उनकी शिकायत के बाद 15 सितम्बर को पटवारी और राजस्व निरीक्षक ने जांच-पड़ताल कर नायब तहसीलदार को रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में राजस्व निरीक्षक ने साफ-साफ लिखा है कि आश्रम, हास्पीटल सहित अन्य सभी निर्माण कब्जा करके बनाया गया है। खसरा नंबर 206 के खसरे में तीन बटांक है, लेकिन इसमें से किसी भी बटांक पर गुरूद्वारे का नाम नहीं है। इस मामले में नियमानुसार कार्रवाई करना उचित होगा।

उच्च न्यायालय ने भी दिया निर्देश

समाज की लगभग पांच एकड़ जमीन पर कब्जा (Land Capture) किए जाने को लेकर उच्च न्यायालय बिलासपुर में एक याचिका दायर की गई थीं। इस याचिका के बाद अतिक्रमण हटाए जाने को लेकर आदेश पारित किया गया है, लेकिन अब तक कब्जा बरकरार है जिसके चलते लगातार टकराहट की स्थिति बन रही है।

वैसे वर्ष 2009 के आसपास सुप्रीम कोर्ट ने सभी तरह के सार्वजनिक मार्गों, सार्वजनिक उद्चानों एवं सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक संरचना में रोक लगाने को लेकर एक निर्देश दे रखा है। इस निर्देश के परिपालन में छत्तीसगढ़ शासन ने 25 सितम्बर 2010 को कमेटी बनाई थीं।

इस कमेटी में कलेक्टर, अपर कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, नजूल अधिकारी, नगर निगम आयुक्त, लोक निर्माण विभाग और बिजली कंपनी के अधिकारियों को शामिल किया गया है। यह कमेटी अब भी जीवित है। फिलहाल सतनामी समाज की जमीन पर कब्जे का मामला कमेटी के पास भी चला गया है।

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