संपादकीय: संसद का विशेष सत्र बुलाने का औचित्य

Justification for calling a special session of Parliament
Justification for calling a special session of Parliament: भारत और पकिस्तान के बीच जंग के हालात निर्मित होने के बाद से प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग पर अड़ी हुई है। पिछले दिनों सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी और उसमें पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना द्वारा की जा रही सैन्य कार्यवाही की पूरी जानकारी दी थी।
उस सर्वदलीय बैठक में भी कांग्रेस ने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग उठाई थी लेकिन सरकार ने इस मांग पर विचार नहीं किया। वास्तव में जब दोनों देशों के बीच जंग के हालात बन गए थे तो संसद का विशेष सत्र बुलाने का कोई औचित्य नहीं था। रही बात विपक्ष को विश्वास में लेने की तो सरकार ने एक नहीं बल्कि दो बार सर्वदलीय बैठक बुलाकर विपक्ष को पूरी जानकारी दे दी थी और विपक्ष के सुझावों पर भी गंभीरतापूर्वक विचार किया था।
अब भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम हो गया है तो इस मुद्दे पर भी चर्चा कराने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर संसद का विशेष सत्र बुलाने की अपनी मांग दोहराई है।
हालांकि इस मुद्दे पर संसद का विशेष सत्र बुलाने का कोइ औचित्य नहीं है लेकिन यदि विपक्ष ऐसा चाहता है तो सरकार को संसद का एक द्विवसीय विशेष सत्र बुला लेना चाहिए ताकि संघर्ष विराम को लेकर विपक्ष जो सवाल खड़े कर रहा है, उसका जवाब देकर विपक्ष को संतुष्ट किया जा सके।