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BREAKING: भाजपा के होने पर सिंधिया बोले- मेरे जीवन में दो तारीखें…, जो कांग्रेस…

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नई दिल्ली /नवप्रदेश। ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scindia speech after joining bjp) ने भाजपा में शामिल होने के बाद कहा कि मेरे जीवन में दो तारीखें अहम रहीं। मेरे जीवन में पहला दिवस 30 सितंबर 2001 जिस दिन मैंने अपने पूज्य पिताजी को खोया।

दूसरी तारीख 10 मार्च 2020 जो उनकी 75वीं वर्षगांठ, जहां जीवन में नई परिकल्पना का  सपना साकार करने का नया निर्णय लिया। राजनीति जनता की सेवा करने से ज्यादा कुछ नहीं होना चाहिए। लेकिन जो आज स्थित उत्पन्न हुई मैं ये विश्वास के साथ कह सकता हूं। जनसेवा के उददेश्य की पूर्ति उस संगठन के माध्यम से नहीं हो रही है। जो पहले कांग्रेस (congress is not like earlier) थी वह आज नहीं रही। वास्तविकता से इनकार किया जा रहा है।

सिंधया (jyotiraditya scindia speech after joining bjp) ने आगे कहा कि नए नेतृत्व को सही मान्यता नहीं मिलना। राष्ट्रीय स्तर के साथ ही मरे गृह राज्य में भी यही स्थिति है। मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले जो सपने बुने गए थे वो 18 माह में सपने बिखर गए। 10 दिन में कर्जमाफी की बात कही गई थी लेकिन यह अब भी नहीं हुआ। ओलावृष्टि का मुआवजा नहीं मिला। आज भी हजारों किसान हैं, जिनके विरुद्ध केस लगे हैं। जहां आज किसान त्रस्त हैं। युवा भी बेरोजगार है। रोजगार के अवसर नहीं है। लेकिन भ्रष्टाचार के बड़े अवसर हो गए। ट्रांसफर उद्योग, रेत माफिया चरम पर है।

मूल्यों के आधार पर कोई व्यक्ति चलता है तो… मैंने निर्णय लिया कि भारत माता को विकास की राह पर चलाना है। मुझे आज प्रधानमंत्री मोदी व नड्‌डा जी ने मंच प्रदान किया कि हम ये काम कर पाए। देश के इतिहास में ऐसा जनादेश आज तक किसी को नहीं मिला जैसा हमारे प्रधानमंत्री मोदीजी को मिला। आज देश का नाम विश्वस्तर पर जो बढ़ाया, जो आज की नहीं बल्कि भविष्य की चुनौतियों को परखकर उनके अनुरूप योजना बनाते हैं। मैं मानता हूं कि भारत का भविष्य उनके हाथ में सुरक्षित है। मैं उत्सुक हूं । नड्‌डा जी के रूप हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में हमारे गृहमंत्री व प्रधानमंत्री के दिखाए राह पर मुझे जनता की सेवा करने का अवसर मिलेगा। इस तरह कांग्रेस (congress is not like earlier) छोड़ चुके सिंधिया ने कांग्रेस की कमियां गिनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

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