महिलाओं को परिवारों में भी समानता का अधिकार मिले: भूपेश बघेल

महिलाओं को परिवारों में भी समानता का अधिकार मिले: भूपेश बघेल

International Women's Day, Women should get the right to equality in families too, Bhupesh Baghel,

International Women's Day

-मुख्यमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर राज्यस्तरीय महिला सम्मेलन को संबोधित किया

छत्तीसगढ़ शासन महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वावलंबन की दिशा में काम कर रहा है

माता कौशल्या मातृ वंदन योजना में अब दूसरी बेटी के जन्म पर भी पांच हजार रुपए की सहायता

रायपुर । International Women’s Day: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राज्य स्तरीय महिला सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में हमेशा से मातृशक्ति का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

  • राज्य के सभी नगर निगमों में बनेंगे सर्वसुविधायुक्त पिंक रूम
  • डायल 112 के साथ-साथ महिलाओं के लिए अलग से हेल्प लाइन नंबर होगा जारी

मुख्यमंत्री (International Women’s Day) ने कहा कि संविधान में महिलाओं को समानता का अधिकार दिया गया है, आज जरूरत परिवार में भी महिलाओं को समानता का अधिकार देने की है, जिससे वे स्वयं ही अपने बारे में निर्णय लेने में सक्षम हो सकें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वावलंबन की दिशा में लगातार काम कर रही है।

    श्री बघेल ने कहा कि जब पुरुष शिक्षित होता है तो उसे लाभ होता है, लेकिन जब महिला शिक्षित होती है तो पूरे परिवार को लाभ होता है, पूरा परिवार शिक्षित होता है और समाज आगे बढ़ता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बालिकाओं और बालकों के लिए 12वीं तक निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की गई है।

स्वामी आत्मानंद के नाम से इस वर्ष 52 अंग्रेजी माध्यम प्रारंभ किए गए हैं, वर्ष 2021-22 के बजट में 119 इंग्लिश माध्यम स्कूलों का और प्रावधान किया गया है। आने वाले समय में हर विकासखंड मुख्यालय में अंग्रेजी माध्यम स्कूल खुलेंगे, जिससे बेटियां विकासखंड में ही अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा प्राप्त कर सकेंगी।

मुख्यमंत्री (International Women’s Day) ने कहा कि महिलाओं के बेहतर पोषण और उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से एनीमिया से पीडि़त 20 हजार महिलाएं स्वस्थ हुई हैं। इस अभियान के माध्यम से एक वर्ष में 99 हजार बच्चे कुपोषण से मुक्त हुए हैं।

मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना, शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना और दाई-दीदी क्लीनिक योजना के माध्यम से महिलाओं को भी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल रहा है। दाई-दीदी क्लीनिक योजना में डॉक्टर सहित पूरा स्टाफ महिला है, जिससे महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी अपनी परेशानी बताने में कोई संकोच न हो।

    मुख्यमंत्री (International Women’s Day) ने कहा कि महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए 20 लाख महिलाओं को स्व सहायता समूहों से जोड़कर उन्हें रोजगार और आय के साधन उपलब्ध कराए गए हैं। गौठानों में महिलाएं वर्मी कंपोस्ट बनाने के साथ कई आर्थिक गतिविधियां संचालित कर रही हैं, लघु वनोपजों के संग्रहण से भी उनकी आमदनी हो रही है।

पूर्व में समर्थन मूल्य पर केवल 07 प्रकार के लघु वनोपजों की खरीदी होती थी, अब इनकी संख्या बढ़ाकर 52 कर दी गई है, इससे भी महिलाओं की आमदनी में बढ़ोतरी हुई है। महिलाएं झाड़ू निर्माण, लाख, कोदो-कुटकी प्रसंस्करण, शहद उत्पादन जैसे विभिन्न कुटिर उद्योगों का भी संचालन कर रही हैं। दंतेवाड़ा में डेनेक्स ब्रांड से ग्रामीण महिलाओं ने रेडिमेड गारमेंट फैक्टरी प्रारंभ की है। नक्सल पीडि़त अंदरुनी क्षेत्रों की महिलाएं भी सिलाई का प्रशिक्षण लेकर इस फैक्टरी में काम कर रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं के लिए सभी नगर निगमों में सर्वसुविधायुक्त पिंक रूम बनाए जाएंगे, जहां महिलाएं साथ आए बच्चों की सहेज-संभाल करने के साथ-साथ उन्हें मिल्क-फीडिंग भी करा सकेंगी। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि आपात स्थिति में महिलाओं समेत कोई भी नागरिक वर्तमान में जारी 112 डायल सुविधा के माध्यम से पुलिस की सहायता प्राप्त कर सकता, लेकिन अब महिलाओं के लिए अलग से भी डायल नंबर जारी किया जाएगा, ताकि पुलिस इस नंबर पर आने वाले कॉल पर और भी तत्परता के साथ कार्यवाही कर सके।

उन्होंने कहा कि आज हर क्षेत्र में महिलाएं पुरुषों से आगे हैं। छत्तीसगढ़ में पंचायती राज संस्थाओं में महिलाएं उनको मिले 50 प्रतिशत आरक्षण से ज्यादा संख्या में चुनकर आ रही हैं। छत्तीसगढ़ विधानसभा में 14 महिला विधायक हैं। देश की विधानसभाओं में सबसे ज्यादा महिलाओं का प्रतिनिधित्व छत्तीसगढ़ विधानसभा में है। श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हमेशा मातृ-शक्ति की आराधना होती रही है। यह भगवान राम की माता कौशल्या, शबरी की भूमि हैं।

छत्तीसगढ़ की पहली महिला सांसद मिनी माता थीं, जिन्होंने संसद में अस्पृश्यता कानून पारित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। लोक गायिका तीजन बाई की पंडवानी की गूंज पूरे विश्व में सुनाई पड़ती है। इसी तरह फूलबासन बाई यादव, शमशाद बेगम, ममता चंद्राकर जैसी छत्तीसगढ़ की महिलाओं ने समाज सेवा से लेकर कला तक विभिन्न क्षेत्रों में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। श्री बघेल ने कहा कि आज महिलाएं धरती, जल और आकाश में भी अग्रणी भूमिका में हैं। महिलाएं आटो चलाने से लेकर लड़ाकू विमान तक उड़ा रही हैं।

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