Korba ki News : बिल्डर को 25 लाख देने के बाद भी नहीं दिया फ्लैट...शिकायत के बाद स्टेट कंज्यूमर फोरम ने दिए ये आदेश

Korba ki News : बिल्डर को 25 लाख देने के बाद भी नहीं दिया फ्लैट…शिकायत के बाद स्टेट कंज्यूमर फोरम ने दिए ये आदेश

Korba ki News: Even after giving 25 lakhs to the builder, the flat was not given ... After the complaint, the State Consumer Forum gave this order

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कोरबा/नवप्रदेश। Korba ki News : शहर के एक बिल्डर ने 25 लाख लेने के बाद भी विक्रेता को फ्लैट देने से इनकार कर दिया। जिसकी शिकायत स्टेट कंज्यूमर फोरम से किया गया। उपभोक्ता आयोग ने फ्लैट की राशि लेने के बाद भी पजेशन नहीं देने वाले प्रमोटर-बिल्डर को खरीदार को पूरी रकम ब्याज सहित वापस करने का आदेश दिया है। साथ ही खरीदार को मानसिक क्षति और मुकदमेबाजी खर्च के रूप में 3.10 लाख रुपये देने को कहा है।

बता दें कि कोरबा (Korba ki News) निवासी प्रतिभा सोनी और अभिलाष सोनी ने स्थानीय प्रमोटर बिल्डर के संचालक (मेसर्स नीरज पटेल एंड मक्खन सिंह धंजल, भूमिराज रियल इन्फ्रा प्रोजेक्ट प्रा. लि.) से आनंदम अपार्टमेंट में फ्लैट खरीदने के लिए सौदा किया। साथ ही 22 नवंबर 2014 को 4 लाख रुपए अग्रिम राशि का भुगतान किया। इसके बाद किस्तों में कुल 25 लाख 34874 रुपए जमा किए।

अनुबंध के अनुसार बिल्डर को 9 माह में फ्लैट का पजेशन देना था। वहीं ब्रोशर के अनुसार व्यक्तिगत पार्किंग, रूफटॉप कम्युनिटी सेंटर बनाकर का निर्माण करना था। लेकिन, बिल्डर ने व्यक्तिगत पार्किंग के स्थान पर गार्डन, विजिटर पार्किंग की जगह को अपने नाम पर नियमित कराकर दो मंजिला भवन और सौर ऊर्जा उपकरण एवं अग्नि शमन की व्यवस्था अमानक स्तर का किया। अनुबंध शर्तो का पालन नहीं करने पर खरीदार ने जमा पैसा ब्याज सहित वापस मांगा। लेकिन बिल्डर ने नियमों का हवाला देते हुए रकम वापस नहीं लौटाया।

जिला फोरम में शिकायत

बिल्डर द्वारा निर्धारित (Korba ki News) अवधि में फ्लैट नहीं देने और ब्रोशर के अनुसार निर्माण नहीं करने पर फ्लैट खरीदार ने कोरबा जिला फोरम में परिवाद दायर किया। जहां स्थानीय फोरम ने खरीदार के पक्ष में फैसला सुनाया। इसके खिलाफ बिल्डर ने राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील की। साथ ही दलील पेश करते हुए बताया कि अनुबंध होने के 15 दिन के बाद बुकिंग कैंसिल करने पर पैसा वापस नहीं की शर्त पहले ही खरीदार को बताई गई थी। स्वयं बकाया राशि का भुगतान कर पंजीयन कराने से मना कर दिया था इस कारण पैसा वापस करने से मना किया।

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